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हाजीपुर में एनडीए को रामविलास पर भरोसा, परिवार को पारस पर
पटना : हाजीपुर लोकसभा सीट को लेकर एनडीए उलझन में हैं. भाजपा और जदयू की समझ है कि रामविलास पासवान यहां से एनडीए के उम्मीदवार हुए तो जीत पक्की है. पर, पासवान परिवार एनडीए की राय से सहमत नहीं है. परिवार का तर्क है कि रामविलास पासवान स्वास्थ्य कारणों से हाजीपुर से उम्मीदवार नही होंगे. […]
पटना : हाजीपुर लोकसभा सीट को लेकर एनडीए उलझन में हैं. भाजपा और जदयू की समझ है कि रामविलास पासवान यहां से एनडीए के उम्मीदवार हुए तो जीत पक्की है. पर, पासवान परिवार एनडीए की राय से सहमत नहीं है. परिवार का तर्क है कि रामविलास पासवान स्वास्थ्य कारणों से हाजीपुर से उम्मीदवार नही होंगे. उनकी जगह छोटे भाई और प्रदेश अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस को उम्मीदवार बनाया जाये तो भी जीत तय होगी.
लोजपा सुप्रीमो की इस तटस्थता और भाजपा की चिंता के कारण यह सवाल खड़ा हो गया है कि हाजीपुर में एनडीए का चेहरा कौन होगा? 1977 से हाजीपुर का लोकसभा में प्रतिनिधित्व कर रहे रामविलास पासवान 2019 में लोकसभा की जगह राज्यसभा में बैठने की घोषणा कर चुके हैं.
इसी कड़ी में एनडीए के सीट बंटवारे में लोजपा को लोकसभा की छह और राज्यसभा की एक सीट मिली है. लोजपा का कहना है कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह वाली राज्यसभा सीट खाली होने जा रही है, पासवान को यह सीट मिलनी चाहिये. बुधवार को पशुपति पारस ने हाजीपुर में टीम के साथ डेरा डाल दिया.
मंगलवार की शाम को वह दिल्ली से लौटे और बुधवार की सुबह हाजीपुर पहुंच गये. वह अपराह्न करीब तीन बजे तक क्षेत्र में रहे. लोजपा थिंक टैंक का मानना है कि पार्टी यदि भाजपा की सलाह मान लेती है और रामविलास चुनाव लड़ने को तैयार हो जाते हैं तो उसे राज्यसभा की सीट को लेकर नये सिरे से सोचना होगा.
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