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संकल्‍प रैली : नीतीश व मोदी का काम ऐसा कि गांव-देहात से खिंचे चले आये लोग

रहने-खाने का हुआ बेहतर इंतजाम, नहीं हुई परेशानी कंधे पर सोता हुआ बालक, पैरों में हवाई चप्पल और माथे से बार-बार सरकते आंचल को संभालती सरस्वती गांधी मैदान में पहली बार आयी है. औरंगाबाद के भगवानपुर गांव से यहां तक के सफर की थकान चेहरे से गायब है. जोश से लबरेज सरस्वती बस इतना कहती […]

रहने-खाने का हुआ बेहतर इंतजाम, नहीं हुई परेशानी
कंधे पर सोता हुआ बालक, पैरों में हवाई चप्पल और माथे से बार-बार सरकते आंचल को संभालती सरस्वती गांधी मैदान में पहली बार आयी है.
औरंगाबाद के भगवानपुर गांव से यहां तक के सफर की थकान चेहरे से गायब है. जोश से लबरेज सरस्वती बस इतना कहती है- नीतीश कुमार और नरेंद्र मोदी को सुनने चली आयी हूं. नीतीश जी ने सबकुछ दिया है तो मोदी जी ने पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देकर दिल जीता है. कुछ भी हो जाये, नेता ऐसा ही चाहिए.
रविवार को एनडीए की संकल्प रैली में बिहार के गांव-गांव से पहुंचे हुजूम को देख जनता की आस्था को समझा जा सकता है. दूर-दराज के लोग शनिवार शाम तक पटना पहुंच गये थे. यहां एनडीए के विभिन्न दलों के नेताओं ने रहने-खाने का ऐसा चकाचक इंतजाम किया था कि किसी को कोई परेशानी नहीं हुई. कार्यकर्ताओं-समर्थकों ने भी अनुशासन का पूरा ख्याल रखा. तय रास्तों से होते हुए गांधी मैदान पहुंचे. हाथ में जदयू का झंडा थामे बेगूसराय से चले आ रहे रामचरण महतो साथियों के साथ तेजी से आगे बढ़े चले जा रहे हैं.
रोक कर पूछने पर एक लंबी सांस लेते हैं और कहते हैं- नीतीश जी ने विकास का जो सपना दिखाया था, उसे पूरा किया है. गांव में खुशहाली आयी है तो उन्हीं की वजह से. सड़कें, गलियां, नालियां सब चाक-चौबंद हो गयी हैं. बुढ़ापे में पेंशन की मदद हो या किसानों को दी जाने वाली सहायता राशि. जितनी भी तारीफ की जाये कम है. 50 वर्षीय राजरानी हाथों में भाजपा का झंडा लिये मोदी-मोदी के नारे लगा रही है. पूछने पर बताती हैं कि औरंगाबाद से आयी हैं. अभिनंदन की सकुशल वापसी को वह भारत की जीत बताती हैं और नरेंद्र मोदी को फिर से प्रधानमंत्री बनाने की वकालत भी करती हैं.
कहती हैं- मैं पढ़ी-लिखी नहीं हूं. परंतु जो सुनती हूं, समाचारों से जानती हूं उससे तो यही लगता है कि भारत की शान कायम रखनी है तो मादी जरूरत हैं. नीतीश को लेकर सवाल पर बिना रुके बोल पड़ती हैं- नीतीश जी ने बहुत काम किया है. एक जमाना था कि गांव क्या, शहरों में सड़कें नहीं थीं. रोजगार नहीं था. किसान परेशान रहते थे. स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों का हाल बुरा था. अब जमाना बदल गया है. अस्पतालों में अब सुविधाएं मिलती हैं. गांव-गांव तक सड़कें बन गयी हैं.
देशभक्ति गीत से लोगों को दिलाते रहे उत्साह
सुबह के आठ बजे. स्थान गांधी मैदान के जेपी गोलंबर से रामगुलाम चौक तक. संकल्प रैली को लेकर गांधी मैदान में सुबह सात बजे से लोगों की इंट्री शुरू कर दी गयी है. सुबह से ही लोग जोश और उत्साह के साथ अपने-अपने स्थानीय नेताओं के साथ आ रहे है. जैसे-जैसे दिन चढ़ा गांधी मैदान की तरफ आने वाले लोगों का कारवां बढ़ता गया. सुबह दस बजे तो ऐसी स्थिति हो गयी थी कि जेपी गोलंबर से रामगुलाम चौक तक पूरे सड़क पर केवल लोगों का हुजूम ही दिख रहा था.
लोग नाच गाने और अपने पार्टी का झंडा थामे पहुंच रहे थे. वहीं, दूसरी तरफ लोगों का उत्साह धीमा नहीं पड़े, इसके लिए एनडीए नेताओं ने पूरी व्यवस्था कर रखी थी. गांधी मैदान के भीतर देश भक्ति गीत से लोगों के अंदर जोश भरने का प्रयास किया जा रहा था. बीच-बीच में आयोजक मंच से लोग पुलवामा की घटना के बदले का जिक्र भी कर लोगों में ऊर्जा का संचार कर रहे थे. कभी भारत-माता की जय के नारे लगाये जा रहे थे.
सीएम ने की पीएम की अगवानी
मंच पर एनडीए के तीनों घटक दलों के नेताओं का जमावड़ा लगा रहा
पटना : गांधी मैदान के मंच पर एनडीए के तीनों घटक दलों के नेताओं का जमावड़ा रहा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारतीय वायु सेना के विशेष विमान से करीब 11 बजे कर 30 मिनट पर पटना हवाई अड्डे पर पहुंचे. हवाई अड्डे पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और भाजपा के बिहार प्रभारी भूपेंद्र यादव ने उनका स्वागत किया. करीब पांच मिनट की औपचारिकता के बाद प्रधानमंत्री गांधी मैदान के लिए रवाना हुए.
