पटना : राहुल गांधी ने जिसके मुद्दे पर अध्यादेश फाड़ा, उसी से समझौता कर लिया : सीएम नीतीश कुमार
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने जिस मसले को लेकर ऑर्डिनेंस (अध्यादेश) फाड़ा था, आज उन्हीं लोगों के साथ समझौता कर लिया है. अगर समझौता नहीं करते, तो वह बहुत आगे जाते. यह साफ हो गया कि भ्रष्टाचार अब उनके लिए कोई मुद्दा नहीं रह गया है. राहुल […]
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने जिस मसले को लेकर ऑर्डिनेंस (अध्यादेश) फाड़ा था, आज उन्हीं लोगों के साथ समझौता कर लिया है. अगर समझौता नहीं करते, तो वह बहुत आगे जाते.
यह साफ हो गया कि भ्रष्टाचार अब उनके लिए कोई मुद्दा नहीं रह गया है. राहुल गांधी ने अपना नुकसान खुद किया है. सीएम सोमवार को अपने आवास पर आयोजित लोक संवाद कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से कहा कि राहुल गांधी ने यह साफ कर दिया है कि वह भ्रष्टाचार से समझौता करके देश को कहां ले जाना चाहते हैं.
नीतीश कुमार ने कहा कि जो भी भ्रष्टाचार से समझौता करेगा, इस देश की जनता का सहयोग और समर्थन उसे नहीं मिलेगा. कुछ खास लोगों का समर्थन मिल सकता है. राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद का नाम लिये बिना उन्होेंने कहा कि अब तो कोर्ट भी सजा देने लगा है. इसके बाद भी उन्हें भ्रष्टाचार नहीं दिख रहा है.
यूपीए शासनकाल में पीयू को क्यों नहीं बनाया केंद्रीय विवि
सीएम ने कांग्रेस की जन आकांक्षा रैली के दौरान राहुल के भाषण पर पलटवार करते हुए कहा कि राहुल गांधी को बिहार के युवाओं के रोजगार की चिंता नहीं है, बल्कि वह अपने रोजगार के लिए चिंतित हैं.
पटना विश्वविद्यालय को कांग्रेस ने अपने शासनकाल में क्यों नहीं केंद्रीय यूनिवर्सिटी का दर्जा दिया. यूपीए के 10 साल के शासनकाल में भी यह दर्जा को देने की याद नहीं आयी.
एक एक्सपर्ट उधर और एक एक्सपर्ट हैं इधर
सीएम ने बिना किसी का नाम लिये मजकिये लहजे में कहा कि इस तरह (पुलिस को लाठीचार्ज के लिए उकसाने) के मामले के एक एक्सपर्ट उधर हैं और एक एक्सपर्ट इधर हैं. बगल में बैठे डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी की तरफ किसी ने इशारा किया, तो उन्होंने तुरंत कहा कि नहीं-नहीं, ये वह एक्सपर्ट नहीं हैं. वे कोई दूसरे हैं, जिनकी बात वह कर रहे हैं.
आचार संहिता लागू होने तक कुछ भी हो सकता
सीएम ने कोलकाता में पश्चिम बंगाल सरकार और सीबीआइ के बीच टकराव पर कहा कि यह मामला कोर्ट में है. अभी इस पर बोलना ठीक नहीं. चुनाव आचार संहिता लागू होने तक तरह-तरह की चीजें होंगी. ममता के धरना पर बैठने के मामले में उन्होंने कहा कि जो इस तरह के काम करते हैं, उन्हें इसका विश्लेषण करना चाहिए. सभी का काम करने का अपना-अपना तरीका है.
ये सभी चीजें तात्कालिक हैं, जिनका मकसद खूब कवरेज लेना होता है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस जब अपने शासन के चरम पर थी, तब आसानी से कहीं भी राष्ट्रपति शासन लगा देती थी. अब ऐसा करना संभव नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे पर कई तरह का आदेश दे रखा है. अब संवैधानिक व्यवस्था के खिलाफ कुछ नहीं कर सकते हैं.
जब तक कोई पुलिस को हिट नहीं करता, वह लाठी नहीं चलाती
सीएम ने रालोसपा कार्यकार्ताओं पर पुलिस लाठीचार्ज पर कहा कि जब तक पुलिस को हिट नहीं करेंगे, पुलिस लाठी नहीं चलाती. इस तरह की घटनाओं में पुलिस को जानबूझ कर हिट किया जाता है. इसके बाद पुलिस की पिटाई की बात आगे आ जाती है और बाकी बातें पीछे चली जाती हैं. यह सब जानबूझ कर पब्लिसिटी पाने के लिए किया जाता है.
जब तक पुलिसवाला कुछ नहीं करेगा, तब तक पब्लिसिटी नहीं मिलेगी. हालांकि, उन्होंने कहा कि हमने पुलिस से लेकर अधिकारी तक को कह रखा हैं कि ऐसे किसी मामले में धैर्य और संयम से काम लें. हमेशा तनावपूर्ण माहौल बनाने की कोशिश की जाती है. पुलिस पर ढेला चलाने वाले पीछे हो जाते हैं और आगे वाले मार खा जाते हैं. उन्होंने कहा कि छात्र आंदोलन और जेपी आंदोलन में वे लोग ऐसा नहीं करते थे.