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बिहार में सातवें वेतनमान के लिए विवि शिक्षक-कर्मियों को करना होगा और इंतजार

पटना :बिहारमें विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के शिक्षकों व शिक्षकेतर कर्मियों का इंतजार बढ़ गया है. सातवें पुनरीक्षित वेतनमान के संबंध में अनुशंसा के लिए गठित तीन सदस्यीय कमेटी का कार्यकाल राज्य सरकार ने 20 दिन बढ़ा दिया है. इसकी कमेटी की अनुशंसा पर ही राज्य के विवि व कॉलेजों में कार्यरत और रिटायर्ड शिक्षकों व […]

पटना :बिहारमें विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के शिक्षकों व शिक्षकेतर कर्मियों का इंतजार बढ़ गया है. सातवें पुनरीक्षित वेतनमान के संबंध में अनुशंसा के लिए गठित तीन सदस्यीय कमेटी का कार्यकाल राज्य सरकार ने 20 दिन बढ़ा दिया है. इसकी कमेटी की अनुशंसा पर ही राज्य के विवि व कॉलेजों में कार्यरत और रिटायर्ड शिक्षकों व कर्मचारियों को सातवें पुनरीक्षित वेतनमान व पेंशन का लाभ मिलेगा.बिहार कैबिनेट की मंगलवार को हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया.

30 नवंबर को राज्य सरकार ने यह कमेटी गठित की थी और दो माह में उसे रिपोर्ट देने को कहा था. राजस्व पर्षद के अध्यक्ष सुनील कुमार सिंह की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय कमेटी में शिक्षा विभाग के सचिव सतीश चंद्र झा एवं वित्त विभाग के संयुक्त सचिव शिवशंकर मिश्र बतौर सदस्य रखा गया था. पिछले माह ही उच्च शिक्षा निदेशक डॉ रेखा कुमारी ने 15 जनवरी तक रिपोर्ट सरकार को मिल जाने की बात कही थी.

शिक्षकों के वेतन में 18 प्रतिशत, तो कर्मचारियों के वेतन में 5प्रतिशत वृद्धि का प्रस्ताव
सूत्रों ने बताया कि शिक्षकों के वेतन में 18 फीसदी वृद्धि की अनुशंसा का प्रस्ताव है, जिसके मुताबिक शिक्षकों के मौजूदा वेतनमान में 20,000 से 30,000 रुपये की बढ़ोतरी संभव है. कर्मचारियों के वेतन में चार से सात हजार रुपये तक की वृद्धि संभव है. दरअसल कमेटी ने कर्मचारियों के वेतनमान में पांच फीसदी की वृद्धि का प्रस्ताव तैयार किया है.

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