Loading election data...

जालसाजों ने चेक की क्लोनिंग कर खाते से उड़ाये साढ़े नौ लाख, एक गिरफ्तार, …जानें क्यों नहीं आया मैसेज?

पटना : राजधानी में चेक की क्लोनिंग कर एक व्यवसायी के खाते से साढ़े नौ लाख रुपये की निकासी किये जाने का मामला सामने आया है. दोबारा उसी खाते से 3.30 लाख रुपये निकालने की कोशिश करते हुए जालसाज को बैंक प्रशासन ने पकड़ लिया और पुलिस के हवाले कर दिया. यह भी पढ़ें :बिहार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 22, 2019 7:10 PM

पटना : राजधानी में चेक की क्लोनिंग कर एक व्यवसायी के खाते से साढ़े नौ लाख रुपये की निकासी किये जाने का मामला सामने आया है. दोबारा उसी खाते से 3.30 लाख रुपये निकालने की कोशिश करते हुए जालसाज को बैंक प्रशासन ने पकड़ लिया और पुलिस के हवाले कर दिया.

यह भी पढ़ें :बिहार : ITI परीक्षा रद्द, प्रैक्टिकल में गड़बड़ी करनेवाले सेंटरों से जवाब तलब

यह भी पढ़ें :अलकतरा घोटाला में बिहार के पूर्व मंत्री व RJD विधायक को पांच साल की सजा और 20 लाख रुपये जुर्माना

जानकारी के मुताबिक, रोहतास जिला मुख्यालय सासाराम के धर्मशाला रोड निवासी मोहित अरोड़ा क्लोन चेक के जरिये 3.30 लाख रुपये निकालने के लिए बैंक आया. बैंक प्रशासन ने जांच के क्रम में क्लोन चेक को पकड़ लिया और आरोपित मोहित अरोड़ा को पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया. बताया जाता है कि संदलपुर निवासी व्यवसायी राकेश कुमार के खाते से साढ़े नौ लाख की निकासी की गयी है. शुक्रवार को भी जालसाज मोहित एसबीआई की दरियापुर शाखा में उनके खाते से 3.30 लाख रुपये क्लोन चेक को कैश कराने पहुंचा था. मामले में शाखा प्रबंधक नेहा सिन्हा ने पीरबहोर थाने में मामला दर्ज कराया है.

यह भी पढ़ें :मुजफ्फरपुर शेल्टर होम : ब्रजेश ठाकुर की राजदार मधु समेत सात आरोपितों को भेजा गया दिल्ली

पुलिस की गिरफ्त में आये मोहित ने बताया कि उसे चेक कैश कराने के एवज में पांच हजार रुपये मिलनेवाले थे. इसीलिए वह चेक को कैश कराने के लिए सासाराम से पटना आया था. उसने बताया है कि गिरोह में धीरज, गोलू और महेश शामिल है. धीरज ने ही गोलू और महेश से मोहित की दोस्ती करायी थी और उन दोनों ने ही उसे चेक दिया था. बताया जाता है कि जालसाजों ने व्यवसायी राकेश कुमार के खाते से उनके चेक का क्लोन बना कर 14, 15 और 20 फरवरी को तीन बार में साढ़े नौ लाख रुपये निकाल लिये थे.

यह भी पढ़ें :चार लोगों की मौत के बाद ग्रामीणों का फूटा गुस्सा, नौकरी की मांग को लेकर जाम की सड़क, आगजनी की

जालसाजों ने व्यवसायी का मोबाइल नंबर भी हैक कर लिया था, ताकि उन्हें मैसेज ना मिल पाये. 21 फरवरी को राकेश ने जब अपना पासबुक अपडेट कराया, तो पैसे निकासी की जानकारी मिली. वहीं, पीरबहोर थानाध्यक्ष गुलाम सरवर ने बताया कि मामले में बैंककर्मियों की संलिप्तता से इनकार नहीं किया जा सकता है. मामले की जांच का जा रही है.

यह भी पढ़ें :भारत-पाक क्रिकेट मैच पर बोले तेजस्वी यादव, पुलवामा आतंकी हमले के कारण रोक सही नहीं

Next Article

Exit mobile version