पटना : अब ओजोन से प्रदूषित हो रहा है शहर

पटना : सामान्य तौर पर राजधानी की हवा में प्रदूषण की मुख्य वजह पीएम 2़ 5 को माना जाता रहा है. हालांकि मार्च के प्रथम सप्ताह में तीन दिन ऐसे रहे जब शहर की हवा को प्रदूषित करने वाले मुख्य तत्व के रूप में ओजोन गैस को चिह्नित किया गया है. यह कई मायने में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 10, 2019 7:00 AM
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पटना : सामान्य तौर पर राजधानी की हवा में प्रदूषण की मुख्य वजह पीएम 2़ 5 को माना जाता रहा है. हालांकि मार्च के प्रथम सप्ताह में तीन दिन ऐसे रहे जब शहर की हवा को प्रदूषित करने वाले मुख्य तत्व के रूप में ओजोन गैस को चिह्नित किया गया है. यह कई मायने में स्वास्थ्य के लिए पीएम 2.5 की तुलना में घातक है.
पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के आंकड़ों में वर्ष 2016, 2017 और 2018 में ओजोन की मात्रा 100 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर से कम रही है. जाहिर है कि इसे शहरी प्रदूषण के लिए ज्यादा घातक नहीं माना गया है. इस साल गर्मी शुरू होते ही ओजोन का अचानक एक हफ्ते में तीन दिन वायु प्रदूषण की मुख्य वजह के रूप में चिह्नित होना चिंताजनक है. राजधानी की हवा में इसकी मात्रा 100 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर से अधिक रही.
ओजोन गैस में इजाफे की मुख्य वजहें
ओजोन गैस की हवा में उपलब्धता सामान्य से अधिक रहने की वजह वाहनों के इंजन से उत्सर्जित गर्मी का धूप से रासायनिक क्रिया करना है.
वाहनों का धुआं भी धूप की रोशनी से क्रिया करके इसे पैदा करने में सहायक होता है. शहर में लगातार लगने वाले जाम के चलते सामान्य से अधिक समय तक इंजन गर्म हो जाता है. इससे उत्पन्न होने वाली गैसें सूर्य की किरणों से रासायनिक क्रिया करके ओजोन बना देती हैं.
लगातार बढ़ेंगे तापमान : राजधानी के तापमान में अगले कुछ दिनों तक इजाफा होने का पूर्वानुमान है. अगले पांच दिन अधिकतम 32 और न्यूनतम तापमान 16 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचेगा. पश्चिमी विक्षोभ के प्रभावी होने की उम्मीद बेहद कम है.
ओजोन गैस के साइड इफेक्ट
ओजोन गैस का सबसे घातक असर फेफड़ाें और हृदय पर पड़ता है. ओजोन गैस शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम कर देती है. इस गैस को महसूस करना भी कठिन होता है. इस गैस के चलते सबसे पहले सांस लेने में दिक्कत महसूस होने लगती है.

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