पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नेआज राज्य में 60 वर्ष से ज्यादा के सभी वर्ग और स्तर के वृद्धजनों के लिए नयी पेंशन योजना शुरू करने की घोषणा विधानमंडल में की है. इस योजना का नाम ‘मुख्यमंत्री वृद्धजन पेंशन योजना’ है. बुधवार को वह विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर सरकार का जवाब दे रहे थे. इस दौरान पत्रकारों के लिए भी पेंशन योजना देने की घोषणा की.
सरकारी सेवा से रिटायर्ड को नहीं मिलेगापेंशन योजनाका लाभ
विपक्ष की टोकाटोकी के बीच मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले वृद्धावस्था पेंशन योजना का लाभ सिर्फ बीपीएल परिवार के लोगों को मिलता था, लेकिन अब इस प्रावधान को बदलते हुए 60 वर्ष से ज्यादा के सभी वृद्धों को पेंशन देने की शुरुआत की जा रही है. सरकारी सेवा से रिटायर्ड किसी भी स्तर के कर्मियों को इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा. इन्हें छोड़कर अन्य जो भी इसका लाभ लेना चाहे, वह ले सकते हैं. अप्रैल 2019 से ही इसका लाभ सभी को मिलने लगेगा.
उन्होंने कहा कि इस योजना के लिए मार्च 2019 से सर्वे का काम शुरू कर दिया जायेगा. जुलाई तक सभी वृद्धजनों का सर्वे, उनसे आवेदन प्राप्त करने, आधार से जोड़ने और बैंक एकाउंट खोलने समेत तमाम प्रक्रियाएं पूरी कर ली जायेंगी. इसके बाद अगस्त महीने में अप्रैल से जोड़कर पेंशन की पूरी राशि सीधे बैंक खाते में ट्रांसफर की जायेगी. प्रत्येक महीने सभी वृद्धों के खाते में सीधे यह राशि जायेगी. हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि पेंशन की राशि कितनी होगी. वर्तमान में चल रही वृद्धावस्था पेंशन की राशि 500 रुपये प्रति महीने है.
पत्रकारों के लिए भी पेंशन योजना हुई शुरू
सीएम ने कहा कि पत्रकार सम्मान पेंशन योजना शुरू की जा रही है. इसके तहत 20 साल पूरा कर चुके या इससे अधिक पत्रकारिता में पूरा करने वाले पत्रकारों को प्रत्येक महीने छह हजार रुपये दिये जायेंगे. किसी भी तरह के समाचार पत्र या अखबार, पोर्टल, मैग्जिन, न्यूज चैनल, एजेंसी समेत अन्य ऐसे किसी माध्यम में काम करने वाले पत्रकारों को इसका लाभ मिलेगा. यह योजना भी अप्रैल 2019 से लागू होगी. अगर किसी पत्रकार की मृत्यु होती है, तो उनकी पत्नी या परिजनों को तीन हजार रुपये दिये जायेंगे.
विश्वविद्यालयों में 13 प्वाइंट आरक्षण की व्यवस्था की गयी है वह पूरी तरह से गलत : सीएम
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर विश्वविद्यालयों में 13 प्वाइंट आरक्षण की जो व्यवस्था की गयी है. वह पूरी तरह से गलत है. राज्य सरकार चालू सत्र में आरक्षण की पुरानी व्यवस्था लागू करने और 2021 में जाति आधारित जनगणना कराने को लेकर एक सर्वदलीय प्रस्ताव सदन के चालू सत्र से पारित करवा कर केंद्र को भेजेगी.
आरक्षण की पुरानी व्यवस्था हो लागू
मुख्यमंत्री ने विश्वविद्यालय में नयी आरक्षण व्यवस्था को पिछड़ा वर्ग खासकर एससी-एसटी वर्ग के लिए सबसे बड़ा नुकसान बताते हुए कहा कि इस मामले में सभी दलों का मत एक है. यह आरक्षित वर्गों के साथ न्याय नहीं है. केंद्र सरकार ने इसके लिए सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर करने जा रही है. उन्होंने कहा कि गरीब सवर्णों को मिलने वाला 10 फीसदी आरक्षण बिना किसी दूसरे वर्ग के आरक्षण को छेड़छाड़ किये दिया जा रहा है. इस पर किसी की आपत्ति बेबुनियादी है. उन्होंने कहा कि बीपीएससी से हो रही बहाली में फिलहाल पुरानी आरक्षण व्यवस्था ही लागू है. परंतु अगर यह लागू हो गया, तो काफी बड़ा नुकसान हो जायेगा. राज्य सरकार इसे रोकने के लिए हर संभव कदम उठायेगी.
कानून-व्यवस्था पर बोले नीतीश…
सीएम ने राज्य की विधि-व्यवस्था पर सख्ती से कार्रवाई करने के लिए थानावार अपराध का विश्लेषण करने समेत तमाम पहल पर सरकार का पक्ष रखा. उन्होंने कहा कि सभी थानों में एक महीने के अंदर अनुसंधान और विधि-व्यवस्था के लिए अलग-अलग जांच टीम का गठन कर लिया जायेगा.
बिहार में कम हुए है अपराध : नीतीश
बिहार में कानून व्यवस्था को लेकर विपक्ष की ओर से लगातार सवाल उठाये जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि पहले घटनाएं अधिक होती थी इसलिए मीडिया में कम छपती थी, लेकिन अब अपराध की घटनाएं कम हो रही है इस कारण मीडिया में छप जा रही है. उन्होंने कहा कि बिहार में अपराध कम हुए है. समाज में कुछ लोगों का स्वभाव ही अपराधी प्रवृत्ति का होता है. उन्होंने कहा कि अपराध की घटनाओं को लेकर पुलिस थानों को पहले से अधिक आधुनिक और बेहतर बनाने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है.