सनी लियोन प्रकरण : गूगल और एनआइसी से बिहार साइबर सेल ने मांगी लिखित जानकारी
पटना : पीएचइडी जूनियर इंजीनियर की मेधा सूची में टॉपर हुई सनी लियोन प्रकरण में अब गूगल और नेशनल इन्फॉरमेशन सेंटर यानी एनआइसी से लिखित जानकारी तलब की गयी है. बिहार साइबर सेल ने गूगल से जी मेल और एनआइसी से सनी लियोन के नाम पर आवेदन भरने वाले आवेदनकर्ता के इंटरनेट प्रोटोकॉल का डिटेल […]
पटना : पीएचइडी जूनियर इंजीनियर की मेधा सूची में टॉपर हुई सनी लियोन प्रकरण में अब गूगल और नेशनल इन्फॉरमेशन सेंटर यानी एनआइसी से लिखित जानकारी तलब की गयी है. बिहार साइबर सेल ने गूगल से जी मेल और एनआइसी से सनी लियोन के नाम पर आवेदन भरने वाले आवेदनकर्ता के इंटरनेट प्रोटोकॉल का डिटेल मांगा है.
एनआइसी ने मौखिक सूचना के बावजूद दो दिनों में कोई भी जानकारी साइबर सेल को नहीं दी है. इसके बाद आर्थिक अपराध इकाई के एसपी ने एनआइसी बिहार के प्रमुख को लिखित तौर पर सूचना देने के निर्देश दिये हैं. इसके लिए एनआइसी आइटी सेंटर के इंचार्ज को इओयू के दफ्तर में तलब किया गया है. एसपी सुशील कुमार ने बताया कि अब तक इस मामले में एनआइसी द्वारा जानकारी नहीं दी गयी है.
इस कारण उन्हें लिखित तौर पर हर सवाल का जवाब मांगा गया है. इसके अलावा हमने गूगल से जीमेल के संदर्भ में लिखित जानकारी मांगी है. आइपी यानी इंटरनेट प्रोटोकॉल और जीमेल में दर्ज सूचनाओं के मिलने के बाद अपराधी बच नहीं पायेंगे.
ड्राफ्ट मेधा सूची पर दावा आपत्ति का अंतिम दिन
इस बीच पीएचइडी ने ड्राफ्ट मेरिट लिस्ट पर दावा और आपत्ति के लिए 24 फरवरी तक का समय दिया है. दावा आपत्ति आने के बाद लिस्ट को एक बार फिर से जारी किया जायेगा और अंतिम सूची में दर्ज कैंडिडेट को सर्टिफिकेट वेरिफिकेशन के लिए बुलाकर उन्हें अंतिम तौर पर सेलेक्ट किया जायेगा.
इसके कारण 23 तारीख की देर रात तक वेबसाइट पर सनी लियोन नाम वाली ड्राफ्ट मेधा सूची अपलोड ही थी. मालूम हो कि संविदा पर सिविल जूनियर इंजीनियरों के चयन का आधार आम परीक्षाओं से अलग तय किया गया है.
इसमें इंजीनियरों की सहूलियत के लिए उनके एकेडमिक रिजल्ट और अनुभवों के आधार पर ऑनलाइन फॉर्म भरना था. इसमें दर्ज प्रमाण पत्रों के आधार पर अंकों का आकलन कर ऑनलाइन सिस्टम द्वारा ही स्कोर तैयार हो जाता है. इसके बाद मेरिट लिस्ट तैयार की गयी है. जिसमें सनी लियोन का नाम और फोटो दर्ज था. इसका खुलासा प्रभात खबर ने सबसे पहले किया जिसके बाद एफआइआर दर्ज की गयी.