पटना : भाजपा नेता और बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने तेजस्वी यादव पर तंज कसा है. सुशील मोदी ने ट्वीट कर बिना नाम लिये तेजस्वी पर हमला बोला है. मोदी ने अपने ट्वीट में लिखा- जिनको राहुल गांधी में प्रधानमंत्री बनने के सारे गुण दिखायी पड़ रहे हैं, वे कोलकाता में उनके मंच पर खड़े होते हैं, जो ममता बनर्जी को पीएम बनाना चाहते हैं और लखनऊ में उन्हें गुलदस्ता भेंट करते हैं, जो मायावती में भावी पीएम के दर्शन करते हैं. सचाई यह है कि विरोधी दलों के पास देश के लिए कोई सोच नहीं. सब अपने-अपने भ्रष्टाचार पर पर्दा डालना चाहते हैं.
जिनको राहुल गांधी में प्रधानमंत्री बनने के सारे गुण दिखायी पड़ रहे हैं, वे कोलकाता में उनके मंच पर खड़े होते हैं, जो ममता बनर्जी को पीएम बनाना चाहते हैं और लखनऊ में उन्हें गुलदस्ता भेंट करते हैं, जो मायावती में भावी पीएम के दर्शन करते हैं।
सचाई यह है कि विरोधी दलों के पास….. pic.twitter.com/yY2rgE7oO0— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) January 28, 2019
एक अन्य ट्वीट ने उन्होंने लिखा- चारा घोटाला, बेनामी संपत्ति और रेलवे के होटल के बदले करोड़ों की जमीन फर्जी कंपनी के जरिये हथियाने जैसे किसी भी मामले में जब लालू प्रसाद या परिवार के किसी सदस्य को जमानत मिलती है, अभियुक्तों के समर्थक अदालत पर भरोसा करने लगते हैं, लेकिन जब उन्हें सजा सुनायी जाती है, तब न्यायपालिका पर जातिवादी टिप्पणी करने लगते हैं. न्यायपालिका पर इनका भरोसा तभी तक टिकता है, जब तक फैसले मन मुताबिक आते हैं.
चारा घोटाला, बेनामी सम्पत्ति और रेलवे के होटल के बदले करोड़ों की जमीन फर्जी कंपनी के जरिये हथियाने जैसे किसी भी मामले में जब लालू प्रसाद या परिवार के किसी सदस्य को जमानत मिलती है, अभियुक्तों के समर्थक अदालत पर भरोसा करने लगते हैं, लेकिन जब उन्हें सजा सुनायी जाती है, तब….. pic.twitter.com/xOy71q2p60
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) January 28, 2019
जिस समय बिहार में (1996 )चारा घोटाला मामले में मुकदमा दायर हुआ और लालू प्रसाद को सीएम की कुर्सी से उतर कर जेल जाना पड़ा, उस समय केंद्र में न भाजपा की सरकार थी, न नरेंद्र भाई मोदी किसी संवैधानिक पद पर थे, लेकिन सजायाफ्ता घोटालेबाज का बचाव करने वाले लोग गरीब परिवार से आये…. pic.twitter.com/1A0PFM6atY
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) January 28, 2019
वहीं, तीसरे ट्वीट में सुशील मोदी ने लिखा- जिस समय बिहार में (1996)चारा घोटाला मामले में मुकदमा दायर हुआ और लालू प्रसाद को सीएम की कुर्सी से उतर कर जेल जाना पड़ा, उस समय केंद्र में न भाजपा की सरकार थी, न नरेंद्र भाई मोदी किसी संवैधानिक पद पर थे, लेकिन सजायाफ्ता घोटालेबाज का बचाव करने वाले लोग गरीब परिवार से आये आज के यशस्वी प्रधानमंत्री का नाम सीबीआई की कार्रवाइयों से जोड़ कर गरीबों को झांसा देने की कोशिश करते हैं. गुनहगार को पीड़ित के रूप प्रचारित किया जा रहा है.