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दो माह से दो परेशानियों को झेल रहे हैं बिहार के लोग, कोइलवर पुल जाम, LPG पर संकट ट्राइ के नियमों में उलझे हैं केबल उपभोक्ता
पटना : लगभग दो माह से दो तरह के संकटों ने राज्य के लोगों को परेशान कर रखा है. परेशानी इतनी अधिक है कि मामला घरों की रसोई से लेकर डाइनिंग हॉल तक पहुंच चुका है. हम बात कर रहे हैं कोइलवर पर बीते दो माह से लग रहे ट्रकों के महाजाम और ट्राइ के […]
पटना : लगभग दो माह से दो तरह के संकटों ने राज्य के लोगों को परेशान कर रखा है. परेशानी इतनी अधिक है कि मामला घरों की रसोई से लेकर डाइनिंग हॉल तक पहुंच चुका है.
हम बात कर रहे हैं कोइलवर पर बीते दो माह से लग रहे ट्रकों के महाजाम और ट्राइ के नियमों से उलझे केबल उपभोक्ताओं की. पहला, कोइवलर पुल पर लग रहे माहजाम में एलपीजी के ट्रकों फंसने के कारण पटना, छपरा, सीवान, गोपालगंज, फतुहा, नवादा, बिहार शरीफ के लगभग 30 लाख से अधिक उपभोक्ता एलपीजी के बैकलॉग से परेशान हैं. इनमें 12 लाख 86 मामले केवल पटना जिले के हैं.
दूसरा, ट्राइ के नियमों की आड़ में केबल उपभोक्ताओं के प्रतिमाह डेढ़ से दो सौ रुपये खर्च अधिक बढ़ाने अाैर चैनलों के चयन के उलझनों को बढ़ा दिया है. इससे पूरे सूबे के 12 लाख के लगभग उपभोक्ता परेशान हैं, जिनमें 2.5 लाख केबल उपभोक्ता केवल पटना जिले के हैं. लेकिन, जाम लग जाने पर पुल पार करने में करीब चार से पांच दिनों का समय लग जा रहा है.
पुलों में उलझा जाम का गणित
कोइलवर पुल के लिए अकेले वहां का स्थानीय कारण जिम्मेदार नहीं हैं. बीते कई माह से मरम्मत के कारण गांधी सेतु पर भारी वाहन मसलन बालू-गिट्टी के ट्रकों के आने-जाने रोक लगी है. वहीं जून के बाद से ही जेपी सेतु पर भारी वाहनों को जाने नहीं दिया जा रहा है. डीएम कुमार रवि के अनुसार दीघा नहर रोड और छपरा में रोड बनने के बाद ही जेपी सेतु को चालू किया जा सकता है. वहीं, जून 2019 के तक गांधी सेतु बनने के बाद ही उससे भारी वाहनों को जाने दिया जायेगा. इसमें समय लगेगा.
दो माह से चल रही है जाम की कहानी
बीते दो माह से कोइलवर पुल पर जाम की स्थिति बनी हुई है. पुल से 10 किमी बिहटा मोड़ और पुल से आरा-छपरा की तरफ 15 किमी बबुरा मोड तक नियमित रूप से ट्रकों की लाइनें लग रही हैं. कोइलवर पुल से प्रतिदिन आठ हजार के लगभग वाहन गुजरते हैं. आलम यह है कि सामान्य स्थिति में हर दिन करीब 14 सौ मीटर लंबे पुल को पार करने में भारी वाहनों को करीब 12 से 14 घंटे तक इंतजार करना पड़ रहा है.
बंद हो गये पे चैनल, अभी 31 मार्च तक का समय
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राइ) द्वारा केबल और डीटीएच उपभोक्ताओं के लिए लागू किया गया नया नियम इंडियन टीवी सीरियलों की तरह हो गयी है, जिसकी गुत्थी सुलझ ही नहीं रही है. चैनल चयन से लेकर अनुमानित राशि पर उपभोक्ता अब तक स्पष्ट नहीं हो पा रहे हैं. वहीं, अब कंपनियों ने उन सभी उपभोक्ताओं के लिए पे चैनल का प्रसारण बंद कर दिया, जिन्होंने अब तक अपने मनपसंद पैकेज को नहीं चुना है.
इस बीच ट्राइ ने पसंदीदा चैनल चुनने की समय सीमा 31 मार्च, 2019 तक बढ़ा दी है. दूसरी तरफ शहर के विभिन्न केबल अॉपरेटर ने अपने ग्राहकाें को रेट लिस्ट देकर चैनल चयन करने की अपील कर रहे हैं. वहीं, नये नियम लागू होने के बाद पटना शहर के लगभग 40% ग्राहकों ने केबल और डीटीएच पर अपने मनपसंद चैनलों को चुन लिया हैं. इसमें औसतन 350 से 400 रुपये प्रतिमाह की दर आ रही है, जबकि पहले इसकी औसत 200 से 250 रुपये प्रतिमाह थी.
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