पटना : यात्रियों को खड़े रहकर इंतजार करने के सिवा कोई चारा नहीं है
पटना : मीठापुर बस स्टैंड में यात्री सुविधाओं की बहुत कमी है. यहां से 300 बसें हर दिन आती-जाती हैं पर स्टैंड में 30 यात्रियों के बैठने की भी जगह नहीं है. इससे आने जाने वालों को परेशानी हो रही है. बस यदि एक-दो घंटे देर से भी आये तो यात्रियों को खड़े रहकर इंतजार […]
पटना : मीठापुर बस स्टैंड में यात्री सुविधाओं की बहुत कमी है. यहां से 300 बसें हर दिन आती-जाती हैं पर स्टैंड में 30 यात्रियों के बैठने की भी जगह नहीं है. इससे आने जाने वालों को परेशानी हो रही है. बस यदि एक-दो घंटे देर से भी आये तो यात्रियों को खड़े रहकर इंतजार करने के सिवा कोई चारा नहीं है.
स्टैंड के भीतर की सड़क भी कई जगह टूटी है. इसके कारण जिन यात्रियों को बस में बैठने के लिए स्टैंड के भीतर तक जाना पड़ता है, उन्हें परेशानी होती है. ऊबड़-खाबड़ सड़क पर वाहन चलाना भी मुश्किल है. स्टैंड के भीतर चल रही दुकानों में सारे बिना अनुमति के चल रहे हैं. अच्छे रेस्टोरेंट की तो उम्मीद ही छोड़ दें, स्टैंड के भीतर पेयजल की भी ठीक व्यवस्था नहीं है. सार्वजनिक नल के बगल में इतनी गंदगी है कि वहां पानी पीने से भी व्यक्ति परहेज करता है.
वाटर फिल्टर भी कहीं नहीं लगा है. खरीदकर पानी पीना चाहें तो भी परेशानी है क्योंकि मिनरल वाटर के रूप में बिकने वाले ज्यादातर ब्रांड नकली हैं. स्टैंड का टॉयलेट ऐसी जगह पर है जहां यात्रियों के लिए बिना पूछे पहुंचना मुश्किल है. किसी बस स्टाफ से पूछ कर यदि वहां तक पहुंच भी गये तो सफाई की कमी के कारण इस्तेमाल मुश्किल है.
स्टैंड परिसर में गेट संख्या एक के पास और बीएसआरटीसी स्टैंड के पीछे वाले हिस्से में कई जगह कूड़ा पसरा है. खराब पड़ी जर्जर गाड़ियों को भी कई जगह खड़ी करके छोड़ दिया गया है. इनके कारण परिसर का एक बड़ा हिस्सा आवागमन के लिए इस्तेमाल में नहीं आ रहा और परेशानी हो रही है.