हैदराबाद / नयी दिल्ली : आगामी लोकसभा चुनाव में लड़ाई ‘भाजपा और महागठबंधन’ के बीच होगी, क्योंकि कांग्रेस अब भी मजबूत विपक्ष नहीं है. उक्त बातें जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व वर्ष 2017 में कांग्रेस के रणनीतिकार रहे प्रशांत किशोर ने कहीं. साथ ही प्रियंका गांधी के सक्रिय राजनीति में औपचारिक रूप से आने पर उन्होंने कहा कि प्रियंका की एंट्री को लेकर टिप्पणी करना अभी जल्दबाजी होगी. अभी मूल्यांकन करना ठीक नहीं. साथ ही उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 में कांग्रेसियों की तरह वे भी चाहते थे कि प्रियंका गांधी सक्रिय राजनीति में पदार्पण करें. इसके लिए उन्होंने प्रयास भी किया था. हालांकि, वह सफल नहीं हो पाये. वहीं, उन्होंने प्रियंका गांधी को नयी जिम्मेदारी सौंपे जाने पर कहा कि उत्तर प्रदेश में ‘नयी सोच और सकारात्मक बदलाव’ आयेगा.
लोकसभा चुनावों में बिहार में विजयी होगा भाजपा गठबंधन
प्रशांत किशोर ने एक चैनल में दिये साक्षात्कार में कहा है कि यह आगामी लोकसभा चुनाव में लड़ाई ‘भाजपा और महागठबंधन’ के बीच होगी, क्योंकि कांग्रेस अब भी मजबूत विपक्ष नहीं है. वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और 2015 में नीतीश कुमार दोनों के लिए चुनावी रणनीतिकार रहे प्रशांत किशोर पिछले साल सितंबर में जदयू में शामिल हो गये थे. पार्टी में शामिल होने के एक माह बाद उन्हें जदयू का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया था. भाजपा अध्यक्ष अमित शाह द्वारा जदयू उपाध्यक्ष बनने की सिफारिश किये जाने के आरोपों पर उन्होंने कहा कि मीडिया ने नीतीश कुमार के बयान को विकृत कर दिया. उन्होंने कहा कि भाजपा और जदयू के बीच एक-दूसरे के बीच अंडरस्टैंडिंग है. हम जो भी फैसला लेते हैं, उसे एकजुट होकर करते हैं. आसन्न लोकसभा चुनाव को लेकर प्रशांत किशोर ने कहा है कि लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी को युवाओं के साथ जोड़ने का काम सौंपा गया है. उन्होंने भरोसा जताया कि आनेवाले चुनावों में बिहार में भाजपा गठबंधन विजयी होगा.
तीन साल पहले सक्रिय राजनीति में आतीं, तो यूपी चुनाव में बड़ा असर देखने को मिलता
जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने प्रियंका गांधी के सक्रिय राजनीति में आने को लेकर बधाई देते हुए प्रतिक्रिया दी है. वर्ष 2017 में कांग्रेस के रणनीतिकार रहे प्रशांत किशोर ने कहा है कि प्रियंका गांधी अगर तीन साल पहले सक्रिय राजनीति में आतीं, उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में बड़ा असर देखने को मिलता. उन्होंने कहा कि जून 2016 तक प्रियंका गांधी के सक्रिय राजनीति में आने की काफी चर्चाएं थीं. जमीनी हकीकत देखते हुए बहुत लोग मानते थे कि पार्टी में उनकी एंट्री उत्तर प्रदेश में बड़ा असर डाल सकती है. आगे कहा कि कांग्रेसियों की तरह उन्होंने भी प्रियंका गांधी को सक्रिय राजनीति में लाने का प्रयास किया था. मगर, वह सफल नहीं हो पाये. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी यह जानते थे. कारण जो भी हो, लेकिन ऐसा हो नहीं पाया.
