पटना : बिहार सरकार ने सभी सुरक्षित घोषित पुरास्थलों पर डाक्यूमेंट्री फिल्म बनाने की अनुमति दे दी है. कला संस्कृति और युवा विभाग ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के समक्ष डाक्यूमेंट्री फिल्म बनाने का प्रस्ताव रखा था. मुख्यमंत्री की सहमति पर विभाग को सभी पुरास्थलों पर डाक्यूमेंट्री फिल्म बनाने की अनुमति मिल गयी है.
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अगले माह से शुरू होगा फिल्म का निर्माण
बताया जाता है कि डाक्यूमेंट्री फिल्म करीब 10 से 15 मिनट का होगा. पटना के गोलघर और नालंदा के तेल्हाड़ा से डाक्यूमेंट्री फिल्म बनाने की शुरुआत की जायेगी. फिल्म निर्माण मार्च से शुरू किये जाने की संभावना है. इसके लिए दो कंपनियों का चयन भी कर लिया गया है.
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सरकारी स्कूलों में बच्चों को दिखायी जायेगी
बिहार के पुरास्थलों पर डाक्यूमेंट्री फिल्म बनाने के बाद सभी सरकारी प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों में प्रोजेक्टर के माध्यम से दिखायी जायेगी, ताकि सभी बच्चे पुरास्थलों के बारे में बिहार की धरोहरों को बेहतर तरीके से समझ सकें और जानकारी प्राप्त कर सके. डाक्यूमेंट्री फिल्म को स्कूलों में प्रत्येक माह किसी एक दिन दिखाये जाने की योजना है.
कला संस्कृति के वेबसाइट पर भी अपलोड की जायेंगी डाक्यूमेंट्री फिल्में
कला संस्कृति और युवा विभाग की वेबसाइट पर भी फिल्म को अपलोड किया जायेगा. इससे राज्य के बाहर रहनेवाले बिहारियों और गैर बिहारियों को पुरास्थलों की जानकारी फिल्म के रूप में मिल सकेगी. वेबसाइट पर फिल्म के साथ उस पुरास्थल की तस्वीरें भी उपलब्ध रहेंगी.
क्या कहते हैं अधिकारी
इस संबंध में पुरातत्व निदेशालय के निदेशक अतुल कुमार वर्मा ने कहा कि बिहार के सुरक्षित पुरास्थलों पर डाक्यूमेंट्री फिल्म मार्च से बनायी जायेगी. सबसे पहले पटना स्थित गोलघर और नालंदा के तेल्हाड़ा पुरास्थल पर फिल्म बनेगी. सरकार के स्तर पर अनुमति मिल गयी है.