19.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बिहार बजट विश्लेषण : व्यवसायियों को राहत, सरकार को मिलेगा राजस्व

बजट में वैट के पूर्व के लंबित मामलों के निबटारे के लिए एक मुश्त समझौता योजना लाया है. इस योजना से न केवल व्यवसायियों को राहत मिलेगी, बल्कि सरकार को राजस्व की प्राप्ति होगी. पिछले वर्ष की तुलना में करीब 10 फीसदी की वृद्धि कर 2,00,501 करोड़ किये जाने से राज्य के विकास कार्यों में […]

बजट में वैट के पूर्व के लंबित मामलों के निबटारे के लिए एक मुश्त समझौता योजना लाया है. इस योजना से न केवल व्यवसायियों को राहत मिलेगी, बल्कि सरकार को राजस्व की प्राप्ति होगी.
पिछले वर्ष की तुलना में करीब 10 फीसदी की वृद्धि कर 2,00,501 करोड़ किये जाने से राज्य के विकास कार्यों में गति मिलेगी. साथ ही राज्य के सर्वांगीण विकास को सात निश्चयों को कार्यान्वित कराने की दिशा में यह बजट काफी कारगर सिद्ध होगा. राज्य में 11 मेडिकल कॉलेज, इंजीनियरिंग कॉलेज, पॉलिटेक्निक, आइटीआइ व महिला आइटीआइ खोलने व उसके विस्तार करने, सभी थानों का कंप्यूटरीकृत, पटना में सीसीटीवी का विस्तार करने, पटना मेडिकल कॉलेज व हॉस्पिटल का विस्तार और पटना में मेट्रो प्रोजेक्ट विकास का परिचायक है.
खुशी की बात है कि बिहार का ग्रोथ रेट पहले नंबर पर है और राज्य में हो रहे अच्छे कार्यों को ध्यान में रखते हुए 11 पुरस्कार से सम्मानित किया गया है तथा बिहार सब्जी उत्पादन में देश में तीसरा और फल उत्पादन में छठे स्थान पर है. बजट से ऐसा प्रतीत होता है कि राज्य के चहुमुखी विकास पर बल देने के लिए कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, आदि के विकास पर विशेष बल दिया गया है.
सरकार को बजट पूर्व ज्ञापन में मांग की गयी थी कि उद्योग विभाग का बजट को बढ़ा कर 200 करोड़ किया जाये. औद्योगिक विकास निधि का गठन हो, बैंकों को ऋण प्रवाह बढ़ाने को दबाव बनाया जाये, भूमि बैंक की स्थापना की जाये तथा उद्योगों के लिए जगह-जगह पर इलाकों को चिह्नित किया जाये, सूचना प्राेद्यौगिकी को स्वतंत्र उद्योग का दर्जा दिया जाना चाहिए और इसके लिए आगामी बजट में 500 करोड़ का प्रावधान किया जाये तथा स्थानीय आइटी उद्यम को बढ़ावा दिया जाये.
चाय उद्योग के लिए अलग से औद्योगिक प्रोत्साहन नीति बनाया जाये, पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम को पर्याप्त राशि उपलब्ध कराया जाये, राज्य में अवस्थित सुक्ष्म, लघु व मध्यम उद्योगों को 15 फीसदी का सहूलियत दिया जाये तथा 25 फीसदी की खरीद स्थानीय उद्योगों से किया जाये, जीएसटी की प्रतिपूर्ति का कोई फाॅर्मूला बनाया जाये, प्रोफेशनल टैक्स की ऑनलाइन भुगतान की व्यवस्था हो उद्योगों के लिए भी बिजली में सब्सिडी का प्रावधान किया जाये तथा बिजली की दर पड़ोसी राज्यों यथा झारखंड व पश्चिम बंगाल से तुलनात्मक बनाया जाये, पथ कर अधिक होने की वजह से महंगे वाहन लोग दूसरे राज्यों से खरीद रहे हैं जिसके कारण राज्य को राजस्व की हानि हो रही है इसका उचित समाधान निकाला जाये इत्यादि सुझाव पर भी विचार किया जाना चाहिए था. लेकिन, इन बिंदुओं पर विचार नहीं किया गया जो दुखद: पहलू है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें