पटना : रेटिनोपैथी के अर्ली डिटेक्शन से ही रुक सकता है अंधापन

पटना : क्षेत्रीय चक्षु संस्थान, आइजीआइएमएस में अाने वाले 10 फीसदी नेत्र रोगियों में रोग की वजह मधुमेह पाया जा रहा है.रविवार को होटल पनाश में आयोजित नेत्र चिकित्सकों की सीएमइ को संबोधित करते हुए बिहार ऑप्थेलमोलोजिकल सोसाइटी के साइंटिफिक कमेटी के अध्यक्ष डॉ विभूति प्रसन्न सिन्हा ने आगे कहा कि मधुमेह से ग्रस्त होने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 25, 2019 8:28 AM
पटना : क्षेत्रीय चक्षु संस्थान, आइजीआइएमएस में अाने वाले 10 फीसदी नेत्र रोगियों में रोग की वजह मधुमेह पाया जा रहा है.रविवार को होटल पनाश में आयोजित नेत्र चिकित्सकों की सीएमइ को संबोधित करते हुए बिहार ऑप्थेलमोलोजिकल सोसाइटी के साइंटिफिक कमेटी के अध्यक्ष डॉ विभूति प्रसन्न सिन्हा ने आगे कहा कि मधुमेह से ग्रस्त होने के 10 सालों के भीतर 99 फीसदी मरीजों की आंखों पर इसका असर आने लगता है और व्यक्ति धीरे-धीरे अंधापन की ओर बढ़ने लगता है. अंधापन से बचने के लिए डायबिटिक रेटिनोपैथी की शुुरुआत में पहचान जरूरी है.
इससे पहले बिहार ऑप्थेलमोलोजिकल सोसायटी के द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम का उसके अध्यक्ष डॉ अरविंद सिन्हा ने उद्घाटन किया. समारोह में 80 नेत्र रोग विशेषज्ञ शामिल हुए, जिनमें कई अन्य प्रदेशों से भी आये थे. इस अवसर पर ऑप्थेलमोलोजिकल सोसायटी के सचिव डाॅ सुनील सिंह, एडीटर डॉ नीलेश मोहन, ज्वाइंट सेक्रेटरी डॉ सत्यजीत सिन्हा और कोषाध्यक्ष डॉ अजय सिन्हा भी उपस्थित थे.

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