मिशन-2019 : 40 सीटों पर इस बार दिलचस्प मुकाबला, नीतीश होंगे बिहार में एनडीए का चेहरा महागठबंधन में राहुल और तेजस्वी

पटना : बिहार में लोकसभा चुनाव में एनडीए का चेहरा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार होंगे. एनडीए की स्टार प्रचारकों की टीम में पीएम मोदी व लोजपा अध्यक्ष रामविलास पासवान भी प्रमुख तौर पर रहेंगे. लेकिन, राज्य में हुए विकास कार्य व मुख्यमंत्री की छवि को आधार बना कर एनडीए चुनाव मैदान में उतरेगा. बिहार की 40 […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 11, 2019 8:26 AM
पटना : बिहार में लोकसभा चुनाव में एनडीए का चेहरा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार होंगे. एनडीए की स्टार प्रचारकों की टीम में पीएम मोदी व लोजपा अध्यक्ष रामविलास पासवान भी प्रमुख तौर पर रहेंगे. लेकिन, राज्य में हुए विकास कार्य व मुख्यमंत्री की छवि को आधार बना कर एनडीए चुनाव मैदान में उतरेगा. बिहार की 40 सीटों पर इस बार दिलचस्प मुकाबला होने वाला है. 2014 के मुकाबले बिहार में इस बार तस्वीर बदली हुई है.
2014 में भाजपा व जदयू अलग-अलग चुनाव लड़ी थी. इस बाद दोनों ही पार्टियां एक साथ एनडीए के मंच पर खड़ी है. भाजपा ने अपने बराबर की सीटें जदयू को दी है. उपेंद्र कुशवाहा की रालोसपा इस बार एनडीए से बाहर हो गयी है. उपेंद्र कुशवाहा महागठबंधन के साथ खड़े हैं.
उनके साथ पार्टी के एक सांसद रामकुमार शर्मा भी हैं. दूसरा खेमा जहानाबाद के सांसद अरुण कुमार का है. अरुण कुमार ने अपनी अलग पार्टी बना ली है. चुनाव आयोग ने उन्हें अलग चुनाव चिह्न भी आवंटित कर दिया है. तीसरा खेमा रालोसपा के दो विधायकों की है, यह खेमा जदयू के साथ खड़ा है.
रालोसपा में रहे और उपेंद्र कुशवाहा को राज्य का अगला मुख्यमंत्री के रूप में प्रोजेक्ट करने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री नागमणि ने भी उनका साथ छोड़ दिया है.
नागमणि ने जदयू के साथ आने का संकेत दिया है. फिलहाल एनडीए के साथ जदयू के अलावा लोजपा मजबूती के साथ खड़ी दिख रही है. दूसरी ओर महागठबंधन में उपेंद्र कुशवाहा और सन आॅफ मल्लाह के आने से विरोधी कुनबा अपने को दमदार मान रहा.
महागठबंधन के साथ जीतनराम मांझी और भाकपा-माले भी होगी. पिछले 43 सालों में पहली बार ऐसा मौका होगा, जब चुनावी परिदृश्य से राजद अध्यक्ष लालू बाहर होंगे. उनके वकीलों ने जमानत याचिका दाखिल की है. उन्हें जमानत मिल भी गयी, तो चुनाव प्रचार करने की इजाजत मिलेगी या नहीं, यह कोई नहीं जानता.
एनडीए
जदयू : जदयू इस बार भाजपा के साथ बराबरी की हिस्सेदारी में चुनाव मैदान में उतरेगा. जदयू को भाजपा के बराबर लोकसभा की 17 सीटें मिली हैं. जदयू के दो सांसद हैं. उस लिहाज से पार्टी को 15 सीटें इस बार अधिक लड़ने को मिली है.
भाजपा : भाजपा को 2014 में 40 में 17 सीटें मिली हैं. पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा 30 सीटों पर चुनाव लड़ी थी. जिसमें 22 उम्मीदवारों को जीत मिली थी. दो सांसद बागी हो चुके हैं. कुछ सांसदों के टिकट कटना तय माना जा रहा है.
लोजपा : लोजपा को इस बार छह लोकसभा की सीटें मिली हैं. पिछले बार सात सीटें मिली थी और छह उम्मीदवार चुनाव जीत गये. इस बार लोकसभा की छह और राज्यसभा की एक सीट दी गयी है.
महागठबंधन के दल
कांग्रेस : पिछले चुनाव में 13 सीटों पर खड़ी कांग्रेस इस बार भी इतनी ही सीटें चाह रही है. नेताओं में मीरा कुमार, निखिल कुमार, तारिक अनवर जैसे नेता उम्मीदवार होंगे.
राजद : महागठबंधन में राजद सबसे बड़ी पार्टी है. इस बार राबड़ी देवी, जगदानंद सिंह, रघुवंश प्रसाद सिंह, अब्दुल बारी सिद्दीकी जैसे नेताओं के उम्मीदवार बनने की संभावना है.
रालोसपा : एनडीए से अलग होकर महागठबंधन में शामिल होने की घोषणा से रालोसपा उत्साहित है. पिछले चुनाव में एनडीए में उसे तीन सीटें मिली थी और सभी उम्मीदवार चुनाव जीत गये थे.
वीआइपी : पहली बार चुनाव में उतरी वीआइपी को तीन सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने का मौका मिलेगा. इसके नेता मुकेश सहनी महागठबंधन में शामिल है.
हम : पूर्व सीएम जीतन राम मांझी की पार्टी महागठबंधन में शामिल है. उन्होंने नसीहत दी है कि उसे कांग्रेस के बाद की पार्टियों की तरह ही सीटों की हिस्सेदारी मिले.
2014 में भाजपा व जदयू अलग-अलग चुनाव लड़ी थी
उपेंद्र कुशवाहा की रालोसपा इस बार एनडीए से बाहर

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