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पटना : प्रदेश में गोपालन को मिलेगा बढ़ावा, ज्यादा दूध उत्पादन से बढ़ेगी आमदनी

पटना : राज्य में गोपालन को बढ़ावा दिया जायेगा. गव्य विकास योजना में गो पालन पर फोकस किया गया है. राज्य में कुल दूध उत्पादन में गाय के दूध की हिस्सेदारी 58.06 प्रतिशत है. राज्य में 92 लाख टन से अधिक दूध का उत्पादन हो रहा है. गव्य विकास से युवाओं को जोड़ा जा रहा […]

पटना : राज्य में गोपालन को बढ़ावा दिया जायेगा. गव्य विकास योजना में गो पालन पर फोकस किया गया है. राज्य में कुल दूध उत्पादन में गाय के दूध की हिस्सेदारी 58.06 प्रतिशत है. राज्य में 92 लाख टन से अधिक दूध का उत्पादन हो रहा है. गव्य विकास से युवाओं को जोड़ा जा रहा है. इस योजना से दूध का उत्पादन बढ़ेगा और लोगों की आमदनी भी बढ़ेगी.

सरकार गव्य विकास के लिए अनुदान भी देती है. साल 2018-19 के बिहार आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार राज्य में 2016-17 में दूध का उत्पादन 92.41 लाख टन था. इसमें गाय के दूध की हिस्सेदारी 58.06 प्रतिशत, भैंस के दूध की 39.2 फीसदी और बकरी के दूध की हिस्सेदारी 2. 2 प्रतिशत है. केंद्र सरकार भी गोपालन पर विशेष ध्यान दे रही है.

गोकुल मिशन योजना चल रही है. इसके तहत बक्सर में गोकुल ग्राम की स्थापना हो रही है. पूर्णिया में 63 करोड़ से अधिक की लागत से फ्रोजेन सीमैन बैंक बन रहा है. यहां पर उन्नत नस्ल का सांढ़ रहेंगे. दूध उत्पादन में अभी बिहार नौंवे स्थान पर है.

डेयरी योजना पर दिया जा रहा है जोर
दूध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सरकार निजी डेयरी को बढ़ावा देगी. पिछले दो साल में 3916 डेयरी यूनिट के लिए सरकार ने अनुदान दिया है. सामान्य वर्ग को 50 प्रतिशत और एससी-एसटी को 66 प्रतिशत अनुदान मिलता है. इसके साथ सरकार देसी नस्ल के गायों को बढ़ावा देगी. राज्य में प्रजनन नीति तो बनी है , लेकिन उसका सख्ती से पालन नहीं होता है.
देसी नस्ल की गायों में सुधार के लिए सरकार सख्ती से प्रजनन नीति का पालन करवायेगी. गिर, साहीवाल को बढ़ावा मिलेगा. युवाओं का कौशल विकास कर गो-पालन से जोड़ा जायेगा.

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