प्रियंका को लेकर अभी टिप्पणी या मूल्यांकन करना ठीक नहीं
उन्होंने कहा है कि प्रियंका गांधी का सक्रिय राजनीति में आना ‘बड़ी खबर’ है. उनके आने से कांग्रेसी नेताओं और कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ेगा. हालांकि, आसन्न लोकसभा चुनाव में प्रियंका के सक्रिय राजनीति में आने पर पड़नेवाले प्रभाव को लेकर उन्होंने कहा कि प्रियंका की एंट्री को लेकर टिप्पणी करना अभी जल्दबाजी होगी. अभी मूल्यांकन करना ठीक नहीं. नयी जिम्मेदारियों को लेकर उन्होंने अभी शुरुआत भी नहीं की है, ऐसे में भविष्यवाणी करने का कोई मतलब नहीं है.
देश की जनता तय करेगी कि जिम्मेदारियां लेने में सक्षम होंगी या नहीं
प्रियंका गांधी वाड्रा की कांग्रेस महासचिव के तौर पर सक्रिय राजनीति में आने को लेकर उन्होंने कहा कि ‘भारतीय राजनीति में बहुप्रतीक्षित पदार्पणों में से एक’ है. लोकसभा की 543 लोकसभा सीटों में से 80 सीटें उत्तर प्रदेश से हैं. केंद्र में सरकार के गठन में उत्तर प्रदेश अहम भूमिका निभाता है. ऐसे में पूर्वी उत्तर प्रदेश में पार्टी महासचिव की हैसियत से वह काम करेंगी. साथ ही उन्होंने कहा है कि प्रियंका गांधी के कार्यों का मूल्यांकन अभी करना ठीक नहीं है. प्रियंका गांधी वाड्रा को दो-तीन साल का समय दिया जाना चाहिए. देश की जनता यह तय करेगी कि वह जिम्मेदारियां लेने में सक्षम होंगी या नहीं.
मोदी-शाह से राहुल-प्रियंका की जोड़ी की तुलना ठीक नहीं
मोदी-शाह की जोड़ी को लेकर राहुल और प्रियंका की जोड़ी की तुलना पर उन्होंने कहा कि सीधे राजनीति में प्रवेश करनेवाले की प्रत्यक्ष तुलना भाजपा से करना ठीक नहीं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह लंबे समय से राजनीति में हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि भाजपा भाजपा है. देश की सत्तारूढ़ पार्टी है. हालांकि, उन्होंने प्रियंका के पार्टी में जिम्मेदारी देने को बड़ा कदम बताते हुए कहा कि कांग्रेस के पास उत्तर प्रदेश में अब खुद का मुख्यमंत्री होगा. उन्होंने रायबरेली और अमेठी लोकसभा क्षेत्रों में अपनी मां और भाई के लिए चुनाव प्रचार किया था और औपचारिक रूप से राजनीति में उनके प्रवेश की मांग लंबे समय से की जा रही थी. उन्होंने उम्मीद जताते हुए कहा कि प्रियंका और सिंधिया ‘गरीबों और शोषितों के लिए सही विचारधारा’ पेश करेंगे. इससे उत्तर प्रदेश में ‘नयी सोच और सकारात्मक बदलाव’ आयेगा.
JD(U) vice-president Prashant Kishor said it will be a fight between the BJP and the 'mahagathbandhan' (grand alliance) in the upcoming Lok Sabha elections as the Congress is still not strong opposition
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— ANI Digital (@ani_digital) January 24, 2019
JD(U) vice-president Prashant Kishor on Priyanka Gandhi Vadra appointed Congress Gen Secy for UP East: If we think that any person, be it Priyanka Gandhi or anyone, can bring about a major change in one of the oldest parties in the country in a limited time span, it won't be fair pic.twitter.com/ygerDGzkCe
— ANI (@ANI) January 24, 2019
JD(U) vice-president Prashant Kishor on Priyanka Gandhi Vadra appointed Congress Gen Secy for UP East: She should be given two-three years time and after that, the people of the country can decide if she will be capable of taking responsibilities. pic.twitter.com/lxxvTtY63i
— ANI (@ANI) January 24, 2019
JD (U) VP Prashant Kishor says it is 'premature' to say Priyanka Gandhi Vadra will be fielded as Congress’ PM candidate
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— ANI Digital (@ani_digital) January 24, 2019