पटना : नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने कहा है कि नरेंद्र मोदी यह वादा करते हुए सत्ता में आये थे, वह हर वर्ष दो करोड़ युवाओं को नौकरी देंगे. लेकिन, उसके एक छोटे अंश को भी पूरा करने में वह पूरी तरह से नाकाम रहे हैं. नीतीश कुमार और नरेंद्र मोदी की विफलता के चलते युवाओं में भारी आक्रोश है. दोनों नेताओं को इसका जवाब देना चाहिए.
तेजस्वी ने कहा कि युवाओं के लिए रोजगार सृजन नहीं होने के कारण देश में असंतोष और अराजकता का माहौल है. लाखों रिक्तियां हैं, लेकिन कोई नियुक्तियां नहीं हो रही हैं. बेरोजगारी के कारण युवा मॉब लिंचिंग, साम्प्रदायिकता, अपराध और दूसरे तरह के असामाजिक कार्यों में लिप्त हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि एनएसएसओ की रिपोर्ट को सरकार ने जानबूझकर दबाया, जिसके खुलासे से देश को यह जानकारी मिली कि पिछले 45 सालों में आज देश में रोजगार की सबसे भयावह स्थिति है.
असंगठित क्षेत्र से पिछले एक साल में ही कुल 1 करोड़ 10 लाख के लगभग नौकरियां लोगों से छीन गयी हैं. नोटबंदी के कारण असंगठित क्षेत्र और संगठित क्षेत्र दोनों पर भारी दबाव बना और कई लोगों ने अपने रोजगार व बेहतर आर्थिक स्थिति गंवा दी. सरकार रोजगार के अवसर उत्पन्न करने में पूरी तरह से नाकाम रही है.
सुशील मोदी को उपदेश देने की आदत : शिवानंद : राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने कहा है कि सुशील मोदी को उपदेश देने की आदत है. यहां तक कि अति उत्साह में सुप्रीम कोर्ट को भी उपदेश देने से नहीं चुकते हैं. लेकिन उनका यह उत्साह अक्सर उनकी अज्ञानता का भी परिचय कराता रहता है.
तिवारी ने कहा कि राजद के संदर्भ में अभी उन्होंने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश की जो आलोचना करता है उसके विरुद्ध उसको सुप्रीम कोर्ट को स्वत: संज्ञान लेना चाहिए. ऐसा कहते हुए वे भूल जाते हैं कि अभी देश में उनकी विचारधारा का पूर्ण साम्राज्य नहीं बन पाया है.