पटना : ‘बेरोजगारी हटाओ-आरक्षण बढ़ाओ’ यात्रा की शुरुआत करने से पहले विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष व राजद नेता तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर कहा कि ‘आरक्षण’ गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम नहीं है. 1931 की जनगणना के मुताबिक पिछड़ों की आबादी 52 फीसदी थी. इसके बावजूद आजादी के 46 साल बाद वर्ष 1993 में मात्र 27 फीसदी कोटा ही आरक्षण मिला. क्योंकि, कुल आरक्षण पर 50% सीलिंग थी. उच्च शिक्षा में 2008 में यानी 61 साल बाद आरक्षण मिला. वो भी मोदी जी की मनुवादी सरकार ने दो दिन पहले समाप्त कर दिया. तेजस्वी ने सवाल उठाते हुए कहा है कि अब सरकार ने 50 फीसदी की सीलिंग हटायी है, फिर एससी-एसटी और ओबीसी के लिए कोटा बढ़ाने पर चुप्पी क्यों हैं?
Reservation is not a poverty alleviation programme. In spite of 52% population of OBCs in 1931 Census, OBCs settled for 27% quota in 1993 because there was a 50% ceiling on total reservation.
Now govt has raised the bar, then why its silent on increasing quota for SC/STs &OBCs? pic.twitter.com/n32mN2GCZN
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) February 7, 2019
पहले चरण में तीन जिलों की यात्रा पर निकले तेजस्वी यादव ने कहा है कि केंद्र सरकार को आरक्षण की सीमा बढ़ानी होगी. बिहार बेरोजगार युवाओं का गढ़ बन गया है. ट्वीट कर उन्होंने मांग की है कि ‘जातीय जनगणना करवाओ. जातीय अनुपात में आरक्षण बढ़ाओ. एससी-एसटी और ओबीसी का आरक्षण बढ़ाकर 90 फीसदी करो. अतिपिछड़ों को 40 फीसदी आरक्षण दो.’ साथ ही उन्होंने आरक्षण को निजी क्षेत्र में भी लागू करने की मांग की है. उन्होंने कहा है कि ‘आर-पार करेंगे, लड़ेंगे-मरेंगे और हक लेकर रहेंगे.’
कल दरभंगा से “बेरोज़गारी हटाओ, आरक्षण बढ़ाओ” यात्रा की शुरुआत होगी।
* जातीय जनगणना करवाओ
* जातीय अनुपात में आरक्षण बढ़ाओ
* SC/ST और OBC का आरक्षण बढ़ाकर 90% करो।
* अतिपिछड़ों को 40% आरक्षण दो
* निजी क्षेत्र में आरक्षण लागू करोआर-पार करेंगे, लड़ेंगे-मरेंगे और हक़ लेकर रहेंगे। pic.twitter.com/OuEXT2zVk9
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) February 6, 2019