पटना : बिहार में जल्द ही गरीब सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण मिलने जा रहा है. इसके बाद राज्य सरकार की नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण का लाभ गरीब सवर्णों को मिलने लगेगा. इसको लेकर नीतीश सरकार फरवरी महीने में विधानमंडल सत्र के दौरान विधेयक पेश करेगी. इस संबंध में सभी प्रक्रियाएं जनवरी महीने में पूरी कर ली जाएगी. मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में एक उच्चस्तरीय बैठक में यह निर्णय लिया गया. इसके बाद मुख्यमंत्री ने सामान्य प्रशासन विभाग को सभी प्रक्रियाएं पूरी करने का निर्देश दिया.
जानकारी के मुताबिक इसको लेकर 11 फरवरी से शुरू हो रहे बजट सत्र में विधानमंडल में विधेयक आएगा. सरकार के इस विधेयक के कानून बनने के बाद राज्य सरकार की नौकरियों एवं शैक्षणिक संस्थानों में गरीब सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान लागू हो जायेगा. गौर हो कि सोमवार को आयोजित लोकसंवाद में मुख्यमंत्री ने कहा था कि केंद्र की तर्ज पर बिहार सरकार की सेवाओं में भी गरीब सवर्णों को दस फीसदी का आरक्षण दिया जाएगा. इसको लेकर राज्य सरकार कानूनी सलाह ले रही है. गरीब सवर्णों के आरक्षण का संवैधानिक प्रावधान कर दिया गया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि संविधान संशोधन के माध्यम से गरीब सवर्णों को आरक्षण दिया गया है. राज्य में इसे लागू करने के लिए कोई एक्ट बनाना होगा या एक्सक्यूटिव ऑर्डर से यह हो जाएगा. इन मसलों पर विचार चल रहा है.
इसके बाद आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक अणे मार्ग में विचार विमर्श किया. विमर्श के दौरान मुख्य सचिव दीपक कुमार, सामान्य प्रशासन विभाग के अपर मुख्य सचिव आमिर सुबहानी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार एवं मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमार वर्मा उपस्थित थे. उम्मीद जतायी जा रही है कि मुख्यमंत्री ने विधेयक लाने का ऐलान के बाद जल्दी ही बिहार में भी गरीब सवर्णों को आरक्षण का लाभ मिलने लगेगा.