पटना : चुनाव आयोग की ओर से भले ही लोकसभा चुनाव की तारीखों का एलान बाकी है, लेकिन आज पटना की ऐतिहासिक गांधी में एनडीए की संकल्प रैली से चुनाव अभियान का आगाज हो गया. वैसे तो राजनीतिक पार्टियां चुनाव के मोड में पहले से ही आ गयी हैं, लेकिन रैली के दौरान ऐसा लग रहा था कि अब उन्हें बूथ पर पहुंचने भर की देर है. लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी औैर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नाम पर राज्य की सभी 40 संसदीय सीटों पर जीत के दावे कर रहे थे.
संकल्प रैली के दौरान एनडीए के तीनों घटक दलों के कार्यकर्ताओं के बीच आपसी तालमेल की झलक भी मिली. अलग-अलग जिलों से आने वाले लोगों के समूह में झंडे अलग थे, लेकिन वे एकजुट थे. किसी के हाथ में भाजपा का झंडा था, तो किसी के हाथ में जदयू का. लोजपा का झंडा लिये कार्यकर्ता एक-दूसरे के साथ कदमताल कर रहे थे. इस एकजुटता के अपने खास मायने हैं. सीतामढ़ी से आये मोहम्मद इकबाल कहते हैं : वोट के दिन भी ऐसी ही एकजुटता दिखेगी. हम तीनों दलों के कार्यकर्ताओं का मकसद एक है. हम सभी सीटों पर जीत चाहते हैं. ऐसा ही नजारा गाड़ियों के काफिले में दिखा. अलग-अलग गाड़ियां कतारबद्ध थीं और उस पर अलग-अलग पार्टियों के झंडे लहरा रहे थे.
रैली में शामिल होने आये कार्यकर्ता चाहे किसी भी दल के हों, वे तीन नेताओं के नाम लेते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और लोजपा प्रमुख रामविलास पासवान को वे अपना नेता बताते हैं. काम को लेकर वे प्रधानमंत्री और नीतीश कुमार के नामों का उल्लेख करना नहीं भूलते. मुजफ्फरपुर से आये दिनकर शर्मा कहते हैं कि देश में नरेंद्र मोदी ने बहुत काम किया और राज्य में नीतीश कुमार ने. हम इनके कामों को देखते हुए रैली में आये हैं. वे मोदी-नीतीश का नाम बार-बार लेते हैं.
लोकसभा चुनाव के ठीक पहले इस रैली ने एनडीए के कार्यकर्ताओं को उत्साह से भर दिया. कार्यकर्ता भाजपा के हों या जदयू-लोजपा के, सभी खुद को एक इकाई मानकर अपनी बात रख रहे थे. सिर पर अलग टोपी और हाथों में अलग झंडे के बावजूद वे सटीक निशान लगा रहे थे. उनका कहना था कि हम बिहार की सभी सीटों पर जीत की तमन्ना रखते हैं. उम्मीद है कि ऐसा ही होगा. इस लिहाज से एनडीए की रैली कामयाब कही जायेगी. कार्यकर्ताओं की इस प्रतिबद्धता को देख एनडीए के नेता थोड़े इत्मीनान भी हो सकते हैं.