पटना : फरवरी से प्रभावी होगा रिसर्च की चोरी रोकने वाला हाइटेक सिस्टम

रिसर्च चोरी पर सख्ती, गाइडों का कटेगा वेतन पटना : पीयू में पीएचडी रिसर्च के दस्तावेजों की प्लेजरिज्म (अनुसंधान व साहित्य चाेरी) रोकने का हाइटेक सिस्टम एक फरवरी से प्रभावी हो जायेगा. बिहार के किसी भी विवि में यह पहली बार प्रयास किया जा रहा है. अब अनुसंधान कार्य में लगे विद्यार्थियों को बौद्धिक क्षमताओं […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 22, 2019 6:00 AM
रिसर्च चोरी पर सख्ती, गाइडों का कटेगा वेतन
पटना : पीयू में पीएचडी रिसर्च के दस्तावेजों की प्लेजरिज्म (अनुसंधान व साहित्य चाेरी) रोकने का हाइटेक सिस्टम एक फरवरी से प्रभावी हो जायेगा. बिहार के किसी भी विवि में यह पहली बार प्रयास किया जा रहा है.
अब अनुसंधान कार्य में लगे विद्यार्थियों को बौद्धिक क्षमताओं के आधार पर थीसिस तैयार करनी होगी. विशेष सॉफ्टवेयर के जरिये विभिन्न विषयों की पुरानी पीएचडी थीसिसों से थ्योरी, कंटेंट और वाक्य व उसके भावार्थ की भी चोरी करना असंभव हो जायेगा.
इस सिस्टम के नोडल अफसर प्रोफेसर डाॅ अशोक कुमार झा ने बताया कि प्लेजरिज्म रोकने को यूजीसी के एक विशेष सॉफ्टवेयर उरुकुंड (यूआरकेयूएनडी) का इस्तेमाल किया जायेगा. उन्होंने कहा कि प्लेगरिज्म के दायरे में हिंदी व बिहार की स्थानीय भाषा मैथिली के अनुसंधान दस्तावेज भी समाहित हो जायेंगे. चोरी कितने समय बाद भी पकड़ी गयी, तो उसे निरस्त कर दिया जायेगा.
ऐसे सेलेक्ट होंगे रिसर्च पेपर
– 10% तक प्लेगरिज्म माफ होगा
– 11-20% सुधार के लिए वापस होगा
– 21-40% तक प्लेगरिज्म पाये जाने पर रिवीजन के लिए छह माह का समय
– 41-60% तक साहित्यिक चोरी पर एक साल बाद ही रजिस्ट्रेशन मान्य होगा
– 60% से अधिक पर रिसर्च स्कॉलर पर पाबंदी, गाइड पर पैनाल्टी भी लगेगी

Next Article

Exit mobile version