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मैट्रिक व इंटर की कॉपियों का मूल्यांकन तिब्बत जनक्रांति दिवस पर सेमिनार का हुआ आयोजन पटना : तिब्बत की आजादी भारत की सुरक्षा विषय पर भारत तिब्बत मैत्री संघ बिहार की ओर से 60वां तिब्बत जनक्रांति दिवस के अवसर पर राज्य स्तरीय सेमिनार देशरत्न सभागार सदाकत आश्रम में किया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता विजय कुमार […]

मैट्रिक व इंटर की कॉपियों का मूल्यांकन
तिब्बत जनक्रांति दिवस पर सेमिनार का हुआ आयोजन
पटना : तिब्बत की आजादी भारत की सुरक्षा विषय पर भारत तिब्बत मैत्री संघ बिहार की ओर से 60वां तिब्बत जनक्रांति दिवस के अवसर पर राज्य स्तरीय सेमिनार देशरत्न सभागार सदाकत आश्रम में किया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता विजय कुमार ने की. पटना कॉलेज के पूर्व प्राचार्य प्रो नवल किशोर चौधरी ने कहा कि स्वायत्ता से ही देश का विकास होता है.
भारत तिब्बत की 3250 किलोमीटर लंबी सीमा विश्व की सबसे अधिक शांत सीमा 1949 के पहले जाना जाता था. तिब्बत पर चीनी कब्जे के बाद से भारत और तिब्बत के बीच सबसे जबरदस्त किलाबंद सीमा बन गया. इस कारण भारत को अपने आर्थिक साधनों का एक बड़ा हिस्सा विकास के बजाय इस सीमा पर खर्च करना पड़ रहा है.
सेमिनार के मुख्य अतिथि डा रघुनंदन शर्मा, पूर्व विभागाध्यक्ष, पटना विवि ने कहा कि तिब्बत का प्रश्न सिर्फ तिब्बत जनता की दूर्दशा पर चिंतित होने तक सीमित नहीं है. भारत और तिब्बत का संबंध लिखित इतिहास से भी पुराना है. राष्ट्रीय हित की दृष्टि से आजाद तिब्बत भारत के उतना ही महत्वपूर्ण है जितना तिब्बत जनता के लिए.
राष्ट्रीय लोक समिति के मंत्री चंद्रभूषण ने कहा कि सदियों से भारत और चीन के बीच कोई भी सीमा नही रही, 1949 में चीन ने जब तिब्बत पर कब्जा किया तभी से भारत की सुरक्षा खर्च बढ़ गया, हिमालय की सुरक्षा पर काफी ज्यादा खर्च करना पड़ रहा है. तिब्बत पर चीन के कब्जे से भारतीय अर्थव्यवस्था क्षीण हो रही है. इस अवसर पर भारत तिब्बत मैत्री संघ का संयोजक विजय कुमार को मनोनीत किया गया. तिब्बती लोगों के बारे में लोगों को जागरूक करेंगे.
सेमिनार को अशोक प्रियदर्शी, रूपेश, रामनाथ ठाकुर, क्रांति श्री, पुष्पा, मीना कुमारी, अजय कुमार, रामजीत कुमार आदि ने कहा चीन तिब्बत की संस्कृति को समाप्त करने पर तुला है.

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