पटना : केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने रविवार को यहां हुई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली को लेकर जो बयान दिया था, उसके बाद वह खुद सवालों से घिर गये हैं और उन्हें रैली में खुद की अनुपस्थिति पर सफाई देनी पड़ रही है. रविवार को यहां रैली चल रही थी, उसी दौरान सिंह का ट्वीट आया कि अपने लोकसभा क्षेत्र नवादा से बिहार की राजधानी आते समय वह बीमार हो गये.
रैली में उनकी गैर-मौजूदगी पर सोमवार को बिहार में विपक्षी दलों के नेताओं के चुटकी लेते हुए बयान सामने आये. मधेपुरा से लोकसभा सदस्य राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह पर चुटकी लेते हुए कहा कि उन्होंने खुद यह मानक तय किया था कि रैली में भाग नहीं लेने वाले राष्ट्र विरोधी माने जायेंगे. इस प्रकार वह खुद देशद्रोही साबित हो गये हैं. जिन्हें वह देशद्रोही मानते हैं, उन्हें धमकी देते हैं कि उन्हें पाकिस्तान भेज दिया जायेगा. अब वह अपने लिए किस देश का वीजा आवेदन करने जा रहे हैं.
राजद से निष्कासित यादव ने अपने ट्वीट के साथ ‘बिहार ने मोदी को खारिज किया’ और ‘देशद्रोही गिरिराज’ जैसे हैशटैग भी डाला जो रविवार को ट्रेंड कर रहा था. इस मुद्दे पर राजद नेता विजय प्रकाश ने यहां इस मुद्दे पर संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि गिरिराज सिंह ने अपनी ही दलील से साबित कर दिया है कि वह राष्ट्रविरोधी हैं. कुछ भी कहें, बिहार की देशभक्त जनता ने रैली को खारिज कर दिया है.
रालोसपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता फजल इमाम मलिक ने बयान जारी कर सिंह से माफी मांगने को कहा. उन्होंने सिंह को भाजपा से निष्कासित किये जाने की भी मांग की. उधर, भाजपा के विधान परिषद सदस्य नवल किशोर यादव ने इस पूरे मामले पर कहा कि हमारी पार्टी को राष्ट्रवाद के प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं है. विपक्षी दल गिरिराज सिंह के बयान को संदर्भ से परे पेश कर रहे हैं.
बिहार में भाजपा की सहयोगी जदयू ने इस पूरे विवाद से दूरी बनाकर रखी. पार्टी प्रवक्ता और विधान परिषद सदस्य नीरज कुमार ने कहा कि गिरिराज सिंह इस बारे में स्पष्टीकरण देंगे कि उन्होंने किस परिस्थिति में ऐसा कहा. हमारी पार्टी का इससे कोई लेना-देना नहीं है.
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