पटना : तय समय में करें केस का सुपरविजन

आज से लागू होगा डीआइजी का स्पीडी इन्वेस्टिगेशन मिशन पटना : आपराधिक वारदात के बाद अनुसंधान व केस डायरी के नाम पर अब पहले जैसी तैयार की जाने वाली उबाऊ पोथी नहीं होगी. अब मात्र 12 से 15 पेज में केस डायरी लिखी जायेगी और 7-8 गवाहों का बयान कराया जायेगा. डीआइजी राजेश कुमार के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 20, 2019 3:36 AM
आज से लागू होगा डीआइजी का स्पीडी इन्वेस्टिगेशन मिशन
पटना : आपराधिक वारदात के बाद अनुसंधान व केस डायरी के नाम पर अब पहले जैसी तैयार की जाने वाली उबाऊ पोथी नहीं होगी. अब मात्र 12 से 15 पेज में केस डायरी लिखी जायेगी और 7-8 गवाहों का बयान कराया जायेगा. डीआइजी राजेश कुमार के नये आदेश के बाद दस दिनों में इंस्पेक्टर-डीएसपी और 20 दिनों में एसपी को सुपरविजन रिपोर्ट देना होगा.
अनुसंधान में तेजी लाने और प्रभावी केस डायरी तैयार करने के लिए स्पीडी इन्वेस्टिगेशन मिशन नाम से प्लान तैयार किया गया है. स्पीडी ट्रायल की तरह ही इसकी प्लानिंग की गयी है. नये तकनीकी अनुसंधान के तरीके व बारीकियों और प्रयोग के लिए बहुत जल्द इन्वेस्टिगेशन ट्रेनिंग वर्कशॉप होगा. पटना और नालंदा में इस निर्देश काे 20 जनवरी से लागू किया जा रहा है.
इन बिंदुओं पर स्पीडी इन्वेस्टिगेशन
कांड दर्ज होने पर 10 दिनों के अंदर आइओ को घटना स्थल पर जांच कर पर्यवेक्षण करना होगा, नहीं तो स्वत: पर्यवेक्षण से वंचित माना जायेगा.
प्रत्येक कांड के कांड दैनिकी को 12-15 पेज में आइओ को लिखना होगा. इसमें 7-8 गवाहों के बयान, फैक्ट ऑफ द केस, वैज्ञानिक विश्लेषण, पर्यवेक्षण टिप्पणी, रिपोर्ट-2 इत्यादि का पूरा निष्कर्ष एवं निर्देश लिखेंगे.
एफएसएल रिपोर्ट, पोस्टमार्टम रिपोर्ट, इंज्यूरी रिपोर्ट, सीजर लिस्ट का सिर्फ निचोड़ लिखना होगा. बाकी रिपोर्ट को थाने का स्टांप लगाकर कांड दैनिकी के साथ संलग्न कर देंगे. मृतक का बैकग्राउंड, एफआइआर के जिस्ट को अलग पैरा में लिखेंगे और फोटोग्राफ, स्केच को भी साथ में संलग्न करेंगे. पीओ की रिपोर्ट, 20 प्रश्न तैयार करके गवाहों से पूछना होगा और उनका जवाब अलग पैरा में लिखना होगा.
घटना के बाद 20 दिनों के अंदर एसपी को प्रतिवेदन-2 निर्गत करना होगा.
एफएसएल रिपोर्ट लेने के लिए एएसआइ, एसआइ और साक्षर सिपाही को एफएसएल कार्यालय में प्रतिनिुयक्त कर दिया जाये, जिससे सभी कांड में एफएसएल रिपोर्ट जल्द प्राप्त हो सके.
पोस्टमार्टम रिपोर्ट और इंज्यूरी रिपोर्ट प्राप्त करने के लिए सिविल सर्जन कार्यालय में पुलिसकर्मी को प्रतिनियुक्त किया जाये.
कांड के अनुसंधान में प्रगति प्रतिवेदन 30 दिनों के अंदर निर्गत होना चाहिए.

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