पटना : बिहार में अब वाहनों की प्रदूषण जांच महंगी हो गयी है. इसके लिए दोपहिया वाहनों को 50 रुपये की जगह 80 रुपये देने होंगे. जबकि तीन पहिया वाहन को 80 की जगह 100 रुपये देने होंगे. हालांकि, चारपहिया वाहन की प्रदूषण जांच के लिए पहले की तरह 120 रुपये ही देने होंगे. अब सरकार किसी भी इच्छुक व्यक्ति को 15 हजार के शुल्क पर प्रदूषण जांच केंद्र खोलने की अनुमति देगी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार कोसंपन्न हुई बिहारकैबिनेट की बैठक में इसे मंजूरी दी गयी.
बैठक के बाद कैबिनेट विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने बताया कि राज्य में बिहार टैक्सी एग्रीगेटर पॉलिसी लागू की गयी है. इसके तहत बिहार मोटरगाड़ी नियमावली 1992 के नियम 74 में परिवर्तन कर नये शुल्क का निर्धारण किया गया है. इसमें सॉफ्टवेयर आधारित व्यावसायिक वाहन, जिसमें ओला, उबेर और कैब के अलावा मोटरसाइकिल जैसे सार्वजनिक वाहन को सहजता से उपलब्ध कराना है. इनको पहली बार नियमों के दायरे में लाया गया है.
वहीं, राज्य में ओला जैसी एजेंसियों को दो तरह के शुल्क देने होंगे, पहला परमिट शुल्क व दूसरा लाइसेंस शुल्क. एक शहर में टैक्सी चलाने के लिए परमिट शुल्क के रूप में 1000 रुपये, जबकि दो शहरों के लिए 1250 रुपये देय होगा. यह शुल्क दोपहिया और चारपहिया वाहनों पर एक समान देय होगा. साथ ही इस तरह की एजेंसियों को मोटरसाइकिल चलाने के लिए तीन साल के लिए 10 हजार रुपये, जबकि टैक्सी के लिए तीन साल के लिए 15 हजार का लाइसेंस शुल्क देना होगा.
अन्य फैसले
– विवि सेवा आयोग के गठन की मंजूरी
– बक्सर में मेडिकल काॅलेज के लिए जमीन की मंजूरी
– चिकित्सा शिक्षा निदेशालय के गठन के लिए 111 पदों की स्वीकृति
– समस्तीपुर राम-जानकी मेडिकल काॅलेज के लिए जमीन की मंजूरी
– परिवहन विभाग के रिटायर्ड कर्मचारियों के सेवांत लाभ के भुगतान के लिए Rs 127 करोड़ मंजूर
– अनियमित मॉनसून के कारण बक्सर जिले के दो नये प्रखंड इटाढ़ी व डुमराव सहित 275 प्रखंडों सूखाग्रस्त में शामिल करने की मंजूरी दी गयी है.
– शेखपुरा जिला के पानापुर पंचायत के बाउघाट ग्राम में थाना का सृजन व इसके संचालन के लिए कुल 31 पदों की स्वीकृति दी गयी है.
– बीपीएससी द्वारा आयोजित होनेवाली प्रतियोगिता परीक्षाओं के प्रधान, सह परीक्षकों व आयोग कार्यालय के पदाधिकारियों व कर्मचारियों को रविवार के दिन अवकाश में काम करने के लिए पारिश्रमिक व मानदेय में वृद्धि की गयी है. इसमें वरीय को 1400 रुपये, प्रशाखा पदाधिकारी को 980 रुपये, सहायक को 700 व चतुर्थ वर्गीय कर्मियों को 420 रुपये मिलेंगे.
– केंद्र प्रायोजित अमरुत योजना में जमालपुर जलापूर्ति योजना पार्ट ए व औरंगाबाद जलापूर्ति योजना के लिए कुल एक अरब 91 करोड़ 18 लाख 87 हजार की प्रशासनिक स्वीकृति दी गयी है.
-विभागीय सॉफ्टवेयर को टीसीएस द्वारा रख रखाव के लिए कुल दो करोड़ चार लाख 34 हजार की राशि स्वीकृत की गयी.
– किसी कर्मी के विरुद्ध सेवा निवृत्ति की तिथि को न्यायिक कार्य लंबित रहने पर पेंशन नियमावली में संशोधन किया गया है.