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अब उम्मीदवारों को आपराधिक मामलों का देना होगा विज्ञापन, मुख्य सचिव व सीइओ आज कोसी प्रमंडल की करेंगे समीक्षा

चुनाव आयोग ने डीएम के संग की वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग पटना : राजनीति के अपराधीकरण पर रोक लगाने के लिए चुनाव आयोग ने पारदर्शी तरीका अपनाया है. लोकसभा चुनाव में पहली बार उम्मीदवारों को आपराधिक मामलों का विज्ञापन अखबारों में प्रकाशित करना अनिवार्य कर दिया है. उनके ऊपर लंबित चाहे संज्ञेय या सामान्य प्रकृति के आपराधिक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 28, 2019 7:56 AM
चुनाव आयोग ने डीएम के संग की वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग
पटना : राजनीति के अपराधीकरण पर रोक लगाने के लिए चुनाव आयोग ने पारदर्शी तरीका अपनाया है. लोकसभा चुनाव में पहली बार उम्मीदवारों को आपराधिक मामलों का विज्ञापन अखबारों में प्रकाशित करना अनिवार्य कर दिया है.
उनके ऊपर लंबित चाहे संज्ञेय या सामान्य प्रकृति के आपराधिक मामले ही क्यों न हो. आयोग ने इसकी जिम्मेदारी राजनीतिक दलों को भी दी है. पार्टियों को भी अलग से अपने उम्मीदवारों के आपराधिक मामलों का अखबारों में विज्ञापन जारी करना होगा. इससे जनता को जानकारी मिलेगी कि उसके क्षेत्र में चुनावी मैदान में आने वाले उम्मीदवारों की आपराधिक पृष्ठभूमि क्या है. इसको लेकर निर्वाचन आयोग ने बुधवार को बिहार के सभी जिलाधिकारियों के साथ वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग की.
अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी संजय कुमार सिंह ने बताया कि जिलाधिकारियों से साथ हुई वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग में नामांकन व नामांकन पत्रों की जांच से संबंधित जानकारी दी गयी. साथ ही जिलाधिकारियों की सभी प्रकार की आशंकाओं का निराकरण भी किया गया.
उन्होंने बताया कि जिलाधिकारियों को दिये गये महत्वपूर्ण निर्देशों में बताया गया कि पिछली बार के लोकसभा चुनाव से इस बार प्रत्याशियों व पार्टियों के उम्मीदवारों को आपराधिक मामलों को विज्ञापन जारी कर जनता को बताना है. अगर प्रत्याशी इस तरह की सूचना नहीं देते हैं, तो उनको नोटिस देकर आगे की कार्रवाई करनी है. इसको लेकर उम्मीदवारों पर मुकदमा भी होगा.
मुख्य सचिव व सीइओ आज कोसी प्रमंडल की करेंगे समीक्षा
पटना : लोकसभा चुनाव को शांतिपूर्ण व निष्पक्ष बनाने के लिए हर प्रमंडल में मुख्य सचिव व मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (सीइओ) द्वारा अलग-अलग तिथियों को समीक्षा की जायेगी. गुरुवार को मुख्य सचिव दीपक कुमार व सीइओ एचआर श्रीनिवास कोसी प्रमंडल के तीनों जिलों के जिलाधिकारियों के साथ चुनावी समीक्षा करेंगे. इसमें सहरसा, मधेपुरा और सुपौल के जिलाधिकारी शामिल होंगे. इसके बाद सारण प्रमंडल की चुनावी समीक्षा की जायेगी.

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