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धरने पर डटीं ममता का साथ देने कोलकाता पहुंचे लालू के ”लाल” तेजस्वी

पटना/कोलकाता : कोलकाता मेंमुख्यमंत्री ममता बनर्जी के धरने पर बैठने को लेकर सियासी पारा चढ़ने लगा है. मोदी सरकार और सीबीआई के खिलाफ धरने पर डटीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को अपना समर्थन देते हुए राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव केबेटे एवं बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के अलावा तमिलनाडु की सांसद […]

पटना/कोलकाता : कोलकाता मेंमुख्यमंत्री ममता बनर्जी के धरने पर बैठने को लेकर सियासी पारा चढ़ने लगा है. मोदी सरकार और सीबीआई के खिलाफ धरने पर डटीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को अपना समर्थन देते हुए राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव केबेटे एवं बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के अलावा तमिलनाडु की सांसद कनिमोझी भी उनके धरने में शामिल होने के लिए कोलकाता पहुंची है. इससे पहले कनिमोझी ने भी ममता बनर्जी का समर्थन किया था और ट्वीट कर लिखा, ‘कोई भी जो लोकतंत्र, संघवाद और संविधान की परवाह करता है, उसे ममता बनर्जी के साथ जरूर खड़ा होना चाहिए.’

वहीं, पूर्व में तेजस्वी यादव ने भी ट्वीट कर कहा था, कुछ महीनों में सीबीआई पर बीजेपी दफ्तर के दवाब में लिए गये राजनीतिक निर्णयों के कारण राज्य सरकारों को ऐसा निर्णय लेना पड़ेगा. अगर अब भी सीबीआई बीजेपी के गठबंधन सहयोगी की तरह कार्यरत रही तो किसी दिन न्याय प्रिय आम अवाम अपने तरीके से इनका हिसाब ना कर दे. लोकतंत्र में जनता से बड़ा कोई नहीं.’

गौर हो कि पश्चिम बंगाल के बहुचर्चित शारदा चिटफंड और रोज वैली घोटाला मामले में कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमारको लेकर सीबीआई और ममता बनर्जी के बीचजंग जारीहै. ममता के इस जंगको बिहारके नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने समर्थन किया है. वहीं, चारा घोटाले में दोषी करार दिये गये राजद सुप्रीमो लालू यादव ने भी ममता बनर्जी का समर्थन किया है. लालू ने ट्वीट कर कहा, ‘देश का आम आवाम बीजेपी और उसकी गठबंधन सहयोगी पक्षपाती सीबीआई के खिलाफ है. हम ममता जी के साथ खड़े हैं. तानाशाही का नंगा नाच हो रहा है. लोकतंत्र पर सबसे बड़ा खतरा. संविधान और संवैधानिक संस्थाओं पर अभूतपूर्व संकट. चुनावी जीत के लिए देश को गृह युद्ध में झोंकने की कोशिश.’

चुनाव की घोषणा होने तक कुछ भी हो सकता है: नीतीश
वहीं, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पश्चिम बंगाल की वर्तमान परिस्थितियों के सन्दर्भ में सोमवार को कहा कि आचार संहिता लागू होने के पहले तक चुनावी फायदे के लिए लोग तरह-तरह के हथकंडे अपनायेंगे. पटना के एक, अणे मार्ग स्थित मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित लोकसंवाद कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान पश्चिम बंगाल की वर्तमान परिस्थितियों के सन्दर्भ में पूछे जाने पर नीतीश ने कहा कि यह मामला कोर्ट में है इसलिए इसपर कुछ भी बोलना उचित नहीं है. उन्होंने कहा कि अभी देश में चुनावी माहौल है और करीब एक माह बाद आदर्श आचार संहिता लागू होने वाली है, ऐसी स्थिति में आचार संहिता लागू होने के पहले तक चुनावी फायदे के लिए लोग तरह-तरह के हथकंडे अपनाएंगे. इससे मीडिया कवरेज मिलती है. नीतीश ने कहा कि हर परिस्थिति में हम लोग संवैधानिक व्यवस्था, कानूनी व्यवस्था और जो अच्छी परम्पराएं हैं, उसको अपनाकर ही चलते हैं. इस मसले पर सीबीआई और ममता बनर्जी ही बता सकती हैं.

नीतीश बोले, …तब बड़ी आसानी से राष्ट्रपति शासन लागू हो जाता था, लेकिन अब…

नीतीश कुमार ने कहा कि लोगों को देश की चिंता नहीं वोट की चिंता है. पश्चिम बंगाल की वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए वहां राष्ट्रपति शासन को लेकर पूछे गए एक प्रश्न पर नीतीश ने कहा कि कांग्रेस जब चरम पर थी, तब बड़ी आसानी से राष्ट्रपति शासन लागू हो जाता था, लेकिन अब यह स्थिति नहीं है. वर्ष 2005 में बिहार में भी राष्ट्रपति शासन लागू किया गया था. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पश्चिम बंगाल में जनसभा किए जाने की अनुमति नहीं दिए जाने के बारे में पूछे जाने पर नीतीश ने कहा कि किसी को कहीं सभा करने की अनुमति नहीं दी जाए यह आश्चर्य का विषय है. किसी को भी कहीं भी सभा करने का अधिकार है. सभी को इजाजत मिलनी ही चाहिए.

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