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बिहार बजट : बेहतर वित्तीय प्रबंधन से ऋण का बोझ घटा, बैंक कर्ज देने में 57.40% पीछे
यह बेहतर प्रबंधन का नतीजा है कि राज्य पर ऋण का बोझ कम हो रहा है. 2005-06 में राज्य के सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) के मुकाबले 56.3 प्रतिशत ऋण था, जो 2017-18 में घटकर जीएसडीपी का 31.67 प्रतिशत हो गया. ऋण घटकर एक लाख 44 हजार 444 करोड़ हो गया है. राज्य ने 2019-20 के […]
यह बेहतर प्रबंधन का नतीजा है कि राज्य पर ऋण का बोझ कम हो रहा है. 2005-06 में राज्य के सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) के मुकाबले 56.3 प्रतिशत ऋण था, जो 2017-18 में घटकर जीएसडीपी का 31.67 प्रतिशत हो गया. ऋण घटकर एक लाख 44 हजार 444 करोड़ हो गया है.
राज्य ने 2019-20 के लिए दो लाख 501 करोड़ का अब तक का सबसे बड़ा बजट पेश करने के साथ ही कई बेहतर वित्तीय प्रबंधन का भी परिचय दिया है. 2005-06 में राज्य के सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) के मुकाबले 56.3 प्रतिशत ऋण था, जो 2017-18 में घटकर जीएसडीपी का 31.67 प्रतिशत हो गया. पहले एक लाख 56 हजार 776 करोड़ का ऋण था, जो अब घटकर एक लाख 44 हजार 444 करोड़ हो गया है.
यह बेहतर प्रबंधन का नतीजा है कि राज्य पर ऋण का बोझ कम हो रहा है. साथ ही राजकोषीय घाटा तीन फीसदी के मानक के अंदर 2.93 प्रतिशत ही रहा है. वित्तीय 2019-20 के अंत तक ऋण के घटकर एक लाख 30 हजार करोड़ हो जाने का अनुमान है, जो जीएसडीपी का 23.95 प्रतिशत होगा. हालांकि अभी भी राज्य के प्रत्येक व्यक्ति पर करीब 700 रुपये का कर्ज है.
आंतरिक टैक्स और गैर टैक्स स्रोतों से राजस्व वसूली में वृद्धि
राज्य का बजट आकार 2005-06 में 26 हजार 328 करोड़ हुआ करता था, जो 2019-20 में बढ़ कर दो लाख 501 करोड़ हो गया. 15 साल में इसमें करीब आठ गुणा की बढ़ोतरी हुई है.
इसी तरह योजना आकार 2005-06 में छह हजार 87 करोड़ हुआ करता था, जो नये वित्तीय वर्ष में बढ़ कर एक लाख एक हजार 391 करोड़ पहुंच गयी. डेढ़ दशक के दौरान इसमें करीब 16 गुणा की बढ़ोतरी हुई है. इसका मुख्य कारण केंद्रीय टैक्स के अलावा राज्य के आंतरिक टैक्स और गैर-टैक्स स्रोतों से राजस्व वसूली में बढ़ोतरी होना है. नये वित्तीय वर्ष के दौरान केंद्रीय टैक्स पुल से राज्य को 89 हजार 121 करोड़ रुपये मिलेंगे, जो चालू वित्तीय वर्ष 2018-19 के 76 हजार 172 करोड़ से 13 हजार करोड़ ज्यादा है.
इसी तरह राज्य के आंतरिक टैक्स स्रोतों से 33 हजार 800 करोड़ रुपये राजस्व प्राप्ति की अनुमान है, जो चालू वित्तीय वर्ष के 31 हजार करोड़ से तीन हजार 800 करोड़ ज्यादा है.
गैर-टैक्स मद में चार हजार 807 करोड़ प्राप्ति का अनुमान है, जो मौजूदा प्राप्ति चार हजार 445 करोड़ से करीब चार हजार करोड़ ज्यादा है. केंद्र प्रायोजित योजनाओं (सीएसएस) में राज्य को मौजूदा वित्तीय वर्ष के दौरान 46 हजार 431 करोड़ मिलना है. जबकि, नये वित्तीय वर्ष के लिए 49 हजार 19 करोड़ मिलने का अनुमान रखा गया है. राज्य के आंतरिक के अलावा केंद्रीय सहायता और टैक्स की हिस्सेदारी में लगातार बढ़ोतरी होने के कारण बजट और योजना आकार बढ़ता जा रहा है.