उनके साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी थे. गांधी मैदान के मुख्य मंच पर तीनों दलों के नेताओं के बैठने की जगह निर्धारित थी. मंच पर पहली पंक्ति में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, लोजपा अध्यक्ष रामविलास पासवान, उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, बिहार भाजपा के प्रभारी भूपेंद्र यादव, बिहार भाजपा अध्यक्ष नित्यानंद राय, जदयू के राष्ट्रीय महासचिव सांसद आरसीपी सिंह, प्रमुख रूप से शामिल थे. रैली में नालंदा के इसलामपुर से कबीर के लोग जुलूस के शक्ल में गांधी मैदान पहुंचे.
ठीक साढ़े नौ बजे के बाद सिर पर गठरी
और हाथों में अपनी पार्टी का झंडा-बैनर लिये लोग प्रधानमंत्री को सुनने गांधी मैदान की चारों तरफ जमा होने लगे थे. कारगिल चौक पर पूरी तरह सन्नाटा पसरा दिखा.
इसके बाद एक-दो, चार-छह लोगों से शुरू हुई कतार दस बजे के बाद कारवां में बदल गयी. अपने नेता और पार्टी जिंदाबाद के साथ लोग वहां पहुंचे. ढोल और मंजीरा लेकर गाते-बजाते भी लोग हुजूम में दिखे. हालांकि गांधी मैदान के सभी गेटों के सामने बेहद अनुशासित तरीके से लोगों ने गांधी मैदान में प्रवेश शुरू किया. गांधी मैदान से जुड़ी कोई भी सड़क ऐसी नहीं दिखी, जिसमें वाहनों के प्रवेश की इजाजत दी गयी हो. केवल वीआइपी वाहनों काे ही प्रवेश दिया गया.
आरसीपी सिंह की पत्नी भी उतरीं सड़क पर
जदयू के राष्ट्रीय संगठन महासचिव आरसीपी सिंह की धर्मपत्नी गिरिजा सिंह भी रैली में भाग लेने के लिए सड़कों पर उतरीं. कार्यकर्ताओं और समर्थकों के बड़े जत्थे के साथ आरसीपी सिंह की पत्नी गिरिजा सिंह 7, स्ट्रैंड रोड स्थित आवास से गांधी मैदान के लिए रवाना हुई. अपने आवास से पैदल ही रैली में भाग लेने के हजारों समर्थकों के साथ गिरिजा सिंह गांधी मैदान पहुंची.उनके साथ चल रहे काफिले में नीतीश कुमार और आरसीपी सिंह जिंदाबाद के नारे लग रहे थे.
रैली के रंग
-कुछ नेता बैलगाड़ी से गांधी मैदान पहुंच गये. वे पुलिस थाना पार कर बिल्कुल गेट पर पहुंच गये. तब पैरा मिलिटरी फोर्स के जवानों ने बैलगाड़ी रोककर नेताओं की बांह पकड़कर नीचे खींच लिया. नेता खिसियाये से देखते रहे. बैलगाड़ी चालक किसी तरह वहां से बैलगाड़ी लेकर भागा.
-महिला पुलिसकर्मियों की भूमिका बेहद सीमित दिखाई दी. हालांकि वे मुस्तैद दिखीं.
-बिस्कोमान भवन रोड पूरी तरह ब्लॉक कर दिया गया. वहां की इमारतों पर सुरक्षा बलों का कब्जा दिखा.
-आसपास के गांवों से आये कुछ लोग, जिनमें महिलाओं की संख्या भी काफी थी, खाने पीने का सामान भी लेकर आयी थीं, लेकिन उन्हें खाने का सामान लेकर अंदर नहीं जाने दिया गया. उन्हें खाना बाहर ही फेंकना पड़ा.
-गांधी मैदान में एनांउसर ने पुलिस वालों को सख्ती से कहा कि किसी को बिना तलाशी लिये अंदर न जाने दें. इसका सख्ती से पालन कराएं, कई पुलिस वाले पूछ रहे थे कि यह कौन बोल रहा है. उन्हीं में से किसी ने कहा कि कोई दिल्ली से आये हैं, तो एक बड़े अफसर ने चुप्पी साध ली.
-फन सिनेमा बंद दिखाई दिया.
बंटा हलवा
रैली में पहुंचने वाले लोगों के लिए नेताओं द्वारा अपने आवास पर खान-पान की खास व्यवस्था थी. इसके अलावा चौक-चौराहे पर भी लोगों के बीच चाय, हलवा, नाश्ते आदि बांटा गया. आयकर गोलंबर पर जदयू की तरफ से रैली में आये लोगों के बीच हलवा बांटा गया.
नमो स्टॉल पर चाय
रैली में आनेवाले लोगों को नमो स्टॉल पर पानी के साथ चाय उपलब्ध कराया गया. पुलिस लाइन के समीप नमो स्टॉल पर चाय की व्यवस्था की गयी. हर आने-जानेवाले के लिए चाय की व्यवस्था थी. साथ ही पानी भी उपलब्ध था. रैली में आनेवाले लोग नमो स्टॉल पर रूक कर चाय पीकर गांधी मैदान की ओर बढ़ते रहे.
बैलगाड़ी से पहुंचे
संकल्प रैली में रालोसपा (ललन गुट) के विधायक ललन पासवान व सुधांशु शेखर व विधान पार्षद संजीव श्याम सिंह बैलगाड़ी से पहुंचे. हालांकि बैलगाड़ी को डाक बंगला चौराहा पर रोक दिया गया. इसके बाद वे पैदल ही गांधी मैदान पहुंचे.

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