पटना : 17 तक खाली नहीं है गांधी मैदान, आगे भी है कई रैलियां, भीड़ से नापी जाती है यहां राजनीतिक हैसियत
अनिकेत त्रिवेदी चुनावी जंग का अखाड़ा, यहां भीड़ से नापी जाती है राजनीतिक हैसियत पटना : पटना का गांधी मैदान, जहां हर बार चाहे विधानसभा हो या लोकसभा चुनाव, दर्जनों रैलियां आयोजित होती हैं. भौतिक रूप से अगर कहा जाये कि सूबे में होने वाले चुनाव जंग का अखाड़ा गांधी मैदान ही है. यहां रैलियों […]
अनिकेत त्रिवेदी
चुनावी जंग का अखाड़ा, यहां भीड़ से नापी जाती है राजनीतिक हैसियत
पटना : पटना का गांधी मैदान, जहां हर बार चाहे विधानसभा हो या लोकसभा चुनाव, दर्जनों रैलियां आयोजित होती हैं. भौतिक रूप से अगर कहा जाये कि सूबे में होने वाले चुनाव जंग का अखाड़ा गांधी मैदान ही है.
यहां रैलियों के दौरान जुटने वाली भीड़ से राजनीतिक पार्टी के हैसियत नापी जाती है. अब जब लोकसभा चुनाव सिर पर है तो एक बार फिर गांधी मैदान इसका गवाह बनने के लिए तैयार है. जिसकी शुरुआत तीन फरवरी को कांग्रेस की रैली से हो चुकी है.
…फिर आगे दो बड़ी रैलियां
गांधी मैदान की बुकिंग श्रीकृष्ण स्मारक विकास समिति के माध्यम से होता है. इसमें प्रमंडलीय आयुक्त व जिलाधिकारी मुख्य पदाधिकारी होते हैं. इसकी बुकिंग ऑनलाइन सिस्टम के माध्यम से की जाती है. वेबसाइट के अनुसार आगामी 17 फरवरी तक मैदान खाली नहीं हैं. इसलिए बुकिंग नहीं हो सकती. इसके अलावा 26 से 28 फरवरी तक एकऔर बड़ी रैली का आयोजन प्रस्तावित है. इसके साथ ही एक से तीन मार्च तक भी एनडीए की रैली के लिए गांधी मैदान आरक्षित कर लिया गया है. इसके अलावा आगे अन्य कई तरह के आयोजनों के लिए भी ऑनलाइन आवेदन किये गये हैं.
गांधी मैदान की आरक्षण दर
एक रुपये प्रति वर्ग फुट प्लस 18 फीसदी जीएसटी
25 हजार रुपये जमानत राशि
25 पैसे प्रति वर्ग फुट प्लस 18 फीसदी जीएसटी सफाई के लिए एकमुश्त
15 पैसा प्रति वर्ग फुट प्लस 18 फीसदी जीएसटी
15 हजार रुपये जमानत राशि
25 पैसे प्रति वर्ग फुट प्लस 18 फीसदी जीएसटी सफाई के लिए एकमुश्त
50 हजार रुपये प्रतिदिन पूरे गांधी मैदान के लिए
30 हजार आंशिक भाग के लिए
10 हजार रुपये जमानत राशि
10 हजार रुपये प्लस 18% जीएसटी सफाई के लिए
40 हजार प्रतिदिन पूरे गांधी मैदान के लिए
20 हजार प्रतिदिन आंशिक मैदान के लिए
10 हजार जमानत राशि
10 हजार व 18% जीएसटी
सबकी अपनी दर
ऐसा नहीं कि गांधी मैदान में सिर्फ राजनीतिक कार्यक्रम के लिए ही आरक्षित करने की व्यवस्था है. राजनीति के अलावा व्यवसाय, गैर व्यावसायिक, धार्मिक आयोजनों के लिए भी आरक्षित करने की व्यवस्था है.
गांधी मैदान का आयोजन दो तरह से होता है. एक बुकिंग आंशिक भाग के लिए और दूसरी बुकिंग पूरे गांधी मैदान के लिए होती है. सभी आयोजनों के लिए अलग-अलग रेट है.