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पटना : अब सूबे के सरकारी स्कूलों के छात्रों को किताब खरीदने के लिए मिलेंगे 250 से 400 रुपये

आठवीं तक के पौने दो करोड़ छात्रों को किताब के लिए मिलेगी डेढ़ गुनी ज्यादा राशि रविशंकर उपाध्याय पटना : सरकारी स्कूलों के आठवीं तक के पौने दो करोड़ छात्रों को किताब खरीदने के लिए अब लगभग डेढ़ गुनी से ज्यादा राशि मिलेगी. शैक्षणिक वर्ष 2019-20 से छात्र-छात्राओं को किताब खरीदने के लिए 250 से […]

आठवीं तक के पौने दो करोड़ छात्रों को किताब के लिए मिलेगी डेढ़ गुनी ज्यादा राशि
रविशंकर उपाध्याय
पटना : सरकारी स्कूलों के आठवीं तक के पौने दो करोड़ छात्रों को किताब खरीदने के लिए अब लगभग डेढ़ गुनी से ज्यादा राशि मिलेगी. शैक्षणिक वर्ष 2019-20 से छात्र-छात्राओं को किताब खरीदने के लिए 250 से 400 रुपये मिलेंगे. पहली से पांचवीं क्लास के विद्यार्थियों को 150 रुपये की जगह 250 रुपये मिलेंगे.
वहीं, छठी से आठवीं तक के विद्यार्थियों को 250 रुपये के बदले 400 रुपये मिलेंगे. बिहार शिक्षा परियोजना पर्षद ने इस संबंध में सभी जिलों से मांग पत्र समर्पित करने के लिए कहा है, ताकि उन्हें जरूरत के मुताबिक राशि मुहैया करायी जाये. जिलों से जैसे ही मांग पत्र मिलेगा इसके बाद छात्रों के खाते में किताब खरीदने के लिए राशि दे दी जायेगी. सरकार इस मद में 5.15 अरब खर्च करेगी.
इसको लेकर तय है बजट
सरकार के इस फैसले से बिहार के करीब पौने दो करोड़ विद्यार्थी लाभान्वित होंगे. इसमें क्लास एक से पांचवीं वर्ग तक एक करोड़ दस लाख छात्र शामिल हैं.
वहीं क्लास छठी, सातवीं और आठवीं क्लास के 60 लाख छात्र-छात्राएं फायदा उठायेंगे. बिहार शिक्षा परियोजना पर्षद इसको लेकर बजट तय कर चुका है. पहली से पांचवीं क्लास तक जहां 2.40 अरब रुपये खर्च होंगे, वहीं छठी से आठवीं क्लास के विद्यार्थियों को कुल 2.75 अरब रुपये इस मद में दिये जायेंगे.
इस फैसले के बाद बिहार टेक्स्टबुक पब्लिशिंग कॉरपोरेशन भी किताबों की क्वालिटी बेहतर कर सकेगी. बिहार टेक्स्टबुक कॉरपोरेशन के निदेशक के ओएसडी संजय कुमार ने बताया कि हमलोग बढ़ी हुई राशि से ज्यादा बेहतर क्वालिटी वाले बुक प्रकाशित करा सकेंगे. इस संबंध में कुल 54 पब्लिशर्स के साथ मीटिंग कर उन्हें निर्देशित किया जायेगा.
मार्च के पहले सप्ताह में ट्रांसफर की जायेगी राशि नये शैक्षणिक सत्र से
बढ़ी हुई राशि राज्य के सरकारी स्कूलों के करीब पौने दो करोड़ छात्रों को दी जायेगी. सभी जिलों से इस संबंध में मांग पत्र पेश करने के लिए कहा गया है. जिलों से फरवरी के अंत तक मांग पत्र मिलने के बाद मार्च के पहले सप्ताह तक हम राशि ट्रांसफर कर देंगे.
– शाहिद मोबिन, एडिशनल स्टेट प्रोग्राम अफसर, बिहार स्टेट एजुकेशन प्रोजेक्ट
पटना : स्कूली बच्चों की सुरक्षा के क्या हैं प्रबंध : हाइकोर्ट
पटना : पटना उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार से पूछा है कि स्कूल आने-जाने वाले बच्चों की सुरक्षा व्यवस्था के क्या उपाय किये गये हैं.कोर्ट ने शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव समेत संबंधित नोडल अधिकारियों से 25 फरवरी तक जवाब मांगा है. जस्टिस ज्योति शरण की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने इस संबंध में दायर जनहित याचिका की सुनवाई के बाद यह निर्देश दिया.
कोर्ट ने अधिकारियों से पूछा है कि अपने घर से स्कूल जाने-आने वाले बच्चों को क्या सुरक्षा उपलब्ध करायी जा रही है. स्कूली बच्चों को सुरक्षा उपलब्ध कराने के लिए जो भी कार्रवाई की जा रही है, उसकी पूरी जानकारी अगली सुनवाई पर कोर्ट में देने को कहा. कोर्ट को याचिकाकर्ता के वकील ने बताया कि राज्य सरकार सुरक्षा संबंधी मामलों पर ध्यान नहीं दे रही है.
जबकि, इस संबंध में केंद्र सरकार ने स्कूलों की सुरक्षा के लिए स्कूल सेफ्टी पॉलिसी 2016 बनायी थी. राष्ट्रीय सुरक्षा प्रबंधन द्वारा तैयार की गयी पॉलिसी को भी राज्य सरकार द्वारा लागू नहीं किया गया है.
केवल गया जिले में कुल 962 निजी विद्यालय हैं, जिनमें केवल 44 विद्यालयों में ही अग्निशमन यंत्र की व्यवस्था की गयी है. अन्य विद्यालयों द्वारा सुरक्षा का कोई भी प्रबंध नहीं किया गया है.
यही स्थिति बिहार के अन्य जिलों में भी है. कोर्ट को बताया गया कि सुरक्षा नियमों का पालन केवल दिल्ली पब्लिक स्कूल (डीपीएस) गया की बसों में किया गया है.

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