गंवई मजदूर थे, साइबर ठगी में उतरे तो करने लगे हवाई यात्रा, जमीन-फ्लैट और महंगी बाइक हैं खास शौक

पटना : सरगना भले ही कंप्यूटर फ्रेंडली और तकनीकी जानकार हैं, लेकिन उनके गुर्गे कम पढ़े-लिखे होने के बावजूद दिमागी खुराफात के चलते पानी की तरह पैसे पीट रहे हैं. तस्वीर यह है कि नालंदा, शेखपुरा और नवादा जिलों के कुछ खास गांवों में साइबर ठगी करने वाले लोगों की लाइफ स्टाइल ही बदल गयी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 8, 2019 7:04 AM
पटना : सरगना भले ही कंप्यूटर फ्रेंडली और तकनीकी जानकार हैं, लेकिन उनके गुर्गे कम पढ़े-लिखे होने के बावजूद दिमागी खुराफात के चलते पानी की तरह पैसे पीट रहे हैं.
तस्वीर यह है कि नालंदा, शेखपुरा और नवादा जिलों के कुछ खास गांवों में साइबर ठगी करने वाले लोगों की लाइफ स्टाइल ही बदल गयी है. कभी गंवई मजदूर के रूप में पहचान थी, लेकिन अब वीकेंड इंज्वाय करने के लिए हवाई यात्रा करते हैं.
शनिवार की शाम ये लोग फ्लाइट से दिल्ली, मुंबई, गोवा, कोलकाता, अंडमान-निकोबार, दार्जिलिंग, नेपाल के लिए निकल जाते हैं. मौज-मस्ती और सैर-सपाटे के बाद सोमवार की सुबह गांव पहुंचकर फिर वही धंधा शुरू कर देते हैं. अपाची की टॉप मॉडल बाइक साइबर ठगों की खास पसंद है. जिन इलाकों में ठगी का धंधा चल रहा है, उन गांवों में अपाची की संख्या बहुत ज्यादा हो गयी है.
किसी-किसी घर में तो दो-दो बाइकें हैं. इसके अलावा महंगी कारें भी खरीदी गयी हैं.इस धंधे ने आमदनी का ऐसा जरिया खोला है कि अभिभावक अपने बच्चों को इस अपराध से बचाने के बजाय उनका सहयोग कर रहे हैं.
साइबर क्राइम के धंधे में मशगूल अपराधियों का गांव किसी शहर के मुहल्ले से कम नहीं है. सूत्रों की मानें तो साइबर ठगी के धंधे में लंबे समय से काम करने वाले लोगों ने खूब संपत्ति बना ली है. जमीन और फ्लैट के प्रति इनका काफी आकर्षण है. कई शहरों में इनके फ्लैट हो गये हैं.
कतरीसराय और बरीठ गांव में छापेमारी के दौरान हुआ था पथराव
नालंदा जिले के कतरीसराय बाजार के संगत टोले के पूरब बागीचे में 15 जनवरी, 2019 को छापेमारी की गयी थी. इस दौरान पुलिस पर पथराव किया गया था. हालांकि, पुलिस ने कौशल कुमार को गिरफ्तार किया था. उसके कब्जे से काफी डाॅक्यूमेंट, मोबाइल फोन व अन्य सामान बरामद हुआ था. इससे पहले 24 मई, 2018 को बरीठ गांव में भी छापेमारी के दौरान पुलिस पर पथराव हुआ था. पुलिस को बैकफुट पर आना पड़ा था. यहां बता दें कि दोनाें गांवों के आसपास करीब 20 गांवों में साइबर ठगी का धंधा चल रहा है.

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