विवि नियुक्ति पर अध्यादेश के बाद नाटक करने वाला विपक्ष बेनकाब : सुशील मोदी

पटना : अध्यादेश लाकर विश्वविद्यालयों की नियुक्तियों में 13 बिंदु रोस्टर को समाप्त कर केंद्र सरकार ने 200 बिंदु रोस्टर को लागू का कर यह साबित कर दिया है कि एससी, एसटी, पिछड़ों और अतिपिछड़ों के हित की रक्षा में वह तत्पर है. इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 7, 2019 7:14 PM

पटना : अध्यादेश लाकर विश्वविद्यालयों की नियुक्तियों में 13 बिंदु रोस्टर को समाप्त कर केंद्र सरकार ने 200 बिंदु रोस्टर को लागू का कर यह साबित कर दिया है कि एससी, एसटी, पिछड़ों और अतिपिछड़ों के हित की रक्षा में वह तत्पर है. इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि एससी, एसटी और पिछड़ों के नाम पर झूठी घड़ियाली आंसू बहा कर युवकों को गुमराह करने वालों का पर्दाफास हो गया है. पीएम पैकेज पर सवाल उठाने वालों को भी आज बक्सर में 10,439 करोड़ की लागत से थर्मल पावर प्लांट की केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा स्वीकृति के बाद करारा जवाब मिला है.

सुशील मोदी ने कहा है कि केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री के संसद में आश्वस्त करने के बाद विपक्ष को यह अच्छी तरह मालूम था कि सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका खारिज होने के बाद केंद्र सरकार शीघ्र ही अध्यादेश लाने वाली है, इसलिए उसने दो दिन पहले बंद का नाटक किया. ये वे लोग हैं जिनके राज में पंचायत का चुनाव एससी, एसटी को आरक्षण आरक्षण से वंचित कर करा लिया गया तथा दर्जनों नरसंहार हुए जिनमें दलितों को गाजर-मूली की तरह काटा गया.

मालूम हो कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के निर्णय के विरोध में केंद्र सरकार बिना देरी किये सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी में गयी, एसएलपी खारिज होने के बाद पुनर्विचार याचिका दायर की. सरकार ने संसद को पहले ही आश्वस्त किया था कि अगर सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका खारिज हो जाती है तो अध्यादेश लाकर विश्वविद्यालयों के सहायक प्राध्यापकों की नियुक्ति में विभाग के आधार पर 200 बिंदुओं के रोस्टर की पूर्व की व्यवस्था लागू की जायेगी.

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बक्सर में 1320 मेगावाट के थर्मल पावर प्लांट की स्वीकृति देकर बिहारवासियों को तोहफा दिया है. सतलज विद्युत निगम इस परियोजना को 2023-24 तक पूरा करेगा तथा यहां से उत्पादित ऊर्जा का 85 प्रतिशत बिहार को मिलेगा. बिहार सरकार थर्मल प्लांट के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया पहले ही पूरी कर चुकी है.

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