पटना : भागलपुर के 26 वर्षीय अभिषेक अग्रवाल की आंखें उसके मरने के बाद भी जिंदा रहेंगी और अब दूसरे व्यक्ति की जिंदगी रोशन करेंगी. उसकी मौत होने पर आइजीआइएमएस के नेत्र रोग के डॉक्टरों की टीम ने बुधवार को कॉर्निया हासिल कर लिया है. महज 26 साल में हार्ट अटैक से निधन के बाद परिजनों ने नेत्र दान देने का निर्णय लिया. परिजनों का कहना है कि अभिषेक समाज को लेकर चलता था और वह सबको नेत्र दान देने की बात कहता था. अभिषेक की आंखों से दो लोगों की जिंदगी रोशन हो जायेगी.
आइजीआइएमएस के नेत्र रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ विभूति प्रसाद सिन्हा ने कहा कि बिहार में पहली बार पटना से 248 किलोमीटर की दूरी तय कर सफलतापूर्वक कॉर्निया लाया गया. आइ बैंक की टीम में डॉ अमित, सुमित आदि कई लोग भागलपुर गये और नेत्र दान की प्रक्रिया को संपन्न कराया.
दो दिन के अंदर अभिषेक की आंखें जरूरतमंद लोगों को दी जायेंगी. इनमें पटना के रहने वाले कुछ मरीजों की लिस्ट बनायी गयी है. वहीं जानकारों का कहना है कि अगर सभी मेडिकल कॉलेजों में आइबैंक की सुविधा होती, तो समय पर कॉर्निया ले कर दूसरे मरीजों को लगायी जा सकती है.