पटना : अब एचआरए पर टैक्स नहीं कटा तो आयकर करेगा सख्त कार्रवाई

कौशिक रंजन पटना : बिहार सरकार के सभी स्तर के सरकारी कर्मी और अधिकारी अपने वेतन पर तो टैक्स देते हैं, लेकिन एचआरए (हाउस रेंट एलाउंस) पर कोई टैक्स जमा नहीं करते हैं. कई कर्मियों को हर महीने वेतन के अलावा अच्छी-खासी राशि एचआरए के रूप में दी जाती है, लेकिन इस पर किसी तरह […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 7, 2019 9:07 AM
कौशिक रंजन
पटना : बिहार सरकार के सभी स्तर के सरकारी कर्मी और अधिकारी अपने वेतन पर तो टैक्स देते हैं, लेकिन एचआरए (हाउस रेंट एलाउंस) पर कोई टैक्स जमा नहीं करते हैं.
कई कर्मियों को हर महीने वेतन के अलावा अच्छी-खासी राशि एचआरए के रूप में दी जाती है, लेकिन इस पर किसी तरह का टीडीएस नहीं काटा जाता है. यह कटौती सालों से नहीं की जा रही है. जो इनकम टैक्स के नियमानुसार पूरी तरह से गलत है. आयकर विभाग की जांच में यह हकीकत सामने आयी है.
यह भी पता चला कि कई सालों से सरकारी महकमों ने न तो इस मद में टैक्स की कटौती की और न ही इसे जमा किया है. इसके बाद सभी विभागों को यह अल्टीमेटम दिया गया है कि वे चालू वित्तीय वर्ष में हर हाल में एचआरए पर टैक्स की कटौती करके जमा करें. ऐसा नहीं करने वालों पर आयकर विभाग के स्तर से सख्त कार्रवाई की जायेगी. इसके लिए सभी विभागों और जिला कार्यालयों के डीडीओ (ड्राइंग एंड डिस्पर्सन ऑफिसर) को खासतौर से निर्देश दिया गया है.
अगर इस बार एचआरए पर टैक्स की कटौती करके आयकर विभाग में जमा नहीं किया गया, तो डीडीओ समेत संबंधित अधिकारी पर कार्रवाई की जायेगी. आयकर की सख्ती के बाद शुरुआती जांच के आधार पर सचिवालय से लेकर जिला स्तर के सभी अधिकारियों, पदाधिकारियों समेत अन्य सभी स्तर के करीब छह लाख कर्मियों को इस बार एचआरए पर टैक्स देना पड़ जायेगा.
कई सालों से होती आ रही यह गलती
आयकर विभाग की जांच में यह पता चला कि सभी स्तर के सरकारी कर्मियों के एचआरए में टैक्स नहीं काटने की गलती कई सालों से होती आ रही है. यह गलती एक तरह से परिपाटी बन गयी है और कर्मियों को यह लगने लगा कि यह आय आयकर मुक्त होती है. जबकि इसका एक खास फॉर्मूला है, जिसके आधार पर इसका समाधान निकालते हुए एचआरए की कटौती होती है.
आयकर ने सभी महकमों को दिया निर्देश
इस तरह से लगेगा एचआरए पर टैक्स
किसी भी स्तर के सरकारी कर्मियों की बेसिक सैलरी और डीए (महंगाई भत्ता) को जोड़कर जितना आयेगा, उसकी 10 फीसदी तक की राशि ही एचआरए के टैक्स दायरे से बाहर आयेगी. इसे इस तरह भी समझ सकते हैं कि बेसिक और डीए को जोड़कर प्राप्त राशि का 10 फीसदी राशि को कुल एचआरए से घटा ले, जितनी राशि बचेगी. उस पर टैक्स लगेगा.
सभी सरकारी महकमों को एचआरए पर निर्धारित राशि से ज्यादा पर टैक्स की कटौती करनी है. सालों से टैक्स नहीं काटने की समस्या जांच में सामने आयी है. फिलहाल पूरे मामले की जांच चल रही है. चालू वित्तीय वर्ष में सभी को एचआरए पर टीडीएस काटकर जमा करने के लिए कहा गया है. ऐसा नहीं करने वालों पर कानूनी कार्रवाई तक की जायेगी.
केसी घुमारिया, (प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त, बिहार एवं झारखंड)

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