प्रभात रंजन
पटना : चार वर्षों तक फाइलों में लटकी पटना जलापूर्ति योजना पर फिर काम शुरू किया गया हैं. निगम प्रशासन ने नगर आवास विकास विभाग को पत्र भेजा था कि आधा-अधूरा निर्मित जलमीनारों को पूरा करने की जिम्मेदारी दी जाये.
विभाग ने बुडको को पांच जलमीनार व नेटवर्क व नगर निगम को 13 जलमीनारों व नेटवर्क बिछाने की जिम्मेदारी दी. इसमें बुडको को शेखपुरा, श्रीकृष्ण नगर, श्रीकृष्णा पुरी, अंटा घाट और अदालतगंज जलमीनार योजना को तैयार करना है. विभाग ने 13 जलमीनारों व नेटवर्क पर होने वाली खर्च 128.47 करोड़ रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति देते हुए राशि आवंटित कर दिया हैं.
24 घंटे होगी जलापूर्ति की व्यवस्था
शहरवासियों के घरों में 24 घंटे व सातों दिन शुद्ध पीने के पानी पहुंचे. इसको लेकर 75 वार्डों की डीपीआर तैयार की गयी. लेकिन, पहले चरण में 18 वार्डों में आधा-अधूरा बने जलमीनारों को तैयार किया जायेगा. इस योजना के साथ साथ जलमीनार के नेटवर्क, पंप हाउस, बोरिंग, ट्रांसफॉर्मर, क्लोरिन डोसिंग यूनिट व हाउस कनेक्शन आदि पूरा करना है. इस योजना के पूरा होने के बाद जलमीनार के आपूर्ति क्षेत्र में 24 घंटे व सातों दिन शुद्ध पीने के पानी सप्लाइ किया जा सकेगा.
छह वर्षों से लंबित है योजना
विभागीय निर्देश पर बुडको प्रशासन ने वर्ष 2012 में पटना जलापूर्ति
योजना बनाया. इस योजना के तहत निजी एजेंसी चयनित की गयी और वर्ष 2012 में ही वर्क ऑर्डर दिया गया, ताकि योजना वर्ष 2014 तक पूरा हो जाये. लेकिन, चयनित एजेंसी ने दो वर्ष में सिर्फ 18 वार्डों में आधा-अधूरा ही काम किया. लक्ष्य के अनुरूप काम नहीं करने पर अगस्त 2014 में चयनित एजेंसी को टर्मिनेट कर दिया गया. इसके बाद से अक्तूबर 2018 तक योजना फाइलों में दबी रही. वहीं, इस योजना को लेकर इंतजार होता रहा.