रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा सहित पार्टी के नेता लाठीचार्ज में घायल
पटना : शिक्षा में सुधार सहित अपनी 25 मांगों को लेकर यहां रालोसपा द्वारा निकाले गये आक्रोश मार्च पर हुए पुलिस लाठी जार्च में पार्टी प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा को हल्की चोटें आयी और उसके कई नेता एवं कार्यकर्ता जख्मी हो गए. पटना के जेपी गोलम्बर से यह मार्च जब प्रतिबंधित क्षेत्र राज भवन की ओर […]
पटना : शिक्षा में सुधार सहित अपनी 25 मांगों को लेकर यहां रालोसपा द्वारा निकाले गये आक्रोश मार्च पर हुए पुलिस लाठी जार्च में पार्टी प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा को हल्की चोटें आयी और उसके कई नेता एवं कार्यकर्ता जख्मी हो गए. पटना के जेपी गोलम्बर से यह मार्च जब प्रतिबंधित क्षेत्र राज भवन की ओर जाने से लगा तब डाक बंगला चौराहे पर पुलिस ने उसे रोका, लेकिन रालोसपा नेता और कार्यकर्ता नहीं माने. उन्हें आगे बढ़ने से रोकने के लिए पहले पानी की बौछार की गयी जिससे हाथों में लाठी लिए रोलसपा कार्यकर्ता भी उग्र हो गये और पुलिस से भिड़ गये. ऐसे पुलिस ने लाठी चार्ज किया जिसमे कई पार्टी कार्यकर्ता जख्मी हो गये.
कुशवाहा को भी हल्की चोट आयी। कुशवाहा ने कहा कि हमने पुलिस को पहले ही अपने मार्च की विधिवत जानकारी दी थी. यदि हमें एक निश्चित बिंदु से आगे नहीं जाना था, तो हमें पहले ही सूचित कर दिया जाना चाहिए था. पर प्रशासन ने ऐसा नहीं किया. उन्होंने कहा कि हमारे मार्च के डाक बंगला चौराहे पर पहुंचते ही उसे रुकने का अचानक आदेश दिया गया. कुशवाहा ने राज्य सरकार पर तानाशाही रवैया अपनाते हुए उनके आंदोलन को बलपूर्वक कुचल देने का आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस ने सरकार के इशारे पर काम किया है.
उल्लेखनीय है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री कुशवाहा दिसंबर महीने में राजग छोड़कर विपक्षी खेमा "महागठबंधन" में शामिल हो गए थे. कुशवाहा के अस्वस्थ महसूस करने पर उन्हें इलाज के लिए पटना मेडिकल कालेज अस्पताल ले जाया गया. अस्पताल सूत्रों ने बताया कि उन्हें प्राथमिक उपचार दिया गया है और आराम की सलाह दी गई है. इस बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता वाले बिहार के सत्तारूढ़ जदयू ने रालोसपा पर कटाक्ष किया कि क्या हाथों में लाठियां लेकर शैक्षणिक सुधार की मांग की जाती है. जदयू प्रवक्ता अजय आलोक ने पूछा कि केंद्र में शिक्षा राज्य मंत्री रहते हुए कुशवाहा ने शिक्षा प्रणाली में सुधार के लिए क्या किया. उनकी पार्टी को शैक्षिक सुधारों की मांग करने के लिए लाठियां क्यों चलानी पड़ती हैं. क्या वे अपने ‘गुंडागर्दी’ को शिक्षा ग्रहण से जोड़ कर देख रहे हैं.