मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह क्षेत्र नालंदा के लोकसभा का चुनाव इस बार और होगा दिलचस्प
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह क्षेत्र नालंदा का लोकसभा का चुनाव इस बार और दिलचस्प होने वाला है. एनडीए की ओर से जहां जदयू के उम्मीदवार चुनाव मैदान में होंगे, वहीं महागठबंधन में अभी राजद और कांग्रेस के बीच दावे चल रहे हैं.
कांग्रेस का एक तबका नालंदा सीट पर चुनाव लड़ने को इच्छुक नहीं है. वहीं, दूसरा खेमा हर हाल में इस सीट पर पार्टी का दावा जता रहा है. राजद खुद भी इस सीट पर दावा कर रहा है. एनडीए के उम्मीदवार को परास्त करने के लिए सामाजिक समीकरण का आकलन किया जा रहा है.
राजनीतिक पंडितों का मानना है कि महागठबंधन में सीट कांग्रेस को मिले या राजद को उम्मीदवारी माय समीकरण से ही होगी. नालंदा में वाम दलों का भी प्रभुत्व रहा है. 1980, 1984 और 1991 में भाकपा के विजय कुमार यादव यहां से सांसद चुने गये थे. बाद के दिनों में जाॅर्ज फर्नांडिस ने 1996, 1998 और 1999 में यहां से जीत हासिल की थी.
इसके बाद 2004 के आम चुनाव में नीतीश कुमार यहां से सांसद निर्वाचित हुए थे. इधर, एनडीए में मौजूदा जदयू सांसद कौशलेंद्र कुमार के दोबारा प्रत्याशी बनाये जाने की चर्चा है. जदयू में ही मंत्री श्रवण कुमार के नाम के भी कयास लगाये जा रहे हैं. लेकिन, अब तक जदयू ने नालंदा में उम्मीदवार बदलने का कोई ऐसा
संकेत नहीं दिया है. वैसे भी मुख्यमंत्री के गृह जिला होने के नाते उनकी सहमति से ही यहां उम्मीदवार तय होंगे. कांग्रेस में पप्पू खान के नाम की चर्चा है.
इनपुट : निरंजन, बिहारशरीफ
ये विधानसभा क्षेत्र हैं शामिल
नालंदा लोकसभा सीट के तहत विधानसभा की सात सीटें आती है. इनमें अस्थावां, बिहारशरीफ, राजगीर, इस्लामपुर, हिलसा, नालंदा और हरनौत विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं.
कौशलेंद्र कुमार को तीन लाख 21 हजार से अधिक मत मिले थे
2014 में जदयू के कौशलेंद्र कुमार को लोजपा के सत्यानंद शर्मा के मुकाबले जीत मिली थी. पिछली बार कांग्रेस ने पूर्व डीजीपी आशीष रंजन सिन्हा को अपना उम्मीदवार बनाया था. उन्हें एक लाख 27 हजार से अधिक वोट मिले थे. जबकि, दूसरे स्थान पर रहे लोजपा के सत्यानंद शर्मा को तीन लाख 12 हजार से अधिक वोट मिले थे.
वहीं, कौशलेंद्र कुमार को तीन लाख 21 हजार से अधिक मत मिले थे. इस बार जदयू के एनडीए में आ जाने के बाद लोजपा के पूर्व प्रत्याशी सत्यानंद शर्मा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से अपना उम्मीदवार बनाने का अनुरोध किया है. दूसरी ओर, लोजपा ने आंतरिक तौर पर नालंदा को भूल जाने का मन बना लिया है.
पार्टी को इसकी बजाय राज्यसभा की एक सीट दी गयी है. पिछले चुनाव में बिहार की चालीस सीटों में लोजपा को सात सीटें मिली थीं. एक मात्र सीट नालंदा में लोजपा पराजित हो गयी थी. इस बार सीटों के बंटवारे में लोजपा को छह सीटें मिलीं और एक राज्यसभा की सीट मिलेगी.