बिहार बजट : शिक्षा व ग्रामीण क्षेत्र पर अधिक जोर, जानें और क्या है खास
इस बार के बजट में सबसे ज्यादा जोर शिक्षा और ग्रामीण क्षेत्रों पर दिया गया है. शिक्षा क्षेत्र में 34 हजार 798 करोड़ रुपये के खर्च का प्रावधान किया गया है. जबकि, ग्रामीण क्षेत्र के विकास के लिए कुल बजट की 1.48 प्रतिशत राशि कृषि के लिए रखी गयी है. राज्य सरकार ने नये वित्तीय […]
इस बार के बजट में सबसे ज्यादा जोर शिक्षा और ग्रामीण क्षेत्रों पर दिया गया है. शिक्षा क्षेत्र में 34 हजार 798 करोड़ रुपये के खर्च का प्रावधान किया गया है. जबकि, ग्रामीण क्षेत्र के विकास के लिए कुल बजट की 1.48 प्रतिशत राशि कृषि के लिए रखी गयी है.
राज्य सरकार ने नये वित्तीय वर्ष 2019-20 के बजट में सबसे ज्यादा शिक्षा और ग्रामीण क्षेत्रों की सूरत को संवारने पर ध्यान दिया है. शिक्षा क्षेत्र में 34 हजार 798 करोड़ के खर्च का प्रावधान किया गया है, जो कुल बजट का 17.36 प्रतिशत है. हालांकि प्रतिशत के हिसाब से देखे, तो चालू वित्तीय वर्ष की तुलना में शिक्षा को कुल बजट का कम प्रतिशत में राशि दी गयी है.
जबकि राशि महज 798 करोड़ की वृद्धि की गयी है. चालू वित्तीय वर्ष में शिक्षा के लिए 34 हजार करोड़ का प्रावधान किया गया था, जो कुल बजट का 20 प्रतिशत था. शिक्षकों की संख्या ज्यादा होने के कारण इनके वेतन और पेंशन समेत अन्य स्थापना एवं प्रतिबद्ध व्यय पर 14 हजार 489 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. विभिन्न योजनाओं पर 20 हजार 309 करोड़ के खर्च की व्यवस्था की गयी है. दुनिया की सबसे बड़ी मुख्यमंत्री बालिका-बालक साइकिल योजना के लिए 207 करोड़ दिये गये हैं. इसी तरह पोशाक, छात्रवृत्ति, सेनेटरी नैपकीन, इंटर और स्नातक प्रोत्साहन योजना समेत तमाम योजनाओं की राशि में बढ़ोतरी हुई है.
इसी तरह ग्रामीण क्षेत्र के विकास के लिए कुल बजट का कृषि को 1.48 प्रतिशत (2958 करोड़), पशु एवं मत्स्य संसाधन को 0.48 प्रतिशत (953 करोड़), पंचायती राज 6.09 प्रतिशत (12,206 करोड़) और ग्रामीण कार्य 5.45 प्रतिशत (10,917 करोड़) राशि का प्रावधान किया है. इन विभागों की सभी योजनाओं पर करीब साढ़े 13 फीसदी खर्च करके गांवों की सूरत बदलने की कवायद की गयी है.
इसमें किसानों की स्थिति से लेकर ग्रामीण सड़कों की स्थिति को बदलने की योजनाओं पर फोकस किया गया है. ग्रामीण सड़कों पर साढ़े नौ हजार करोड़ खर्च होंगे. इसमें सीएम ग्राम संपर्क योजना के तहत सभी प्रखंडों को जोड़ने के लिए 18 हजार किमी सड़क का कोर नेटवर्क तैयार किया जायेगा. इसके लिए पांच हजार 286 करोड़ का प्रावधान है.
ग्रामीण टोला संपर्क निश्चय योजना के तहत चार हजार 643 संपर्क विहीन टोला को जोड़ने के लिए तीन हजार 977 किमी सड़क का निर्माण पांच साल में होना है. इसके तहत नये बजट में एक हजार 35 करोड़ खर्च करके डेढ़ हजार किमी से ज्यादा सड़क बनेंगे. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में पांच हजार 286 करोड़ खर्च होंगे. इसके अलावा सड़कों की मरम्मती पर खासतौर से प्रावधान किया गया है.
स्वास्थ्य : 11 मेडिकल कॉलेज अस्पताल
11 नये मेडिकल कॉलेज अस्पतालों और एक नये डेंटल कॉलेज के निर्माण का काम शुरू किया जायेगा. इसमें छपरा, पूर्णिया, समस्तीपुर, बेगूसराय, सीतामढ़ी, झंझारपुर, सीवान, बक्सर, भोजपुर व जमुई में स्थापित होने वाले मेडिकल कॉलेज शामिल हैं. नालंदा में एक डेंटल कॉलेज भी बनना शुरू होगा. सरकार ने मुफ्त दवा वितरण योजना के तहत कैंसर व मधुमेह की दवाओं के साथ 310 प्रकार की दवाएं मरीजों को मुफ्त उपलब्ध करायेगी. साथ ही सर्जिकल वस्तुओं की भी मुफ्त उपलब्ध कराया जायेगा.
