महागठबंधन प्रत्याशियों की जेब होगी ढीली, सहयोगी दलों का भी उठायेंगे खर्च
पटना : राज्य में लोकसभा चुनाव में यह तय हो गया है कि महागठबंधन के ही प्रत्याशी मैदान में उतरेंगे. महागठबंधन की वर्तमान तस्वीर के अनुसार नौ दलों के बीच तालमेल के साथ उम्मीदवार उतारने की तैयारी होनेवाली है. लोकसभा की 40 सीटों पर प्रत्याशी अलग-अलग दल के होंगे. इस महागठबंधन के प्रत्याशियों को मिलने […]
पटना : राज्य में लोकसभा चुनाव में यह तय हो गया है कि महागठबंधन के ही प्रत्याशी मैदान में उतरेंगे. महागठबंधन की वर्तमान तस्वीर के अनुसार नौ दलों के बीच तालमेल के साथ उम्मीदवार उतारने की तैयारी होनेवाली है. लोकसभा की 40 सीटों पर प्रत्याशी अलग-अलग दल के होंगे. इस महागठबंधन के प्रत्याशियों को मिलने वाली सीटों पर अन्य दलों के कार्यकर्ताओं की मदद की दरकार होगी. परिणाम है कि एक प्रत्याशी को नौ दलों के लिए भी व्यवस्था करना और उनके कार्यकर्ताओं को गतिशील रखने का भार उठाना होगा.
महागठबंधन में राजद, कांग्रेस, रालोसपा, लोकतांत्रिक जनता दल, हम, वीआइपी और तीन वाम दल शामिल हैं. इसमें प्रत्याशियों को हर पार्टी को उसके अनुसार दफ्तर खोलने होंगे. उस दल के कार्यकर्ताओं के लिए वाहन, प्रचार सामग्री, दैनिक खर्च, पोलिंग एजेंट की नियुक्ति करनी होगी. चुनाव के दौरान हर पार्टी को प्रतिदिन डीजल, पेट्रोल, बैनर, होर्डिंग्स, पर्चे, और अन्य प्रचार सामग्री, वाहन किराया, मार्केटिंग पर होने वाला खर्च पार्टी, कार्यालय पर कार्यकर्ताओं के खाने पीने का खर्च, और मतदाताओं को रिझाने के लिए भोजन-पानी की व्यवस्था करनी होती है.
प्रत्याशियों को इस लोकसभा चुनाव में फेसबुक, ट्विटर जैसे सोशल नेटवर्किंग साइट्स के माध्यम से भी प्रचार किया जायेगा. इसी तरह से प्रत्याशियों के स्टार प्रचारकों के लिए होनेवाली सभाओं व रैलियों के लिए बैरिकेडिंग, तोरण द्वार, कुर्सियां, बैनर, कट आउट पर प्रत्याशियों को खर्च वहन करना होगा. हर प्रत्याशी अपने क्षेत्र में अधिक संख्या में हर दल के स्टार प्रचारकों की सभाओं के आयोजन करने की कोशिश करता है.