बिहार : बजट भाषण में सुशील मोदी ने शायराना अंदाज में विपक्ष पर किया कटाक्ष
पटना : बिहार के उपमुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी ने आज अपने बजट भाषण के दौरान कई बार शायराना अंदाज में विपक्ष पर तंजकसतेहुए निशाना साधा.साथ ही इस दौरान उन्होंने बिहार केपूर्वमुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के दौर के शासन को भी शायरी के जरिये ही याद किया. मालूम हो कि बिहार के उपमुख्यमंत्री […]
पटना : बिहार के उपमुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी ने आज अपने बजट भाषण के दौरान कई बार शायराना अंदाज में विपक्ष पर तंजकसतेहुए निशाना साधा.साथ ही इस दौरान उन्होंने बिहार केपूर्वमुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के दौर के शासन को भी शायरी के जरिये ही याद किया. मालूम हो कि बिहार के उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्रीसुशील मोदी ने आज दो लाख करोड़ का बजट पेश किया. इस दौरान उन्होंने बिहार के विकास दर का जिक्र करते हुए कहा कि राज्य 11.3 प्रतिशत की दर से विकास कर रहा है. पूरे देश में अव्वल नंबर पर है, लेकिन कुछ लोगों को विकास नहीं दिख रहा. उन्होंने कहा कि ये बजट 2004-05 के बजट से आठ गुणा ज्यादा है. बिहार आज जो सोचता है देश के दूसरे राज्य उसे फॉलो करते हैं. इस दौरान उन्होंने कई बार शायराना अंदाज में विपक्ष पर कटाक्ष किया.
सदन में पढ़े गये सुशील मोदी की शायरी पर एक नजर…
1- नजर को बदलो, तो नजारे बदल जाते हैं
सोच को बदलो, तो सितारे बदल जाते हैं
कश्तियाँ बदलने की जरुरत नहीं
दिशा को बदलो, तो किनारे
खुद ब खुद बदल जाते हैं।
2- नशा पिला के गिराना तो सबको आता है
मजा तो तब है कि गिरतों को थाम ले साकी।
3- खग! उड़ते रहना जीवन भर!
मत डर, प्रलय झकोरों से तू
बढ़, आशा हलकोरों से तू
क्षण में यह अरि-दल मिट जायेगा
तेरे पंखों से पिस कर!
खग! उड़ते रहना जीवन भर!
4- हिम्मत करने वालों की कभी हार नहीं होती,
लहरों से डरकर नैया पार नहीं होती।
5- तीर खाने का हवस है, तो जिगर पैदा कर।
सरफरोशी की तमन्ना है तो सर पैदा कर।।
6- टूटने लगे हौसले, तो ये याद रखना,
बिना मेहनत के तख्तो-ताज नहीं मिलते।
ढ़ूंढ़ लेते हैं अंधेरों में हम मंजिल अपनी,
क्योंकि जुगनू कभी रोशनी के मोहताज नहीं होते।