मई माह से लागू होगी सीटीएस तकनीक, मिनटों में होगा बैंक व डाकघरों में जमा कराये चेक का भुगतान, जानें क्या है सीटीएस
रिजर्व बैंक ने सार्वजनिक बैंक और डाकघर के अधिकारियों को दिया प्रशिक्षण सुबोध कुमार नन्दन पटना : चेक से लेन-देन करने वाले ग्राहकों के लिए अच्छी खबर है. मई से सूबे के सभी सार्वजनिक बैंकों और डाकघरों में चेक जमा करने के चंद मिनटों बाद ही संबंधित व्यक्ति के खाते में राशि जमा हो जायेगी. […]
रिजर्व बैंक ने सार्वजनिक बैंक और डाकघर के अधिकारियों को दिया प्रशिक्षण
सुबोध कुमार नन्दन
पटना : चेक से लेन-देन करने वाले ग्राहकों के लिए अच्छी खबर है. मई से सूबे के सभी सार्वजनिक बैंकों और डाकघरों में चेक जमा करने के चंद मिनटों बाद ही संबंधित व्यक्ति के खाते में राशि जमा हो जायेगी. इसके लिए रिजर्व बैंक की ओर से सार्वजनिक बैंक और डाक विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर चेक ट्रांजेक्शन सिस्टम (सीटीएस) तकनीक के बारे में जानकारी दे रहा है, ताकि समय सीमा के अंदर यह प्रणाली सफलता पूर्वक लागू हो सके.
रिजर्व बैंक से मिली जानकारी के अनुसार मई के अंत तक सीटीएस प्रणाली सूबे के सभी सार्वजनिक बैंक और डाकघर में लागू हो जायेगी. रिजर्व बैंक ने बैंक और डाक विभाग के उच्च अधिकारियों को अपने-अपने बैंक शाखाओं में साॅफ्टवेयर अपलोड करने का निर्देश दिया है.
अभी चेक को बैंक की शाखा में भेजने का प्रावधान : अभी जो व्यवस्था है उसके तहत चेक को संबंधित बैंक की शाखाओं में भेजा जाता है. उसके बाद चेक उस क्षेत्र के क्लियरिंग हाउस में जाता है. उसके बाद भुगतान होता है. इस तरह चेक क्लियरिंग होने में कम से कम दो से तीन दिन का समय लग जाता है. इससे ग्राहकों को परेशानी का सामना करना पड़ता है.
चेक होगा स्कैन : नये व्यवस्था के तहत ग्राहकों द्वारा बैंक या डाकघर में चेक जमा करने के बाद उसे ग्रीन सिस्टम स्कैनर में डाला जायेगा. चेक स्कैन होने के बाद वह संबंधित बैंक के संबंधित अधिकारी के पास चला जायेगा. उसके बाद जांच शुरू होगी. जांच प्रक्रिया सफल होने के बाद संबंधित ग्राहकों के खाते में राशि जमा हो जायेगा.
क्या है सीटीएस
यह सिस्टम चेकों के संग्रहण की प्रक्रिया में तेजी लाता है. समाशोधन से संबंधित धोखाधड़ी या रास्ते में चेक के खो जाने की संभावना को कम कर देता है. चेक के संग्रहण में होने वाली खर्च को भी कम कर देता है. यह प्रणाली डिजिटल भारत कार्यक्रम के तहत लागू किया जा रहा है.