पटना : मां सिखाती है अपराध करना नहीं सीखने पर होती है पिटाई
रुपये लेकर भाग रहा कोढ़ा ग्रुप का सदस्य पकड़ाया, किया खुलासा पटना : कटिहार के कोढ़ा ग्रुप में शामिल सदस्यों को बचपन से अपराध करने के तरीके सिखाये जाते हैं. बच्चा जब चार से पांच साल का होता है तो लोग उसका नामांकन स्कूल में कराते हैं, लेकिन कोढ़ा में एकदम विपरीत स्थिति है. उनकी […]
रुपये लेकर भाग रहा कोढ़ा ग्रुप का सदस्य पकड़ाया, किया खुलासा
पटना : कटिहार के कोढ़ा ग्रुप में शामिल सदस्यों को बचपन से अपराध करने के तरीके सिखाये जाते हैं. बच्चा जब चार से पांच साल का होता है तो लोग उसका नामांकन स्कूल में कराते हैं, लेकिन कोढ़ा में एकदम विपरीत स्थिति है.
उनकी मां ही उन्हें बचपन से अपराध करने के तरीके सिखाती हैं और अगर कोई बच्चा नहीं सीखना चाहता है तो उसकी पिटाई की जाती है. यह सनसनीखेज खुलासा पकड़े गये कोढ़ा गिरोह के सदस्य आर्यन ने पटना पुलिस के समक्ष की है.
आर्यन ने पुलिस को बताया है कि उनके घर में ही उन्हें अपराध करने के तरीके को सिखाया जाता है. पूरा गांव ही अपराध में लिप्त है. कोढ़ा में केवल महिलाएं और बच्चे ही रहते हैं. जबकि परिवार के बड़े सदस्य देश के कोने-कोने में जा कर अपराध करते हैं.
उसकी मां ही उन्हें अपराध करने के तरीकों को सिखाती है. वह भी अपने दोस्तों के साथ कुछ दिन पहले पटना आया था और उसने मीठापुर में एक कमरा किराये पर लिया था. मकान मालिक पर विश्वास जमाने के लिए उसने कुछ दिन रिक्शा चलाया और जब वहां सभी से उसकी जान-पहचान हो गयी तो रिक्शा चलाना छोड़ दिया. इसके बाद वह छिनतई के धंधे में अपने दोस्तों के साथ लग गया.
पूरे देश में घूमता है यह गिरोह : यह गिरोह पूरे देश के अलग-अलग राज्यों में घूमते हैं. वे किसी भी राज्य में दो माह रहते हैं और वहां कई घटनाओं को अंजाम देने के बाद वापस दूसरे राज्य में चले जाते हैं. इसके कारण यह गिरोह पुलिस के हाथ नहीं आता है. पुलिस जब तक इनके करीब होती है तो ये उस जगह को छोड़ चुके होते हैं.
जमानत के लिए रखते हैं वकील : यह गिरोह इतना शातिर है कि जमानत करने के लिए वकील भी रखता है. पकड़े जाने के बाद ही इनके जमानत की प्रक्रिया शुरू हो जाती है.
कोढ़ा ग्रुप के अन्य सदस्य कानूनी प्रक्रिया करने में लग जाते हैं और वकील को उनकी जरूरत के अनुसार पैसे भी उपलब्ध कराते हैं. खास बात यह है कि पटना में यह गिरोह खाली हाथ आता है. इसके बाद सबसे पहले ये बाइक चोरी कर उस पर फर्जी नंबर लगा लूटपाट करते हैं.
बैंकों के इर्द-गिर्द रहते हैं सक्रिय
यह गिरोह बैंकों के इर्द-गिर्द सक्रिय रहता है. गिरोह का एक सदस्य बैंक के अंदर व बाहर नजर रखता है. जैसे ही कोई बैंक से पैसा निकाल कर बाइक से या पैदल निकलता है तो तुरंत ही बैंक में घूम रहा गिरोह का सदस्य अपने साथियों को सूचित करता है. इसके बाद मौका पा कर पैसा छीन लिया जाता है.