अन्य घोषणाएं
-आयुष्मान भारत योजना के 2.51 लाख लाभार्थियों को गोल्डेन कार्ड का लाभ. बजट में 335 करोड़ का प्रावधान.
-पीएमसीएच को तीन फेज में विकास के लिए 5540.07 करोड़. शुरू होगा आधारभूत संरचना का निर्माण.
-140 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर 12 प्रकार की सेवाएं होंगी शुरू
-मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना में दो वर्ष तक कन्या को संपूर्ण टीकाकरण के लिए 280 करोड़ का प्रावधान.
-मानसिक आरोग्यशाला, कोइलवर के पहले चरण में 128.96 करोड़ की लागत से 272 बेडों के भवन का निर्माण.
-शिशु के जन्म के बाद आशा द्वारा पांच बार देखभाल करने पर 50 रुपये की दर से 250 रुपये प्रोत्साहन राशि.
-मुफ्त डायलिसिस सेवा का होगा आरंभ.
पथ निर्माण : सात साल तक मेंटेनेंस
राज्य में सड़कों का मेंटेनेंस विश्व मानकों के अनुरूप करने को नयी नीति के तहत 13 हजार किमी सड़कों का सात साल तक मेंटेनेंस होगा. इसमें सभी स्टेट हाइवे व जिला सड़कों का 72 पैकेज में अलग-अलग प्रबंधन होंगे. सड़कों के शोध, विकास व प्रशिक्षण कार्य के लिए बिहार सड़क शोध संस्थान स्थापित होगा. सड़क संपर्क योजना के तहत 1228़ 83 करोड़ से औरंगाबाद, गया, जमुई, बांका व मुजफ्फरपुर में पुल-पुलिया व 864 किलोमीटर सड़कों का निर्माण होगा.
अन्य घोषणाएं
-भागलपुर में घोरघट, वेना, चंपा नाला पुल शीघ्र होगा चालू
-एडीबी से लोन लेकर 3933़ 33 करोड़ से एसएच कटिहार से बलरामपुर, वायसी-दीघल बैंक, मानसी-हरदी चौघाड़ा, बेतिया-भिखनाटोढ़ी व अंबा-गया सड़क का चौड़ीकरण होगा
-दाउदनगर-नासरीगंज के बीच सोन नदी पर फोर लेन पुल का निर्माण
-2019-20 में पूरा होनेवाली मेगा परियोजना
-गंडक नदी पर बंगरा घाट पुल का 508़ 97 करोड़ से निर्माण
-263़ 47 करोड़ से चकिया-सत्तर घाट सड़क में गंडक नदी पर साढ़े नौ किमी एप्रोच रोड के साथ 1449 मीटर लंबा पुल
-सीएम सेतु निर्माण योजना के तहत 4़ 15 करोड़ से एक व 1297़ 20 करोड़ से 12 परियोजनाएं पूरी.
खास-खास
2019-20 में किसानों के इनपुट अनुदान की राशि छह हजार रुपये से बढ़ाकर आठ हजार रुपये प्रति किसान किया जायेगा.
बिहार की सब्जी का ब्रांड नाम तरकारी रखा गया है. पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चयनित पटना, वैशाली, समस्तीपुर, बेगूसराय व नालंदा का एक संघ गठित किया गया है. प्रखंड स्तर पर 93 प्राथमिक सब्जी उत्पादक सहयोग समितियों का निबंधन हो चुका है.
सिंचाई के लिए साढ़े तीन सौ रुपये प्रति एकड़ प्रति सिंचाई डीजल अनुदान को बढ़ाकर पांच सौ रुपये प्रति एकड़ प्रति सिंचाई की गयी है.
शिक्षा : नियोजन में महिलाओं की भागीदारी 39%
शिक्षकों के नियोजन में अब महिलाओं की भागीदारी 39 प्रतिशत हो गयी है. उच्च माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति होने तक स्वीकृत व खाली पदों पर 25 हजार रुपये पर अतिथि शिक्षकों की सेवा की व्यवस्था हुई है.
गणित, विज्ञान एवं अंग्रेजी में चार हजार ऐसे शिक्षक पढ़ा भी रहे हैं. दूसरी ओर, बजट में मुख्यमंत्री बालिका (इंटरमीडिएट) प्रोत्साहन योजना के लिए 274.84 करोड़, मुख्यमंत्री बालिका (स्नातक) प्रोत्साहन योजना के लिए 200 करोड़, सर्व शिक्षा अभियान के लिए 14352.69 करोड़, मध्याह्न भोजन योजना के लिए 2374.42 करोड़ रुपये, राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के लिए 490 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.
