बिहार बजट : विकास की सवारी सबकी हिस्सेदारी, नया टैक्स नहीं, 70 हजार स्थायी नियुक्तियां, पटना मेट्रो के लिए 17, 887 करोड़
बिहार के विकास की रफ्तार को दो अंकों में बनाये रखने के लिए उपमुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री ने मंगलवार को विधानमंडल में दो लाख पांच सौ एक करोड़ रुपये का बजट पेश किया. यह 2004-05 के बजट आकार से आठ गुने से अधिक बड़ा है. इसमें योजना आकार 1,00000.98 करोड़ रुपये का है, जो वर्ष […]
बिहार के विकास की रफ्तार को दो अंकों में बनाये रखने के लिए उपमुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री ने मंगलवार को विधानमंडल में दो लाख पांच सौ एक करोड़ रुपये का बजट पेश किया. यह 2004-05 के बजट आकार से आठ गुने से अधिक बड़ा है. इसमें योजना आकार 1,00000.98 करोड़ रुपये का है, जो वर्ष 2018-19 के योजना आकार से 8,206.25 करोड़ रुपये अधिक है.
सबसे अधिक फोकस शिक्षा, युवाओं के रोजगार, कृषि, गांवों के विकास, स्वास्थ्य, ऊर्जा, सड़क निर्माण और समाज कल्याण पर है. 70 हजार नयी स्थायी नियुक्तियों का एलान किया गया है. पटना मेट्रो के लिए 17,887 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. फिर भी संसाधन जुटाने के लिए राज्य की जनता पर किसी नये टैक्स का बोझ नहीं डाला गया है. राज्य सरकार अपने स्रोतों से 33 हजार आठ सौ करोड़ रुपये से राजस्व जुटायेगी, जिसमें वाणिज्यकर से 25500 करोड़ प्राप्त होंगे.
शानदार वित्तीय प्रबंधन से दो फीसदी बढ़ी विकास दर
एनडीए सरकार के शानदार वित्तीय प्रबंधन का नतीजा है कि 2017-18 में बिहार की विकास दर दो फीसदी बढ़ी. कई राज्य हमारी अर्थव्यवस्था को फॉलो कर रहे हैं. गैर-सरकारी रेटिंग एजेंसी क्रिसिल की रिपोर्ट में भी हमारी विकास दर 9.9 से बढ़कर 11.9% होने की सराहना की गयी है. एनडीए सरकार में बिहार का राजकोषीय घाटा लगातार तीन फीसदी से कम रहा.
-सुशील कुमार मोदी, उपमुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री
बेहतरीन और गरीबी दूर करने वाला बजट
यह गरीबी दूर करने वाला बजट है. यह गांवों के विकास और भविष्य निर्माण का बजट है. अभी राज्य की विकास दर 11.3 % है. अगले कुछ सालों में जब बजट के अनुरुप गांवों का विकास होगा तो विकास दर में और उछाल आयेगी. शिक्षा, स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास और सामाजिक क्षेत्र में सबसे अधिक जोर दिया गया है. तीन से चार साल में इसका व्यापक बदलाव दिखेगा.
-श्रवण कुमार, संसदीय कार्य मंत्री, जदयू नेता
सिर्फ आंकड़ों का खेल
यह बजट सिर्फ आंकड़ों का खेल है. पूरी तरह परंपरागत और खोखला है. इसमें नया कुछ भी नहीं है. बजट का आकार बढ़ रहा है, लेकिन कितनी राशि लैप्स हो रही है, इसका जिक्र नहीं है. बजट में राज्य की अपनी आमदनी 35 हजार करोड़ तक ही है. बाकी केंद्रीय योजनाओं की राशि या केंद्रीय अनुदान है. वित्तीय प्रबंधन बेहतर नहीं रहने से नॉन प्लान का शेयर बढ़ रहा है.
-अब्दुल बारी सिद्दीकी , पूर्व वित्त मंत्री व वरिष्ठ राजद नेता
चार महीने के खर्च के लिए लेखानुदान
डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने कहा कि इस बार बजट तो पूरा पेश किया गया, लेकिन चुनावी वर्ष होने के कारण बजट सत्र सात दिनों का है. इससे सिर्फ चार महीने का लेखानुदान के रूप में कुल बजट आकार की करीब एक-तिहाई राशि पास करायी जायेगी.
जल्द आयेगा महिला और बाल बजट
महिला और बाल बजट अलग से चालू सत्र के दौरान ही राज्य सरकार पेश करेगी. सुशील मोदी ने कहा कि इस दौरान सभी विभागों में महिला और बच्चों के लिए विभिन्न योजनाओं के तहत किये गये खर्च की जानकारी दी जायेगी.
महत्वपूर्ण एलान
साल के अंत तक कृषि फीडर तैयार होने और किसानों को 75 पैसे प्रति यूनिट बिजली मिलेगी
•भगवान बुद्ध के अस्थिकलश के दर्शन के लिए वैशाली में बनेगा बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय-सह-स्मृति स्तूप
•बेतिया, मोतिहारी एवं मुजफ्फरपुर में बनेंगे दो-दो हजार व्यक्तियों की क्षमता के आॅडिटोरियम
•सभी प्रमंडलीय जिला मुख्यालयों में 600 लोगों की क्षमता की आॅडिटोरियम-सह-आर्ट गैलरी बनेगी
•बिहार पत्रकार सम्मान पेंशन योजना की नयी नियमावली का प्रारूप तैयार
•1 जुलाई, 2017 से लागू जीएसटी के पूर्व के विवादित वैट से जुड़े मामलों के निबटारे के लिए समाधान योजना आयेगी
•1.5 करोड़ से कम वाले करदाताओं को खाता अपडेट के लिए मुफ्त साॅफ्टवेयर
शिक्षा एवं चिकित्सा ऋण के दस्तावेजों पर देय निबंधन शुल्क घट कर 0.5%
राज्य के इंजीनियरिंग काॅलेजों में नामांकन, जेइइ मेंस की मेधा सूची के आधार पर काउंसेलिंग के माध्यम से लिया जायेगा.
7 इंजीनियरिंग काॅलेजों व 12 पोलिटेक्निक संस्थानों में होगा और छात्रावासों का निर्माण
बिहार सड़क शोध संस्थान की स्थापना होगी
कैंसर व मधुमेह की दवाओं सहित 310 प्रकार की दवाएं मरीजों को निःशुल्क मिलेंगी
अररिया, किशनगंज व नवादा इंजीनियरिंग काॅलेज में शुरू होगी पढ़ाई
•नालंदा के रहुई में एक डेंटल कॉलेज का शुरू होगा निर्माण
गया, नालंदा, छपरा, भागलपुर व मोतिहारी इंजीनियरिंग काॅलेज में एमटेक की होगी पढ़ाई