बिहार का हर दूसरा बच्चा है कुपोषित, जागरूकता की जरूरत

पटना : बिहार इंटरफेथ फोरम फॉर चिल्ड्रेन के ओर से पीरामल फाउंडेशन और यूनिसेफ के सहयोग से बिहार के बच्चों और महिलाओं के विकास के लिए धर्म गुरुओं की संगोष्ठी का आयोजन किया गया. गोष्ठी को संबोधित करते हुए प्रोफेसर सैयद शमीमुद्दीन अहमद मुनैमी ने कहा कि धर्मगुरु आमतौर पर जो भाषण देते हैं, वो […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 6, 2019 4:56 AM

पटना : बिहार इंटरफेथ फोरम फॉर चिल्ड्रेन के ओर से पीरामल फाउंडेशन और यूनिसेफ के सहयोग से बिहार के बच्चों और महिलाओं के विकास के लिए धर्म गुरुओं की संगोष्ठी का आयोजन किया गया.

गोष्ठी को संबोधित करते हुए प्रोफेसर सैयद शमीमुद्दीन अहमद मुनैमी ने कहा कि धर्मगुरु आमतौर पर जो भाषण देते हैं, वो धर्म के इतिहास और धार्मिक क्रियाकलापों पर आधारित होता है. जबकि, जरूरत है हम अपनी प्रवचन, तहरीरों और जुम्मे की नमाज के बाद बच्चों और महिलाओं के मुद्दों पर बात करें. धर्म गुरुओं को बच्चों के लिए काम करने की जरूरत है. कोई धर्म ऐसा नहीं है, जिसमें बच्चों के गर्भ में लिंग की जांच करवाने की बात की गयी है.

Next Article

Exit mobile version