अन्य घोषणाएं
-इस वित्तीय वर्ष में किलकारी योजना के तहत आठ से 16 साल के 23 हजार बच्चों को 25 प्रकार की गतिविधियों की मुफ्त ट्रेनिंग दी गयी.
-12 सालों में शिक्षा का बजट 4261 करोड़ से 2018-19 में बढ़कर 34000 करोड़ रुपये हुआ. यह पूरे प्रदेश के बजट का 20 प्रतिशत है.
-साढ़े तीन हजार से अधिक पंचायतों में मध्य विद्यालयों को उच्च माध्यमिक विद्यालय में उत्क्रमित किया गया. ये ऐसी पंचायतें हैं, जहां माध्यमिक विद्यालय नहीं थे.
-बेस्ट एप के माध्यम से शिक्षकों व छात्रों की उपस्थिति में सुधार, 39 हजार 436 प्रारंभिक विद्यालयों की हुई है मॉनीटरिंग.
विज्ञान व प्रावैधिकी : 278.72 करोड़ का बजट
राज्य में सभी इंजीनियरिंग कॉलेजों व पॉलिटेक्निक संस्थानों में अगले वित्तीय वर्ष से इंटरनेट लीज लाइन की सुविधा उपलब्ध होगी. सात इंजीनियरिंग कॉलेजों व 12 पॉलिटेक्निक संस्थानों में 250 करोड़ से अतिरिक्त छात्रावास का निर्माण होगा. अब इंजीनियरिंग कॉलेजों में छात्रों का नामांकन जेइइ मेंस के मेधा के आधार पर काउंसेलिंग के माध्यम से होगा. 2019-20 के लिए योजना मद में 117 करोड़ व स्थापना मद में 161.72 करोड़ यानी कुल 278.72 करोड़ रुपये बजट प्रावधान किया गया है.
अन्य घोषणाएं
-सात निश्चय कार्यक्रम में ‘अवसर बढ़े, आगे पढ़ें’ के तहत सभी जिलों में इंजीनियरिंग कॉलेजों व पॉलिटेक्निक स्थापित करने के लिए संकल्पित.
-अररिया, किशनगंज, नवादा, औरंगाबाद, शिवहर व मुंगेर में प्रत्येक नये इंजीनियरिंग कॉलेज भवन निर्माण के लिए 73.13 करोड़ रुपये स्वीकृत.
-गया, नालंदा, भागलपुर, मोतिहारी व छपरा इंजीनियरिंग कॉलेजों में एमटेक की पढ़ाई शुरू होगी.
-19 जिलों में इंजीनियरिंग कॉलेजों में विभिन्न पाठ्यक्रमों में 10 हजार सात सौ छात्र अध्ययनरत.
-इंजीनियरिंग कॉलेज भवन निर्माण के लिए 585 करोड़ का प्रावधान.
-पॉलिटेक्निक भवन के निर्माण के लिए 80 करोड़ का प्रावधान.
कृषि : 209 करोड़ का इजाफा
कृषि विभाग के बजट में चालू वित्तीय वर्ष से 209 करोड़ का इजाफा किया गया है. कृषि विभाग का कुल बजट 2958.99 करोड़ रखा गया है. इसमें योजना मद में 2259.08 करोड़ तथा स्थापना एवं प्रतिवद्ध व्यय 699.69 करोड़ रखा गया है. चालू वित्तीय वर्ष में कृषि विभाग का बजट 2749.77 करोड़ है.
-राष्ट्रीय कृषि विकास मिशन के लिए 252 करोड़.
-जैविक सब्जी की खेती को बढ़ावा देने के लिए 42 करोड़.
-सामूहिक नलकूप के लिए सौ प्रतिशत, स्प्रींकलर सिस्टम पर 75 प्रतिशत और ड्रीप सिंचाई पर 90 प्रतिशत अनुदान.
-विशेष उद्यान फसल विकास योजना में 90 प्रतिशत अनुदान.
-मेंथा की खेती को बढ़ावा देने के लिए प्रति हेक्टेयर 20 हजार -मखाना की खेती तालाब में करने के लिए 13400 प्रति हेक्टेयर और खेत में करने पर 16029 अनुदान मिलेगा.
राजस्व : 31,290 का होगा नियोजन
जमीन सर्वे के लिए राजस्व व भूमि सुधार विभाग में 31 हजार 290 कर्मियों का नियोजन होगा. राजस्व अधिकारी के 886, राजस्व कर्मचारी के 4353, व अमीन के 1522 रिक्त पदों पर नियुक्ति होगी. भू-अभिलेख सुरक्षित रखने को अंचलों में डाटा केंद्र सह आधुनिक अभिलेखागार भवन का निर्माण हो रहा है.
