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पटना : अब बिना खोपड़ी खोले ट्यूमर की हो जायेगी बायोप्सी

पटना : इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में सिर में ट्यूमर का इलाज कराने आ रहे मरीजों के लिए राहत भरी खबर है. क्योंकि, अब संस्थान में सिर के ट्यूमर की जांच के लिए खोपड़ी खोल कर बायोप्सी लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी. महज एक महीन सुराख से ही ट्यूमर की जांच की जायेगी. इसके लिए […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 18, 2019 8:56 AM
पटना : इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में सिर में ट्यूमर का इलाज कराने आ रहे मरीजों के लिए राहत भरी खबर है. क्योंकि, अब संस्थान में सिर के ट्यूमर की जांच के लिए खोपड़ी खोल कर बायोप्सी लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी. महज एक महीन सुराख से ही ट्यूमर की जांच की जायेगी. इसके लिए आइजीआइएमएस के न्यूरो सर्जरी विभाग में जांच की सुविधा शुरू होने जा रही है. संस्थान प्रशासन की ओर से इसकी तैयारी लगभग पूरी कर ली गयी है.
दिमाग में गांठ व ट्यूमर होता है खतरनाक : आइजीआइएमएस के न्यूरो विभाग के डॉ अभय रंजन ने बताया कि दिमाग में किसी भी तरह की गांठ या ट्यूमर खतरनाक होते हैं. इसकी वजह से मरीज को चक्कर आना, सिर में लगातार दर्द, उल्टियां होने समेत अन्य परेशानी हो सकती है.
सिर की ट्यूमर के प्रवृत्ति के बारे में जानकारी के लिए मरीज को ऑपरेशन की जरूरत पड़ती है. इसके लिए खोपड़ी खोलने की जरूरत पड़ती थी. इसके बाद मरीज के ट्यूमर की बायोप्सी जांच के लिए ली जाती थी. अस्पताल प्रशासन की मानें, तो मार्च महीने से स्टीरियोटैक्सी जांच की सुविधा अस्पताल में बहाल होने जा रही है.
तीन मिमी छोटे ट्यूमर से भी बायोप्सी ली जा सकती है
आइजीआइएमएस न्यूरो विभाग के अध्यक्ष डॉ अशोक कुमार ने बताया कि खोपड़ी खोल कर ट्यूमर का टुकड़ा लेकर बायोप्सी लेने के दौरान मरीज को बेवजह दर्द झेलनी पड़ती थी. जबकि, कई ऐसे मरीज होते हैं, जिनके ट्यूमर खतरनाक नहीं होते हैं. अब इस समस्या से निजात के लिए स्टीरियोटैक्सी जांच शुरू करने की तैयारी की जा रही है. इसमें कंप्यूटर के माध्यम से सिर के ट्यूमर का पता लगाया जाता है. फिर महीन सुराख कर तार के जरिये ट्यूमर तक पहुंच मांस का टुकड़ा ले लिया जाता है. इस मशीन से तीन मिलीमीटर तक के छोटे ट्यूमर से भी बायोप्सी ली जा सकती है.

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