18.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बिहार बजट विश्लेषण : बजट आकार 2 लाख करोड़ पार करना बड़ी उपलब्धि, सृजित होंगे रोजगार के अवसर

बजट की दूसरी बड़ी खासियत योजना मद के आकार का लगातार बढ़ना है. जनता की क्रय शक्ति बढ़ने से उद्योगों को भी फायदा होने की संभावना बनेगी. बिहार द्वारा देश में सर्वाधिक 11.9 प्रतिशत विकास दर हासिल किये जाने पर सरकार को बधाई. राज्य के बजट आकार की तुलना वर्ष 2004-05 के बजट आकार (23,885 […]

बजट की दूसरी बड़ी खासियत योजना मद के आकार का लगातार बढ़ना है. जनता की क्रय शक्ति बढ़ने से उद्योगों को भी फायदा होने की संभावना बनेगी. बिहार द्वारा देश में सर्वाधिक 11.9 प्रतिशत विकास दर हासिल किये जाने पर सरकार को बधाई.
राज्य के बजट आकार की तुलना वर्ष 2004-05 के बजट आकार (23,885 करोड़) के परिप्रेक्ष्य में की जाये तो इस बार बजट का आकार 2 लाख करोड़ पार करना एक बड़ी उपलब्धि है. बजट की दूसरी बड़ी खासियत योजना मद के आकार का लगातार बढ़ना है. वित्तीय वर्ष 2019-20 के बजट में 1,00,000.98 करोड़ रुपये स्कीम मद में व्यय होना अनुमानित है. स्कीम मद में व्यय होने से राज्य के आर्थिक विकास को मजबूती प्राप्त होती है.
रोजगार के नये अवसर सृजित होंगे : नयी-नयी योजनाओं पर काम होता है, जिसका फायदा समाज के हरेक वर्ग को प्राप्त होता है. पूर्व की तरह इस बार भी शिक्षा, ग्रामीण विकास, ग्रामीण कार्य विभाग, समाज कल्याण, पथ निर्माण, स्वास्थ्य, ऊर्जा जैसे क्षेत्रों को बजट में प्राथमिकता दी गयी है. ग्रामीण विकास, ग्रामीण कार्य, समाज कल्याण, पथ निर्माण जैसे क्षेत्रों में नयी योजनाओं पर काम होने से आर्थिक विकास की गति तीव्र होगी. रोजगार के नये अवसर सृजित होंगे. जनता की क्रय शक्ति बढ़ने से उद्योगों को भी फायदा होने की संभावना बनेगी.
बिहार द्वारा देश में सर्वाधिक 11.9 प्रतिशत विकास दर हासिल किये जाने पर सरकार को बधाई. राज्य में प्रति व्यक्ति आय में हुई वृद्धि के लिए भी सरकार को वित्तीय प्रबंधन एवं नीतियां अच्छी हैं.
आधारभूत संरचना से जुड़े विभाग यथा पथ निर्माण विभाग, ऊर्जा विभाग, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग, ग्रामीण कार्य विभाग, ग्रामीण विकास विभाग में सरकार ने अपने बजट में स्कीम मद में काफी व्यय का प्रावधान किया है. आशा करते हैं कि राज्य में इन विभागों के तहत स्कीम मद में होने वाले व्यय के तहत सरकार के माध्यम से होने वाली खरीदारी में राज्य के उद्योगों को बिना किसी अवरोध तथा भेदभाव के हिस्सेदारी प्राप्त होगी, जिससे राज्य के उद्योगों की स्थिति मजबूत होगी नये निवेश आकर्षित होंगे, औद्योगिकीकरण की प्रक्रिया और तीव्र होगी.
केपीएस केसरी
अध्यक्ष, बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन
उद्योग विभाग को कुल बजट के आधा प्रतिशत से भी कम
उद्योग विभाग के बजट को अगर देखें तो पिछले वर्ष के मुकाबले बजट में थोड़ी बढ़ोतरी हुई है, लेकिन वृहद परिप्रेक्ष्य में देखा जाये तो उद्योग विभाग को दिया गया बजट कुल बजट के आधा प्रतिशत से भी कम है. यह चिंतनीय प्रश्न है. उद्योग के माध्यम से ही स्थायी रोजगार का सृजन होता है, सरकार को कर के रूप में राजस्व की प्राप्ति होती है.
आशा करते हैं कि सरकार आवश्यकता पड़ने पर अनुपूरक मांग के माध्यम से विभाग को राशि उपलब्ध करायेगी. सरकार वैट तथा वैट कार्यकाल से संबंधित विवादित कर के निबटारा के लिए एकमुश्त समझौता योजना लायेगी. इससे संबंधित अधिसूचना इसी वित्तीय वर्ष में निर्गत होगी.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें