मोकामा : छह में दो कमरे जर्जर, एक में रखा जाता है गोइंठा

मोकामा : प्राथमिक विद्यालय रामनगर, घोसवरी में बच्चे असुविधा के बीच शिक्षा हासिल कर रहे हैं. विद्यालय में बच्चों के बैठने के लिए जगह की कमी है. भवन के बगल में मवेशी बांधे जाते हैं, जबकि उपरि तल पर प्रखंड शिक्षा कार्यालय चलता है. अधिकारियों के नाक के नीचे असुविधा से स्कूली बच्चों की उपस्थिति […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 22, 2019 8:39 AM
मोकामा : प्राथमिक विद्यालय रामनगर, घोसवरी में बच्चे असुविधा के बीच शिक्षा हासिल कर रहे हैं. विद्यालय में बच्चों के बैठने के लिए जगह की कमी है.
भवन के बगल में मवेशी बांधे जाते हैं, जबकि उपरि तल पर प्रखंड शिक्षा कार्यालय चलता है. अधिकारियों के नाक के नीचे असुविधा से स्कूली बच्चों की उपस्थिति घट रही है. गुरुवार की दोपहर 12 बजे प्रभात खबर टीम ने यहां शैक्षणिक कार्य की पड़ताल की. विद्यालय में पहली से पांचवी तक के 71 बच्चे मौजूद थे. एक कमरे में उपला (गोइठा)का ढेर लगा था. वहीं चौथी व पांचवी वर्ग के बच्चे पढ़ रहे थे.
बरामदे में रसोईया बच्चों के लिए भोजन पका रही थी. धुएं की वजह से बच्चे परेशान थे. इस बाबत शिक्षकों ने बताया कि जमीन के अभाव में रसोईघर का निर्माण नहीं हो सका है. विद्यालय में 250 बच्चों का नामांकन है. अमुमन 130 से 170 बच्चों की उपस्थिति रहती है, लेकिन आज कम बच्चे स्कूल पहुंचे हैं, जबकि स्थानीय लोगों ने कहा कि अक्सर कम बच्चों की ही उपस्थिति रहती है.
विद्यालय के छह कमरों में दो कमरे जर्जर हालत में हैं. भवन के उपरि तल पर दो कमरे में प्रखंड शिक्षा कार्यालय है. जगह के अभाव में जर्जर कमरे में ही बच्चों की पढ़ाई होती है. शिक्षा में सुधार के लिए झुग्गी- झोंपड़ी प्राथमिक विद्यालय रामनगर मुसहरी को इस विद्यालय में मर्ज कर दिया गया था, जिसको लेकर इस विद्यालय में शिक्षक की कमी नहीं है.
यहां कार्यरत छह शिक्षकों में एक शिक्षिका ट्रेनिंग पर गयी है, जबकि पांच अन्य शिक्षक विद्यालय में मौजूद थे. शिक्षकों का कहना है कि 250 नामांकित बच्चों में झुग्गी-झोंपड़ी प्राथमिक विद्यालय के 100 बच्चे शामिल हैं, लेकिन इनमें अधिकतर बच्चे स्कूल नहीं आते हैं. उनके माता–पिता से संपर्क साधा गया है.
क्या कहना है स्कूल के बच्चों का
विद्यालय के कमरे में जलावन रखा रहता है. मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है. बैठने में परेशानी होती है.
विकास कुमार, वर्ग पांच
मुसहरी बस्ती के अधिकांश बच्चे स्कूल नहीं आते हैं. स्कूल के सामने मवेशी बंधे रहने से काफी डर लगता है.
सोनू कुमार, वर्ग पांच
विद्यालय में शिक्षक तो हैं, लेकिन पढ़ने के लिए कमरे का अभाव है. बरामदे पर चूल्हा जलता है.
कोमल कुमारी, वर्ग पांच
स्कूल के पास जमीन की कमी
विद्यालय में जमीन का अभाव है, रसोईघर का निर्माण नहीं हो सका. महादलित बस्ती के बच्चों की उपस्थिति विद्यालय में कम है. परिजनों से संपर्क कर बच्चों को पढ़ाने के प्रति जागरूक किया जा रहा है.
कुंदन कुमार, विद्यालय के प्रभारी शिक्षक

Next Article

Exit mobile version