इन मदों में मुख्य रूप से खर्च होंगे रुपये
नये वित्तीय वर्ष के बजट में स्थापना या प्रतिबद्ध व्यय (गैर-योजना मद) में 99 हजार 110 करोड़ के खर्च का अनुमान रखा गया है. इसमें सबसे ज्यादा कर्मियों की सैलरी पर 23 हजार 358 करोड़, पेंशन पर 18 हजार 457 करोड़ और ब्याज के रूप में 10 हजार 723 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे. इसके अलावा राज्य के आंतरिक ऋण में ब्याज के रूप में छह हजार 152 करोड़ रुपये खर्च होंगे. राज्य सरकार छात्रवृत्ति के रूप में 3630 करोड़ खर्च करेगी.
पुलिस से पंचायत तक डिजिटल क्रांति
राज्य में डिजिटल क्रांति की शुरुआत हुई. इसमें पुलिस से पंचायत तक सभी शामिल किये गये. अब राज्य की सभी योजनाओं के लाभुकों को डायरेक्ट बेनीफिट ट्रांसफर के माध्यम से राशि का भुगतान उनके बैंक खाते में किया जा रहा है. वर्ष 2018-19 में एक करोड़ इकतालीस लाख लाभार्थियों के बैंक खाते में सतहत्तर अरब तैंतीस करोड़ रुपये ट्रांसफर किये गये हैं.
अन्य घोषणाएं
-दो अरब सत्तर करोड़ रुपये की लागत से क्राइम और क्राइम ट्रैकिंग नेटवर्क सिस्टम के तहत सभी 894 थानों को कंप्यूटर उपलब्ध करवाये गये हैं. छह लाख एफआइआर पोर्टल पर डाला जा चुका है.
-पटना में अप्रैल 2019 तक और नालंदा जिले में सितंबर 2019 तक थानों का कंप्यूटरीकरण पूरा हो जायेगा. इसके बाद सीसीअीएनएस के माध्यम से लोग ऑनलाइन एफआइआर करवा सकेंगे. इसकी ट्रैकिंग होगी और अपराध पर नियंत्रण हो सकेगा.
-पटना शहर की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी लगाने के लिए 110 करोड़ रुपये की योजना स्वीकृत की गयी है.
बिहार के बैंक कर्ज देने में 57.40% पीछे
बिहार के बैंकों ने ऋण देने के लिए 1,30,000 लक्ष्य बनाया, जिसके तहत ऋण का वितरण भी किया गया. इसके अलावे जन धन योजना के तहत लोगों के बैंक में खाते खोले गये और अटल पेंशन योजना के तहत भी बैंकों में खाते खुले.
अन्य घोषणाएं
-2018-19 में बिहार के बैंकों द्वारा 1,30,000 करोड़ रुपया ऋण दिया जाना है, जिसके विरुद्ध दिसंबर तक 74,618 करोड़ रुपया वितरित किया गया है, जो लक्ष्य का 57.40 प्रतिशत है.
-बिहार में 4,12,80,000 जनधन खाते खोले गये है,जिसमें 8,567 करोड़ जमा हो चुके है.
-प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना अंतर्गत 53,52,000 तथा जीवन ज्योति बीमा योजना में 15,36,000 एवं अटल पेंशन योजना के तहत 12,29,000 खाते खोले गये है.
-प्रधानमंत्री मुद्रा योजना में राज्य के 26,10,000 लोगों को 22,388 करोड़ का ऋण दिया.
नोटरियों में एक हजार पदों पर नियुक्ति
बजट में बिहार के अधिवक्ताओं को ध्यान में रखकर योजना बनायी गयी है.रिक्तियों को भरने के लिए लक्षय तैयार हुआ है, तो अधिवक्ता कल्याण निधि स्टाम्प का मूल्य भी बढ़ाने की बात बजट में की गयी है.
अन्य घोषणाएं
-बिहार में नोटरियों के स्वीकृत 1000 पदों पर नियुक्ति .