-नालंदा, शेखपुरा, मुंगेर, बेगूसराय, लखीसराय, खगड़िया, सहरसा, मधेपुरा व सुपौल में भू-सर्वेक्षण का काम हो रहा है.
-अभियान बसेरा कार्यक्रम में में 44 हजार 237 वासभूमि रहित परिवारों को वास भूमि उपलब्ध करायी जायेगी.
-सभी जिलों में कैडस्ट्रल मानचित्रों व 18 जिलों के रिविजनल मानचित्रों व 18 जिलों के चकबंदी मानचित्रों का डिजिटाइजेशन काम पूरा कर लिया गया है.
-अगले वित्तीय साल में विभाग द्वारा 1100 करोड़ राजस्व संग्रहण का लक्ष्य निर्धारित है.
जल संसाधन : पिछले साल की तुलना में ज्यादा
जल संसाधन विभाग के लिए पिछले वर्ष की तुलना में वर्ष 2019-20 में करीब एक अरब चौवन करोड़ रुपये अधिक बजट का प्रावधान किया गया है. वर्ष 2018-19 के लिए करीब चौंतीस अरब सनतानवे करोड़ रुपये खर्च के लिए स्वीकृत किये गये थे.
-महानंदा बाढ़ प्रबंधन योजना का दूसरा चरण वर्ष 2020 -21 तक पूरा होगा. पूर्णिया, कटिहार, किशनगंज और अररिया जिले की इस महत्वाकांक्षी योजना पर करीब सात अरब बानवे करोड़ रुपये की लागत का अनुमान है.
-बागमती बाढ़ प्रबंधन योजना के दूसरे चरण में करीब तेरह अरब नौ करोड़ रुपये की लागत से मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, शिवहर, समस्तीपुर और दरभंगा जिले में बागमती तटबंध निर्माण कार्य मार्च 2019 तक पूरा होगा.
-बागमती बाढ़ प्रबंधन योजना के तीसरे चरण (ए) में करीब नौ अरब तैंतालीस करोड़ रुपये की लागत से हायाघाट से डुमरीपुल तक करीब एक सौ सात किमी की लंबाई में बागमती दायां तटबंध निर्माण कार्य मार्च तक पूरा होगा.
पीएचइडी : पहुंचेगा स्वच्छ जल
हर घर नल का जल योजना में ग्रामीण इलाके में स्वच्छ जल पहुंचाने के लिए 2019-20 में 3684़ 18 करोड़ का प्रावधान किया गया है. इसमें योजना मद में 3225़ 34 करोड़ व स्थापना व प्रतिबद्ध मद में 458़ 84 करोड़ है.
-आर्सेनिक प्रभावित 3811, फ्लोराइड प्रभावित 2871 व आयरन प्रभावित 13 हजार वार्डों में हर घर नल का जल पहुंचेगा.
-विद्यालयों व आंगनबाड़ी केंद्रों में पेयजल की सुविधा मिलेगी.
-कहलगांव व पीरपैंती बहुग्रामीय जलापूर्ति योजना में 71 हजार घरों में शुद्ध पानी पहुंचाने का काम.
-नालंदा के सिलाव, नवादा के रजौली व बेगूसराय के चेरिया बरियापुर में बहुग्रामीण जलापूर्ति योजना चालू.
-सुखाड़ प्रभावित इलाके में 19़ 48 करोड़ से नये चापाकलों का निर्माण.
-पशुओं को पेयजल के लिए 42़ 51 करोड़ से 1500 जगहों पर कैटल टर्फ का निर्माण.
नगर विकास : मेट्रो रेल पर फोकस
नगर विकास एवं आवास विभाग के बजट में बताया गया है कि मुख्यमंत्री शहरी नाली-गली निश्चय योजना के तहत तीन लाख 65 लाख परिवारों में दो लाख 52 हजार घरों को पक्की नाली गली से जोड़ा जा चुका है. विभाग द्वारा पटना मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के दो रूटों पर निर्माण का प्रस्ताव केंद्र को भेजा गया है.
-स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) के तहत चार लाख 75 हजार लक्ष्य के विरुद्ध दो लाख 72 हजार का निर्माण पूर्ण. एक लाख 72 हजार निर्माणाधीन.
-पेयजल योजना में 15 लाख 63 हजार परिवारों में दो लाख 88 हजार परिवारों को नल जल योजना का लाभ दिया गया है.
-142 नगर निकायों में 136 में स्ट्रीट लाइट सुविधा के लिए इइएसएल के साथ एकरारनामा.
– नमामि गंगे द्वारा स्वीकृत 5273.21 करोड़ के सीवरेज नेटवर्क पर चल रहे हैं कार्य.