मनोज कुमार, पटना
पुआल (फसल अवशेष) जलाने वाले राज्यभर के 12426 किसानों को कृषि विभाग की योजनाओं से तीन वर्षों के लिए वंचित कर दिया गया है. वित्तीय वर्ष 2024-25 में 14 किसानों पर एफआइआर की गयी है. 2184 किसानों के पंजीकरण को कृषि विभाग की योजनाओं से वंचित कर दिया गया है. बीते वर्ष धान कटनी के बाद फसल अवशेष जलाने वाले 2797 किसानों को विभाग की योजनाओं से वंचित कर दिया गया था. इस साल गेहूं कटनी के बाद रोहतास में 242, कैमूर में 560, बक्सर में 880, नालंदा में 210, भोजपुर में 111, पटना में 15, गया में 131 किसानों पर कार्रवाई हुई है. पश्चिम चंपारण में 12, लखीसराय में एक, सीवान में तीन, किशनगंज व मुंगेर में दो-दो और शेखपुरा में 15 किसानों को कृषि विभाग की योजनाओं से वंचित कर दिया गया है.
बीते साल 2797 किसानों को योजनाओं से किया गया वंचित : धान की कटनी के बाद पुआल जलाने वाले 2797 किसानों को विभाग की योजनाओं से बीते वर्ष 2023 में वंचित किया गया. रोहतास में 1254, कैमूर में 688, बक्सर में 635, नालंदा में 64, भोजपुर में 38, पटना में 25 और गया में 24 किसानों को योजनाओं के लाभ से वंचित करने की कार्रवाई की गयी है. पश्चिम चंपारण में 17, लखीसराय में 12, नवादा में नौ, पूर्वी चंपारण में सात, पूर्णिया में छह, सीवान में चार, किशनगंज में तीन, मुंगेर में तीन, अररिया, जहानाबाद और खगड़िया में दो-दो तथा औरंगाबद और कटिहार में एक-एक किसानों के खिलाफ कार्रवाई हुई है.
10 जिलों में जलायी गयी सबसे अधिक पुआल : इस साल गेहूं की कटनी के बाद 30 मार्च से पांच जून के बीच 10 जिलों में फसल अवशेष जलाया गया. रोहतास में 7369, कैमूर में 3647, बक्सर में 2361, भोजपुर में 1533, नालंदा में 723 जगहों पर फसल अवशेष जले. वहीं, गोपालगंज में 588, सीवान में 567, पटना में 452, नवादा में 403, पश्चिम चंपारण में 348 जगहों पर पुआल जलायी गयी.
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