-विभिन्न जिलों में अवस्थित वकालतखाना के भवनों के निर्माण व रख-रखाव तथा पुस्तकालयके लिए सरकार द्वारा कार्य योजना बनायी जायेगी.
-अधिवक्ता कल्याण निधि स्टाम्प का मूल्य 15 रुपये से बढ़ाकर 15 रुपया किया जायेगा.
वन एवं पर्यावरण : प्रदूषण रोकने को छह केंद्र
राज्य में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के लिए पिछले वर्ष की तुलना में वर्ष 2019-20 में करीब 88 करोड़ रुपये अधिक बजट का प्रावधान किया गया है. पिछले वर्ष करीब चार अरब तेरह करोड़ रुपये का बजट था, जबकि इस वर्ष करीब पांच अरब एक करोड़ रुपये का बजट है. वायु प्रदूषण रोकने को पटना में चार तथा भागलपुर और मुजफ्फरपुर में एक-एक केंद्र खोले जायेंगे.
अन्य घोषणाएं
-जलवायु परिवर्तन समस्या से निबटने के लिए विभाग में अलग से विंग स्थापित किया जा रहा है. ग्रीन क्लाइमेट फंड योजना में दक्षिण बिहार के सात जिलों के लिए डीपीआर तैयार करने के लिए नाबकोन्स से एमओयू किया गया है. करीब तीन अरब अठारह करोड़ रुपये का बजट प्रावधान है.
-राज्य में वायु प्रदूषण की मॉनीटरिंग के लिए तीन केंद्रों के अलावा छह नये केंद्र बनाने के लिए टेंडर निकाला गया है. इसमें पटना में चार, दरभंगा में एक और भागलपुर में एक बनाये जायेंगे.
-बायोलॉजिकल वेस्ट के उपचार और निबटान के लिए राज्य में पटना, मुजफ्फरपुर और भागलपुर के अलावा गया में भी केंद्र बनाया गया है. यह फरवरी के अंत तक काम करने लगेगा.
-खतरनाक वेस्ट के उपचार और निबटान के लिए भोजपुर में भी एक सेंटर खोले जायेंगे.
स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड : 833.40 करोड़ का बजट
बजट में सबसे अधिक फोकस युवाओं पर किया गया है. राज्य में 11 नये मेडिकल कालेज खोलने की घोषणा की गयी. स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना में अबकी बार 833.40 करोड़ का बजट का प्रावधान किया गया है. देश में अपनी तरह की इस अनूठी योजना के तहत बैंकों के बजाये राज्यकोष से छात्रों को एक प्रतिशत, छात्राओं, दिव्यांगों को एक प्रतिशत ब्याज पर शिक्षा ऋण दिया जाता है.
अन्य घोषणाएं
-सभी अनुमंडलों में एक-एक आइटीआइ प्रारंभ करने के मुख्यमंत्री के निश्चय के तहत 19 इंजीनियरिंग कॉलेजों में 10700 छात्र पढ़ रहे हैं. 33 जिलों में 39 पॉलिटेक्निक में 20720 विद्यार्थी पढ़ रहे हैं.
-प्रदेश के सभी 101 अनुमंडलों में संचालित 110 आइटीआइ में 19916 छात्र पढ़ रहे हैं. 38 महिला आइटीआइ में 2103 विद्यार्थियों ने एडमिशन लिया है.
-बिहार के 190 तकनीकी सरकारी संस्थानों में 53509 छात्र पढ़ रहे हैं.
बिहार को मिले इस वर्ष 11 सम्मान
चालू वित्तीय वर्ष में भारत सरकार, विश्व बैंक और अन्य संस्थाओं ने उल्लेखनीय उपलब्धियों के लिए पुरस्कृत किया. बिहार को 11 पुरस्कार मिला.
जीविका परियोजना को ग्रामीण विकास में नवाचार के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विश्व बैंक प्रेसिडेंट अवार्ड मिला. मक्का उत्पादन में कृषि कर्मण पुरस्कार मिला. बिहार को डेयरी व पशु प्रक्षेत्र में सतत उच्च वृद्धि एवं उल्लेखनीय प्रदर्शन के लिए बिहार को ग्लोबल एग्रीकल्चर लीडरशिप अवार्ड 2018 मिला.
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