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पटना : पीएम ने किया चौसा थर्मल पावर प्लांट का शिलान्यास, 2024 में तैयार होगा बिजलीघर, 2400 को मिलेगा रोजगार
नयी दिल्ली/पटना : ग्रेटर नोएडा में शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बक्सर के चौसा में स्थापित होने वाले 1320 मेगावाट क्षमता के थर्मल पावर प्लांट का शिलान्यास वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये किया. यह परियोजना ग्रीन फील्ड सुपर क्रिटिकल टेक्नोलॉजी पर आधारित है. परियोजना को सतलज जल विद्युत निगम (एसजेवीएन) लिमिटेड अपनी पूर्ण स्वामित्व वाली […]
नयी दिल्ली/पटना : ग्रेटर नोएडा में शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बक्सर के चौसा में स्थापित होने वाले 1320 मेगावाट क्षमता के थर्मल पावर प्लांट का शिलान्यास वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये किया. यह परियोजना ग्रीन फील्ड सुपर क्रिटिकल टेक्नोलॉजी पर आधारित है.
परियोजना को सतलज जल विद्युत निगम (एसजेवीएन) लिमिटेड अपनी पूर्ण स्वामित्व वाली अधीनस्थ कंपनी एसजेवीएन थर्मल प्राइवेट लिमिटेड के जरिये पूरा करेगी.
इस पर 10439 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत आयेगी. मौके पर पीएम मोदी ने यूपी के खुर्जा में सुपर थर्मल पावर की भी आधारशिला रखी. उधर, चौसा (बक्सर) में भी शिलान्यास समारोह हुआ. यहां केंद्रीय विद्युत एवं नवीकरणीय ऊर्जा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) राज कुमार सिंह, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री व स्थानीय सांसद अश्विनी कुमार चौबे, बिहार के ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव और बक्सर के विधायक संजय कुमार तिवारी मौजूद थे.
मौके पर एसजेवीएन के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक नंदलाल शर्मा, निदेशक (विद्युत) राकेश कुमार बंसल आदि भी थे. शर्मा ने बताया कि इस परियोजना से लगभग 2400 लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा. यह परियोजना क्षेत्र के औद्योगिक विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, जो रोजगार के साथ-साथ पूरे क्षेत्र के समग्र विकास के लिए सहायक सिद्ध होगी. परियोजना को वर्ष 2023-24 के दौरान पूरा किये जाने का लक्ष्य रखा गया है.
1320 मेगावाट है क्षमता, 10,439 करोड़ रुपये होंगे खर्च
660 मेगावाट की दो यूनिटें
इस परियोजना में 660 मेगावाट की दो यूनिटें होंगी. इनसे सालाना 9828 मिलियन यूनिट बिजली मिलेगी. परियोजना के लिए कोयले की सप्लाई का इंतजाम हो गया है. परियोजना के लिए कोयले की आपूर्ति कोल इंडिया लिमिटेड की एक अधीनस्थ कंपनी सेंट्रल कोल लिमिटेड (सीसीएल) करेगी.
85% बिजली बिहार को
एसजेवीएन के एमडी नंदलाल शर्मा ने बताया कि करार के अनुसार यहां उत्पादित बिजली का 85% बिहार उपलब्ध कराया जायेगा.बिजली की निकासी के लिए स्टेट ट्रांसमिशन यूटीलिटी पहले ही मंजूरी दे चुकी है.
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